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UP: बिजलीकर्मियों की हड़ताल से बिजली-पानी को तरसे लोग, त्राहिमाम कर रही जनता सड़कों पर उतरी

उत्तर प्रदेश में विद्युत कर्मचारियों के हड़ताल का असर अब गांव के बाद शहर में भी देखने को मिल रहा है. सरकार की सख्ती का भी कर्मचारियों पर असर नहीं पड़ रहा है. क्या गांव और क्या शहर, हर जगह लोग परेशान हैं. बिजली गुल होने से लोगों के सामने पानी की भी समस्या पैदा हो गई है. 

हड़ताल के बाद परेशान लोग सड़कों पर उतरे हड़ताल के बाद परेशान लोग सड़कों पर उतरे
उदय गुप्ता
  • लखनऊ,
  • 19 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 4:38 PM IST

उत्तर प्रदेश में बिजली अधिकारियों की हड़ताल के बाद राज्य के कई शहरों और गांवों में बिजली-पानी का संकट गहरा गया है. सरकार भले ही राहत देने की बात कर रही हो, लेकिन हकीकत ये है कि परेशान लोग सड़क पर तक उतर आए हैं. यूपी में करीब 1 लाख बिजली कर्मचारी 72 घंटे की हड़ताल पर हैं. इस आंदोलन में जो खास बात है वो ये है कि रेगुलर बिजली कर्मियों के साथ, संविदाकर्मी और आउटसोर्सिंग पर रखे गए विद्युत कर्मी भी आंदोलन को धार दे रहे हैं. 

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एजेंसी के मुताबिक यूपी के ऊर्जी मंत्री एके शर्मा ने दावा किया है कि बिजली विभाग के 1,332 संविदा कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई है. वहीं, अधिकारियों का कहना है कि 22 बिजली कर्मियों पर अत्यावश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (ESMA) की धारा के तहत केस भी दर्ज कर लिया गया है. सरकार की सख्ती के बावजूद भी कर्मचारी अपनी मांगों से पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हैं. तो आइए जानते हैं कि बिजली कर्मियों की हड़ताल के बाद यूपी के प्रमुख शहरों की क्या स्थिति है-

बनारस में भी दिख रहा है असर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी का बनारसी साड़ी का मुख्य व्यवसाय भी इससे अछूता नहीं है. वाराणसी के चौक क्षेत्र में साड़ी व्यवसाय की सबसे पुरानी मंडी कुंज गली में आज चौथा दिन है जब बिजली कटी हुई है. इसके चलते कई साड़ी की दुकानों के शटर तक नहीं उठे थे और जो दुकानें खुली भी थी, वह या तो मोबाइल टॉर्च या तो मोमबत्ती का सहारा लेकर जैसे-तैसे अपना काम चला रही थी. जो बाजार कभी स्थानीय या देश-विदेश से आने वाले खरीदारों से अटा पड़ा रहता था आज वहां सन्नाटा छाया हुआ है. 400 से भी ज्यादा दुकानें बनारस के कुंज गली की गलियों में बताई जाती हैं, जो अभी अंधेरे की चपेट में थी. जहां से रोजाना होने वाला करोड़ो का टर्नओवर भी प्रभावित हो गया है. 

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ग्रामीण इलाकों में जहां नलकूप बंद पड़े हैं और फसलों की सिंचाई तक नहीं हो पा रही है. तो वहीं दूसरी तरफ शहरी इलाकों में बाजार से लेकर सड़क गली चौराहा और यहां तक कि सरकारी इमारतों में भी बिजली की किल्लत शुरू हो गई है.

लखनऊ में डीएम ने शुरू करवाई बिजली

बिजली कर्मचारियों की हड़ताल का असर राजधानी लखनऊ में भी दिखाई दिया जहां कुछ इलाकों में बिजली कटौती की समस्या रही है. यहां डीएम ने इलेक्ट्रिसिटी कर्मचारियों की हड़ताल के बीच एक ख़ुद एक सब स्टेशन पर जाकर लाइट संचालन शुरू करवाया. बहुत देर से लखनऊ के  फैज़ुल्ला गंज क्षेत्र में बिजली ना आने से लोग परेशान थे. जिसकी सूचना डीएम सूर्यपाल गंगवार को मिली जिसके बाद ख़ुद पहुँचकर इलेट्रिक्सिटी सप्लाई शुरू करवायी. हालांकि राजधानी में बिजली सप्लाई जारी है लेकिन पुराने लखनऊ समेत बाहरी इलाकों में कटौती चल रही है.

