
उदित राज ने आकाश आनंद को हटाए जाने के बाद बीएसपी कार्यकर्ताओं से कांग्रेस में शामिल होने का आग्रह किया. उन्होंने मायावती पर निशाना साधते हुए कहा, उनके कामों से उनकी (मायावती) पार्टी का पतन हो रहा है. बीएसपी में दलितों या ओबीसी के लिए कोई मिशन नहीं बचा है.
दरअसल, बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने रविवार को अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया. आकाश आनंद की जगह उनके पिता और पार्टी महासचिव आनंद कुमार और राज्यसभा सांसद राम जी गौतम को बीएसपी का नेशनल को-ऑर्डिनेटर बनाया गया है. इस घटनाक्रम के कुछ घंटों पर कांग्रेस नेता उदित राज ने बीएसपी कार्यकर्ताओं से कांग्रेस में शामिल होने की अपील की.
रविवार को एक बयान में उदित राज ने मायावती की आलोचना करते हुए दावा किया कि उनके कामों की वजह से उनकी पार्टी का पतन हो रहा है. उन्होंने कहा, 'मायावती अपनी पार्टी को खत्म कर रही हैं और बीएसपी में दलितों या ओबीसी के लिए कोई मिशन नहीं बचा है.'
इससे पहले उदित राज ने 17 फरवरी को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी बीएसपी सुप्रीमो में विवादित टिप्पणी की थी. उन्होंने मायावती को सामाजिक न्याय का दुश्मन बताया था और कहा कि ...आज हमारे कृष्ण ने मुझे कह दिया है जो अपना दुश्मन है, जो सामाजिक न्याय का दुश्मन है उसे सबसे पहले मार दो. मैने प्रेस रिलीज में लिख दिया है वो सिर्फ मायावती हैं, जिन्होंने सामाजिक आंदोलन का गला घोंटा. अब उनका गला घोंटने का समय आ गया है.'
उन्होंने अपना रुख दोहराते हुए कहा, 'मैंने 17 फरवरी को कहा था कि मायावती बहुजन आंदोलन का गला घोंट रही हैं. तब मेरा मतलब था कि समाज को इसे पहचानना चाहिए और उनसे दूरी बना लेनी चाहिए.'
राज ने अपनी पिछली टिप्पणियों के बाद उन्हें मिली धमकियों पर भी विचार किया और कहा, 'मुझे उस बयान के लिए धमकाया गया था और मेरे सिर पर इनाम भी रखा गया था.'
उन्होंने आगे बीएसपी में स्पष्ट मिशन न होने की कमी के लिए आलोचना की और कहा, 'बीएसपी में संविधान की रक्षा या दलितों और ओबीसी पर अत्याचारों के खिलाफ या निजीकरण के खिलाफ कोई लड़ाई नहीं बची है.'
अपनी टिप्पणी के अंत में कांग्रेस नेता ने बीएसपी कार्यकर्ताओं से पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, 'जो लोग मुझसे नाराज थे, उन्हें अब ये समझ लेना चाहिए कि मेरा इरादा उन्हें स्थिति से अवगत कराना था.'