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फर्जी मार्कशीट, नौकरी का झांसा और ठगी... शिक्षा माफिया गिरोह के 2 सदस्य गिरफ्तार

मुजफ्फरनगर पुलिस ने शिक्षा माफिया गिरोह के शातिर दो सदस्य को गिरफ्तार किया है. एसपी सिटी ने बताया कि गिरोह के खिलाफ शिकायत मिलने पर पुलिस ने जांच शुरू की. फिर मुखबिर की सूचना पर यूनिक प्लाजा में दबिश दी गई और दो युवकों को गिरफ्तार किया गया. आरोपियों ने बताया कि वो बड़े गिरोह के सदस्य हैं. 

संदीप सैनी
  • मुजफ्फरनगर,
  • 06 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 10:38 PM IST

उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर पुलिस ने शिक्षा माफिया गिरोह के दो शातिर सदस्य मोहम्मद हासिन और शादाब को गिरफ्तार किया है. ये लोग भोले-भाले लोगों से मोटी रकम लेते थे. फिर जाली शैक्षणिक प्रमाण पत्र बनाकर नौकरी का झांसा देते थे. पुलिस ने इनके पास से भारी संख्या में फर्जी प्रमाण पत्र, लैपटॉप, प्रिंटर और अन्य चीजें बरामद की हैं.

दरअसल, नगर कोतवाली क्षेत्र के खालापार मोहल्ला के रहने वाले गुलनवाज ने 2 दिन पहले थाने में शिकायत की थी. उन्होंने बताया कि दसवीं की मार्कशीट बनवाकर नौकरी लगवाने का झांसा देकर उससे 18 हजार रुपये की ठगी हुई है. पुलिस ने मामले में 420, 467, 468, 471 और 120 के तहत एफआईआर दर्ज की और जांच शुरू की.

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यूनिक प्लाजा से दो युवकों को किया गिरफ्तार

एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत ने बताया कि गिरोह के खिलाफ शिकायत मिलने पर पुलिस ने जांच शुरू की. फिर मुखबिर की सूचना पर यूनिक प्लाजा में दबिश दी गई और दो युवकों को गिरफ्तार किया गया. आरोपियों ने बताया कि वो बड़े गिरोह के सदस्य हैं. 

इस गिरोह का काम अनपढ़ और परीक्षा में फेल लोगों की मार्कशीट बनाना है. इसके बाद उनको नौकरी का झांसा देना और उनसे ठगी करना है. आरोपियों के पास जो क्लाइंट आते हैं, उनसे नौकरी लगवाने के नाम पर 30 से 60 हजार रुपये वसूलते हैं.

इन सवालों के जवाब तलाशेगी पुलिस

फिलहाल, पुलिस ये पता करने की कोशिश कर रही है कि किस प्रकार ये गैंग फर्जी मार्कशीट बनाता है और कैसे यूपी ओपन स्कूल बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड करता है. ये लोग फर्जी मार्कशीट बनाकर किस तरीके से लीगलाइज करते हैं. इन्वेस्टिगेशन के दौरान इन सभी तथ्यों पर पुलिस काम करेगी.

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