फर्रुखाबाद में प्रशासन का एक्शन

विद्युत कर्मियों की हड़ताल के चलते जनपद में हालात खराब होने के चलते प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई करते हुए 13 संविदा कर्मियों की सेवाएं समाप्त कर दी है. बिजली कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से हालात खराब होने लगे थे. जिसके चलते जिला प्रशासन सक्रिय हुआ और 132 केवीए बिजली घर राजेपुर व अमृतपर क्षेत्र के चारों केंद्रों की 33 केवीए की लाइन में बिजली कर्मियों द्वारा फाल्ट कर बिजली व्यवस्था बाधित करने की साजिश रची गई थी. साजिश को उजागर करते हुए बिजली कर्मियों को चिन्हित कर 13 संविदा बिजली कर्मियों की सेवाए समाप्त कर दी गईं. जनपद कि शहरी क्षेत्र में बिजली व्यवस्था सुचारू रूप से चल रही है, लेकिन कर्मचारियों की हड़ताल पर जाने ग्रामीण क्षेत्र के लगभग 100 गांव की बिजली अभी भी ठपु है. वही कोल्ड स्टोरेज फीडर बंद होने से कोल्ड स्टोरेज में होने वाली विद्युत आपूर्ति भी बाधित चल रही है.

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मुजफ्फरनगर में कई घंटों से बत्ती गुल

विद्युत कर्मचारियों की हड़ताल के चलते उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद के भी कई हिस्सों में 24 घंटे से भी अधिक समय से बत्ती गुल है, इसके चलते जनता जगह-जगह सड़कों पर निकल कर विद्युत विभाग के खिलाफ प्रदर्शन करती नजर आ रही है. हालात को देखते हुए जिला प्रशासन के द्वारा रुड़की रोड स्थित बिजलीघर के 10 कर्मचारियों के विरुद्ध मुकदमा भी दर्ज कराया गया है, लेकिन हड़ताल पर कर्मचारी टस से मस नहीं हुए. हालात यह है कि जनपद में जगह-जगह नलकूपों पर पानी के लिए जान लंबी-लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं, तो वहीं कुछ लोग इस समय का फायदा उठाते हुए रेडी पर जनरेटर रखकर लोगों से पानी का टैंक भरवाने के एवज में 100 से 500 रुपये तक ले रहे हैं.

पीलीभीत में लोगों ने मंगवाए जनरेटर
विद्युत कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से आम जनता को अब खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, जिसके चलते जनपद पीलीभीत में बीते 17 मार्च और 18 मार्च को जो भी फीडर खराब हुआ वो खराब ही है, उस फीडर से जुड़े गांव और  मोहल्लों  में अंधेरा छाया हुआ है. खराब फीडर को बिजली विभाग के कर्मचारियों द्वारा सही नहीं किया जा रहा है जिसके चलते अभी तक गांव में और अब शहर में भी बिजली आपूर्ति पूरी तरह से ठप पड़ी  है. जनपद के पीलीभीत मुख्यालय में अभी लाइट की व्यवस्था थोड़ी बहुत ठीक है लेकिन कस्बा पूरनपुर और बीसलपुर में बिजली की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. अब बिजली विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने आम पब्लिक का फोन उठाना भी बंद कर दिया है. मजबूरन लोगों को जनरेटर लगाकर बिजली की सप्लाई लेनी पड़ रही है. 

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लोगों ने आपस में मिलजुल कर किराए पर जरनेटर मंगाये हैं लेकिन आलम यह है कि अब किराए पर जरनेटर भी नहीं मिल पा रहे हैं. लोगों ने बताया कि बच्चों के पेपर चल रहे हैं और अब इनवर्टर भी डाउन हो गए हैं इन्वर्टर चार्ज करने के लिए और टैंक में पानी भरने के लिए हम लोगों ने घरों के बाहर किराये पर जरनेटर लगा रखे हैं जिससे सप्लाई मिल रही है, लेकिन आखिर यह हम लोग कब तक करेंगे.

