
अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर होने वाला उपचुनाव दिलचस्प हो गया है. सपा, बीजेपी के बाद अब आजाद समाज पार्टी ने भी यहां से अपना प्रत्याशी उतार दिया है. पार्टी के मुखिया और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद 'रावण' ने सूरज चौधरी को मिल्कीपुर उपचुनाव में प्रत्याशी बनाकर बड़ा दांव लगाया है.
गौरतलब हो कि सूरज चौधरी पूर्व में समाजवादी पार्टी के नेता थे, लेकिन अब वो सपा से बागी होकर मिल्कीपुर में ताल ठोंक रहे हैं.
सूरज चौधरी के आने से मिल्कीपुर का चुनाव त्रिकोणीय हो गया है.
सूरज चौधरी कभी समाजवादी पार्टी का अहम चेहरा माने जाते थे और सपा नेता अवधेश प्रसाद के करीबी रह चुके हैं. हाल ही में उन्होंने 500 समर्थकों के साथ सपा छोड़ दी और चंद्रशेखर आजाद की भीम आर्मी से जुड़ गए. यह चुनाव उनके लिए न केवल अपनी राजनीतिक पहचान को मजबूत करने का मौका है, बल्कि समाजवादी पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती भी बन सकता है. बीजेपी की नजरें भी सूरज चौधरी की चुनावी रणनीति पर टिकी होंगी.
अगर मिल्कीपुर उपचुनाव में वोटरों की बात करें तो यहां कुल लगभग 3.62 लाख वोटर हैं, जिसमें से 1 लाख, 60 हजार दलित मतदाता हैं, जो मिल्कीपुर उपचुनाव में बड़ा उलटफेर कर सकते हैं. राजनीति के जानकार मानते हैं कि मिल्कीपुर उपचुनाव में कांग्रेस और बसपा के चुनाव न लड़ने से सपा और बीजेपी के प्रत्याशियों से निराश मतदाता आजाद समाज पार्टी के प्रत्याशी का समर्थन कर सकते हैं. हालांकि, इसका पता तो रिजल्ट वाले दिन ही चलेगा.
सपा और बीजेपी के दावेदार कौन?
मिल्कीपुर सीट पर समाजवादी पार्टी ने अजीत प्रसाद को मैदान में उतारा है, वह अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे हैं. दूसरी ओर, बीजेपी ने चंद्रभान पासवान को उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस ने सपा को सपोर्ट करने के लिए अपना उम्मीदवार नहीं उतारा. जबकि, बसपा मैदान से बाहर है. मिल्कीपुर उपचुनाव के लिए 17 जनवरी से नामांकन भरा जाएगा, 5 फरवरी को मतदान होगा और 8 फरवरी को नतीजे घोषित होंगे.