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यूपी उपचुनाव: मिल्कीपुर से बीजेपी के उम्मीदवार चंद्रभान पासवान, राजनीति से अलग भी एक खास पहचान

अयोध्या जिले के परसौली गांव में जन्मे चंद्रभान पासवान का जीवन संघर्षों से भरा रहा. 3 अप्रैल 1986 को बाबा राम लखन के घर जन्मे चंद्रभान ने बी.कॉम और एल.एल.बी. की डिग्री हासिल की है लेकिन उन्होंने करियर के रूप में राजनीति की दिशा में कदम बढ़ाना चुना. भारतीय जनता पार्टी की जिला कार्यसमिति के सदस्य के रूप में उनकी सक्रियता ने उन्हें गांव-गांव और समुदायों के बीच लोकप्रिय बना दिया. 

मिल्कीपुर से बीजेपी के उम्मीदवार चंद्रभान पासवान मिल्कीपुर से बीजेपी के उम्मीदवार चंद्रभान पासवान
aajtak.in
  • अयोध्या,
  • 14 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 11:47 PM IST

अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव होने वाले हैं. भारतीय जनता पार्टी ने यहां से चंद्रभान पासवान को मैदान में उतारा है. समाजवादी पार्टी पहले ही अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को यहां से प्रत्याशी घोषित कर चुकी है. अवधेश प्रसाद की तरह चंद्रभान पासवान पासी समाज से आते हैं. 

अयोध्या जिले के परसौली गांव में जन्मे चंद्रभान पासवान का जीवन संघर्षों से भरा रहा. 3 अप्रैल 1986 को बाबा राम लखन के घर जन्मे चंद्रभान ने बी.कॉम और एल.एल.बी. की डिग्री हासिल की है लेकिन उन्होंने करियर के रूप में राजनीति की दिशा में कदम बढ़ाना चुना. भारतीय जनता पार्टी की जिला कार्यसमिति के सदस्य के रूप में उनकी सक्रियता ने उन्हें गांव-गांव और समुदायों के बीच लोकप्रिय बना दिया. 

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सिर्फ राजनीति तक सीमित नहीं है पहचान

चंद्रभान की पत्नी कंचन पासवान 2015 और 2021 दोनों में जिला पंचायत सदस्य चुनी गईं. 2021 के चुनाव में उन्होंने रुदौली चतुर्थ से 11,382 मत पाकर जिले में सर्वाधिक मतों से जीत हासिल की. चंद्रभान के पिता, बाबा राम लखन 2010 और 2021 में ग्राम प्रधान के रूप में चुने गए.

चंद्रभान की पहचान केवल राजनीति तक सीमित नहीं है. उन्होंने अयोध्या में साधु-संतों और श्रद्धालुओं की सेवा के लिए 84 कोसी परिक्रमा, 14 कोसी और पंचकोसी परिक्रमा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. नवरात्रि के दौरान उनके निजी आवास पर दुर्गा मंदिर और शिव मंदिर में विशाल भंडारे का आयोजन होता है.

संकट के समय जरूरतमंदों के काम आए चंद्रभान

कोविड-19 महामारी के दौरान, जब लोग भय और संकट में थे, तब चंद्रभान ने जरूरतमंदों को राशन, भोजन, मास्क, और सैनेटाइजर उपलब्ध कराए. प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए वाहन की भी व्यवस्था की. उन्होंने श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण निधि संग्रह अभियान में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. बरसात के मौसम में जब बाढ़ पीड़ित लोग बेसहारा हो जाते हैं, तब चंद्रभान लोगों के लिए मदद लेकर उनके बीच पहुंचते हैं.

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