इटावा में सड़कों पर उतरे लोग
विद्युत कर्मचारियों की हड़ताल का असर सबसे अधिक शहर में दिखाई दे रहा है. लाइट खराब हुई या लाइट किसी कारण से आपूर्ति बाधित हो गई तो उसको ठीक करने के लिए कोई भी इंजीनियर मौजूद नहीं है.  जिला प्रशासन निरंतर विद्युत सुचारु करने के लिए प्रयासरत है लेकिन जब बिजली 24 घंटे हो गए आपूर्ति बंद है, ऐसी स्थिति में घरों में पानी की किल्लत हो रही है और इनवर्टर भी डाउन हो चुके हैं. इटावा शहर के पुरबिया टोला मोहल्ले वासियों का सब्र का बांध आखिर टूट गया. रात से गई हुई बिजली पूरे दिन नहीं आई तो देर रात महिलाएं पुरुष सभी लोगों ने सड़क जाम कर धरने पर बैठ गए और विद्युत आपूर्ति के लिए गुहार लगाने लगे. घरों में पानी की किल्लत हो चुकी है, टंकियां खाली हो चुकी है और इनवर्टर भी डाउन हो चुके हैं.

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बिजनौर में भी बत्ती गुल
विद्युत कर्मचारियों की 72 घंटे के हड़ताल के चलते बिजनौर के कई क्षेत्रों में विद्युत व्यवस्था ठप हो गई है. एक तरफ हड़ताल और दूसरी और रात में हुई बारिश के बाद बिजली व्यवस्था लगभग ठप हो गई है. आज जिला मुख्यालय पर भी सवेरे 6:00 बजे से लेकर कई घंटे बीतने के बाद भी बिजली व्यवस्था पूरी तरह ठप पड़ी है, जिस कारण लोगों को बिजली के साथ-साथ पानी के लिए भी परेशान होना पड़ रहा है.

गाजियाबाद में जनता की दिक्कतें बढ़ीं
उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारी हड़ताल कर रहे हैं और लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं,  बिजली कर्मचारियों की हड़ताल का असर कई जगहों पर नजर आने लगा है. गाजियाबाद में भी बिजली कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर 72 घण्टे का धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. नारेबाजी धरनारत कर्मचारियों द्वारा की जा रही हैं. बिजली कर्मचारियों की हड़ताल का हल्का असर यहां बिजली सप्लाई की आपूर्ति सुचारू रखने में पड़ रहा है. अगर हड़ताल लम्बी चलती है, तो यहां लोगो को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.

चंदौली में चरमराई व्यवस्था

बिजली विभाग के कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने के कारण जनपद के बिजली व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा चुकी है. मुख्यालय को छोड़कर चकिया, शाहबगंज, मुगलसराय, सैयदराजा, बबुरी सहित तमाम क्षेत्रों के ग्रामीण अंचलों में विद्युत विभाग के कर्मचारियों का हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिल रहा है. शासन और प्रशासन के लोग भले ही दावा कर रहे हो कि विद्युत व्यवस्था बहाल हो जाएगी और किसी प्रकार की उपभोक्ताओं को परेशानी नहीं होगी, लेकिन हकीकत ये है कि उपभोक्ता परेशान हैं. 

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मुरादाबाद में भी जनता परेशान
उत्तर प्रदेश के विद्युत कर्मचारियों का सरकार द्वारा उनकी मांगों को न मानने पर लगातार विरोध प्रदर्शन जारी है, मुरादाबाद में भी विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है. ऊर्जा मंत्री ए के शर्मा ने भी प्रदर्शनकारियों को लगातार सचेत किया है. यहां तक कि कुछ कर्मचारियों पर सरकार द्वारा बर्खास्तगी की कार्यवाही भी हो चुकी है. इन सबकी वजह से जनता त्राहिमाम कर रही है और बिजली पानी का संकट पैदा हो गया है.

रायबरेली के हजार गांवों में बत्ती गुल
रायबरेली में भी हड़ताल का असर देखने को मिल रहा है. रायबरेली के 3000 गांवों में करीब 1000 गांव ऐसे हैं जहां पर बिजली गुल है. शहरी क्षेत्र के करीब 70 मोहल्लों में बिजली का संकट अनवरत जारी है और लोगों को पीने के पानी तक खत्म हो गया है. बिजली विभाग की हड़ताल ने आम जनमानस के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवाओं को भी प्रभावित किया है. एम्स और जिला अस्पताल में कई घंटे बिजली गुल रही. हालांकि रुक रुक कर जनरेटर के माध्यम से इसे दूर करने का प्रयास किया गया.

