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बलिया, आजमगढ़ सहित कई जिलों में पाकिस्तान खुफिया एजेंसी से जुड़े संदिग्धों की तलाश, कई हिरासत में

कुछ संदिग्ध लोग सेना और अन्य सुरक्षा बलों के अधिकारियों को हनी ट्रैप में फंसाकर गोपनीय जानकारियां पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव्स (PIO) को भेज रहे हैं. खुफिया एजेंसियों को इनपुट मिला था कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में कुछ लोग पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के इशारे पर काम कर रहे हैं.

UP ATS (File photo : PTI) UP ATS (File photo : PTI)
संतोष शर्मा
  • लखनऊ,
  • 04 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 2:02 PM IST

उत्तर प्रदेश एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (ATS) ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के लिए काम करने वाले संदिग्धों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया है. यह सर्च ऑपरेशन आजमगढ़, बलिया समेत कई जिलों में किया गया, जिसमें कई संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.

हनी ट्रैप के जरिए भेजी जा रही थी खुफिया जानकारी

सूत्रों के अनुसार, ये संदिग्ध लोग सेना और अन्य सुरक्षा बलों के अधिकारियों को हनी ट्रैप में फंसाकर गोपनीय जानकारियां पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव्स (PIO) को भेज रहे थे. खुफिया एजेंसियों को इनपुट मिला था कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में कुछ लोग पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के इशारे पर काम कर रहे हैं. इसके बाद यूपी एटीएस ने एक व्यापक रणनीति बनाकर इन संदिग्धों की निगरानी शुरू की और फिर विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की गई.

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ATS ने कई संदिग्धों को हिरासत में लिया

ATS की टीमों ने आजमगढ़ और बलिया के अलावा अन्य जिलों में भी संदिग्धों के ठिकानों पर छापेमारी की. इस दौरान कई लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिनसे गहन पूछताछ की जा रही है. प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि ये लोग सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से भारतीय सेना से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां पाकिस्तान तक पहुंचा रहे थे.

संदिग्धों के डिजिटल उपकरण जब्त, बैंक खातों की हो रही जांच

ATS को छापेमारी के दौरान कई डिजिटल डिवाइस, संदिग्ध दस्तावेज और अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले हैं. इनमें मोबाइल फोन, लैपटॉप, सिम कार्ड और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस शामिल हैं. टीम इनकी फॉरेंसिक जांच कर रही है ताकि पता लगाया जा सके कि किन-किन लोगों से संपर्क किया जा रहा था और कौन-कौन इस नेटवर्क का हिस्सा था. इसके अलावा, संदिग्धों के बैंक खातों और फंडिंग के स्रोतों की भी जांच की जा रही है.

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राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा, एजेंसियां अलर्ट पर

ATS के सूत्रों का कहना है कि इस ऑपरेशन का मकसद पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों के नेटवर्क को ध्वस्त करना है. भारत की सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील जानकारी लीक करना देश की संप्रभुता के लिए खतरा बन सकता है. ऐसे में यूपी एटीएस पूरी मुस्तैदी से इस ऑपरेशन को अंजाम दे रही है.

जल्द होंगे और बड़े खुलासे

ATS के अधिकारी अब तक मिली जानकारी को केंद्रीय एजेंसियों के साथ साझा कर रहे हैं. इस ऑपरेशन के बाद आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं. फिलहाल सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं और इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश जारी है.

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