
' हमारा टाइम खत्म हो गया बस. अरे नहीं बेटा ऐसे नहीं अल्ला लगा है. टाइम नहीं है हमारे पास बस टाइम खत्म है. पता नहीं दोबारा फोन कर पाएंगे नहीं कर पाएंगे...'
14 फरवरी 2025 की रात अबूधाबी की जेल से बांदा में अपने घर पर शहजादी की ये आखरी कॉल थी. इस फोन के रखने के ठीक साढ़े पाँच घंटे बाद अबू धाबी की अबाथवा जेल में शहजादी को 15 फरवरी की सुबह ठीक साढ़े पांच बजे फांसी दे दी गई थी. बकौल शहजादी, जेल के कैप्टन ने उससे उसकी आखिरी ख्वाहिश पूछी थी. इसी के बाद शहजादी ने अपनी ये आखिरी ख्वाहिश जताई की वो आखरी बार अपने मां बाप से फोन पर बात करना चाहती है. इसी के बाद जेल के कैप्टन ने फोन मिलाकर शहजादी को दिया. शहजादी के पास अपने घरवालों से बात करने के लिए सिर्फ दस मिनट थे. इसी कॉल के जरिए शहजादी ये जानकारी देती है की उसे फांसी से पहले एक अलग कमरे में शिफ्ट कर दिया गया है.
दरअसल शहजादी पर अबूधाबी में एक भारतीय परिवार के चार महीने के बच्चे के कत्ल का इल्जाम था. यूपी के बांदा की रहने वाली 29 साल की शहजादी 19 दिसंबर 2021 को अबूधाबी गई थी. शहजादी के अबूधाबी जाने की दो अलग-अलग कहानी है.
शहजादी का परिवार के मुताबिक कैसे और क्यों गई यूएई :
पहली कहानी शहजादी के परिवार की है. शहजादी के घरवालों के मुताबिक शहजादी जब आठ साल की थी तब किचन में खौलता हुआ पानी उसके चेहरे और जिस्म पर गिर पड़ा था. जिसकी वजह से उसका चेहरा जल गया. लेकिन शहजादी ने हिम्मत नहीं हारी. इसके बाद भी अपनी पढ़ाई लिखाई पूरी की कॉलेज पास किया गरीबों और बेसहारा लोगों की मदद के लिए रोटी बैंक नाम के एक NEO से जुड़ गई शहजादी का एक ही सपना था वो इतने पैसे कमा ले की प्लास्टिक सर्जरी के जरिए अपने चेहरे को ठीक करा दे. इसी दरम्यान शहजादी की मुलाकात सोशल मीडिया पर आगरा के रहने वाले उजैर से हुई. उजैर ने शहजादी को उसके झुलसे हुए चेहरे के साथ अपनाने का वादा किया था. फिर साल 2021 आया.
इलाज के नाम पर अबूधाबी जाने को हुई राजी :
उजैर ने शहजादी को उसके चेहरे का इलाज कराने के नाम पर अबूधाबी जाने के लिए राजी कर लिया. करीब 90 हजार और कुछ जेवर लेकर शहजादी अबू धाबी पहुँच गई. अबू धाबी में उजैर ने उसे अपनी फूफा और फूफी के घर भेज दिया. फूफा नाजिया अबू धाबी की अल नाहयान यूनिवर्सिटी में पढ़ाती है. दरअसल नाजिया ने एक बच्चे को जन्म दिया था उसे घर में एक नैनी चाहिए थी नाजिया ने आगरा में रहने वाले उजैर को ये बात बताई. उजर ने शहजादी को झांसे में लिया और करीब डेढ़ लाख रुपए में शहजादी को उनकी फूपी के घर नौकरानी बनाकर भेज दिया.
सच्चाई का हो गया था आभास :
शहजादी पढ़ी लिखी थी कुछ दिनों में ही उसे सच्चाई का एहसास हो चूका था. अब वो खुद अपनी नौकरी करना चाहती थी ताकि पैसे कमा कर चेहरा ठीक कर सके. वो बार बार नाजिया से बाहर नौकरी करने के लिए इजाजत मांग रही थी. और इसी बीच नाजिया के घर एक हादसा हो गया 06 दिसंबर 2022 को नाजिया के चार महीने के बच्चे को टीका लगा था. पर टीका लगने के कुछ घंटे बाद ही उसकी मौत हो गई. बच्चे की मौत के कुछ वक्त बाद अब शहजादी वापस भारत आने की ज़िद करने लगी पर पासपोर्ट नाजिया और उसके शौहर के पास था. बच्चे की मौत के ठीक 54 दिन बाद 10 फरवरी 2023 को नाजिया और फैज ने शहजादी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई शिकायत ये थी की शहजादी ने ही उनके बच्चे का कत्ल किया है. इसी के बाद पुलिस ने शहजादी को गिरफ्तार कर लिया. अब शहजादी पर मुकदमा चलता है. पहले अबू धाबी की निचली अदालत में और फिर सबसे बड़ी अदालत में. फिर बाद में दोनों ही अदालत शहजादी को फांसी की सजा सुना देती है.
परिवार कहता रहा, शाहजादी को फंसाया गया:
शहजादी के परिवार का ये शुरू से ही कहना था की शहजादी बेकसूर है और उसे झूठे मामले में फंसाया गया. शहजादी के परिवार ने यूपी के ही एक लड़के के खिलाफ शहजादी को फंसाने के सिलसिले में बाकायदा फिर भी दर्ज करवा रखी है. हालांकि दूसरी तरफ अबूधाबी में रहने वाले भारतीय परिवार ने जिसके चार महीने के बच्चे का कत्ल हुआ था उनका कहना है की शहजादी ने पहले पुलिस और फिर अबू धाबी की कोर्ट के सामने बाकायदा अपना जुर्म कबूल किया था.
फैज के परिवार का ये है कहना :
अब दूसरी कहानी नाजिया और फैज के परिवार की इस कहानी के मुताबिक बच्चे की देखभाल के लिए उन्हें एक सहायक चाहिए थी. उन्होंने आगरा में रहने वाले अपने रिश्तेदार उजैर से किसी सहायक का इंतजाम करने को कहा. उजैर ने शहजादी का नाम सुझाया जिसके बाद फैज और नाजिया ने बाकायदा वीडियो कॉल के जरिए शहजादी का इंटरव्यू लिया उसे सारा काम बताया और फिर उसकी तनख्वाह बताई. जब शहजादी तैयार हो गई तब उन्होंने उसे अबू धाबी बुला लिया. नाजिया और फैज के मुताबिक शहजादी ने खुद पहले पुलिस और बाद में कोर्ट के सामने अपना जुर्म कबूल किया. उसने बताया की उसने गुस्से में बच्चे के नाक और मुंह पर हाथ रख कर उसे मार डाला. परिवार का कहना है एकलौते बच्चे की मौत का सदमा आज भी पूरा परिवार झेल रहा है. यहाँ तक की नाजिया इसी वजह से दोबारा माँ नहीं बन पा रही.