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शाहजहांपुर में मनाई जाती है अनोखी होली, लाट साहब की जूते और झाड़ू से की जाती है पिटाई  

शाहजहांपुर की होली पूरे देश में सबसे अनोखी होती है. यहां बड़े लाट साहब और छोटे लाट साहब के जुलूस निकाले जाते हैं. इस दौरान संप्रदायिक विवाद न हो इसके लिए जुलूस के रास्ते में पड़ने वाली 32 से ज्यादा मस्जिदों को ढंक दिया जाता है. सुरक्षा के लिए मस्जिद के बाहर पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाती है.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
विनय पांडेय
  • शाहजहांपुर,
  • 03 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 8:18 AM IST

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में मनाई जाने वाली होली पूरे देश में सबसे अनोखी होती है. यहां जूतामार होली खेली जाती है. होली से 5 दिन पहले ही यहां मस्जिदों को तिरपाल से ढंक दिया जाता है, ताकि मस्जिद में रंग न पड़े और कोई सांप्रदायिक विवाद न हो. साथ ही शहर में निकलने वाली जुलूस के रास्ते में पड़ने वाली 32 से ज्यादा मस्जिदों को ढंक दिया जाता है. 

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जानकारी के मुताबिक, शाहजहांपुर में होली के दौरान 24 जुलूस निकलते हैं. इनमें दो प्रमुख जुलूस होते हैं. पहला बड़े लाट साहब का जुलूस और दूसरा छोटे लाट साहब का जुलूस होता है. उसमें एक शख्स को लाट साहब बनाकर भैंसा गाड़ी पर बैठाया जाता है. फिर उसे जूते और झाड़ू मार कर पूरे शहर में घुमाया जाता है.  

अंग्रेजों के प्रति आक्रोश प्रकट करते हैं लोग

इस दौरान आम लोग लाट साहब को जूते फेंककर मारते हैं. बता दें कि अंग्रेजों के प्रति अपना आक्रोश प्रकट करने के लिए यहां ऐसा किया जाता है. जुलूस में पहले कई बार ऐसा हुआ है कि मस्जिदों पर लोगों ने रंग डाल दिया और विवाद हो गया. इसके बाद से ही आपसी सहमति के बाद जुलूस के रास्ते में पड़ने वाली 32 से ज्यादा मस्जिदों को होली के पांच दिन पहले ही ढंक दिया जाता है. 

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शाहजहांपुर जैसी होली दुनिया में कहीं नहीं होती होगी

यहां की जूतामार होली खेलने की परंपरा दशकों पुरानी है. सांप्रदायिक सौहार्द खराब न हो इसके लिए पुलिस और प्रशासन हर थाना स्तर पर पीस मीटिंग का आयोजन करता है. वहीं, पुलिस अधीक्षक एस आनंद का कहना है कि शाहजहांपुर जैसी होली दुनिया में शायद ही कहीं मनाई जाती होगी. यहां पर 24 जुलूस निकलते हैं. शहर में दो प्रमुख जुलूस बड़े लाट साहब और छोटे लाट साहब का जुलूस निकला जाता है. 

ड्रोन के जरिए जुलूस पर रखी जाएगी नजर 

पुलिस अधीक्षक एस आनंद ने आगे बताया कि हर साल की तरह इस बार भी सुरक्षा के लिए उतना ही फोर्स मिला है. इसमें एक कंपनी पीएसी, एक कंपनी आरपीएफ और सिविल पुलिस अतिरिक्त है. होली के जुलूस के लिए पीस कमेटी की मीटिंग की गई है. इसमें कानून व्यवस्था बनी रहे और ढाई से 3 घंटे निकलने वाले जुलूस में कोई घटना न हो और आपसी भाईचारा बना रहे. साथ ही ड्रोन के जरिए भी जुलूस पर नजर रखी जाएगी.

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