प्रयागराज में हैंडपंप पर लगी कतार
बिजली कर्मचारियों की हड़ताल का असर अब आम जनजीवन पर भी पड़ने लगा है. शहर के कई इलाकों में बिजली ने होने से लोगों की परेशानी बढ़ने लगी है. लोगों को बिना बिजली के न पानी मिल पा रहा है और न समय से खाना बन पा रहा है. पानी के लिए हैंडपैंप के सामने लंबी कतारें दिख रही है. वहीं बिजली न होने से अपनो को हाँथ के पंखों से हवा दी जा रही है. कई जगहों पर लोगों ने चक्का जाम कर अपना विरोध जताया. चाहे शहर करेली इलाका हो या चौक,कटरा हो या फिर सिविल लाइंस, ज्यादातर मुहल्लों में कई घंटों से बिजली नही है, हड़ताल के कारण फाल्ट सुधर नही रहा है. वहीं बिजली न मिलने से लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त जैसा हो गया है.

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कानपुर में बिजली कर्मियों में पड़ी फूट
उत्तर प्रदेश में चल रही बिजली कर्मियों की हड़ताल में हड़ताली कर्मचारी अब उन कर्मचारियों को धमकी देने लगे हैं जो उनकी हड़ताल की घोषणा को ना मानकर सरकार के साथ खड़े हैं और ड्यूटी पर तैनात हैं. कानपुर में सैकड़ों संविदा कर्मी हड़ताल के बावजूद ड्यूटी पर तैनात हैं. इस वजह से जो हड़ताली कर्मचारी हैं संविदा कर्मियों को फोन करके धमकी दे रहे हैं. कानपुर संविदा कर्मी एसोसिएशन के महामंत्री ने अपने कर्मचारी को मिली धमकी को लेकर केस्को एमडी से शिकायत की है. संविदा कर्मी एसोसिएशन के महामंत्री आरोप है कि उनके कर्मचारी जो जरीब चौकी पर पावर स्टेशन पर काम करता था, उसका नाम सुरेंद्र कुमार है. उसको किसी जेई ने फोन करके धमकी दी है जिसके रिकॉर्डिंग भी है.
 
फतेहपुर में 19 संविदा कर्मियों की नौकरी गई
 फतेहपुर जिले में  विभाग में कार्यरत 19 संविदा कर्मियों की सेवाएं जिला प्रशासन के निर्देश पर समाप्त कर दी गई हैं. वही कुछ और संविदा कर्मियों की नौकरी पर प्रशासन की तलवार लटक रही है. इस बीच जिले के हरिहरगंज बिजली उपकेंद्र में तैनात अवर अभियंता (JE) कल्लू राम यादव, पुत्तन, अरविंद, अश्विन, राजेश, विकास सहित उपकेंद्र में तैनात 7 बिजली कर्मियों पर एफआईआर दर्ज हुई है. दर्ज कराई गई एफआईआर के मुताबिक, जेई कल्लूराम यादव पर आरोप हैं कि उन्होंने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर जानबूझकर हरिहरगंज उपकेंद्र की सप्लाई पिछले 48 घण्टे से बाधित कर रखी है, जिसके चलते क्षेत्र के लोग पेयजल आदि की समस्या से जूझ रहे हैं.

गाजीपुर में डीएम ने बनाया कंट्रोल रूम

गाज़ीपुर में जिला प्रशासन ने हड़ताली विद्युत कर्मियों पर सख्त एक्शन लिया है, आउटसोर्सिंग के 37 कर्मियों को बर्खास्त किए जाने का प्रस्ताव हुआ है, जबकि 12 पर एफआईआर हुई है. गाज़ीपुर में बिजली समस्या को देखते हुए कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है और डीएम-एसपी इसे विभागीय अधिकारियों की मदद से खुद मॉनिटर कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश में विद्युतकर्मी तीन दिवसीय यानी 72 घंटे की हड़ताल पर हैं. बीते कल कुछ इलाकों में बिजली की सप्लाई बाधित रही जिस को दुरुस्त करने के लिए आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के माध्यम से बिजली व्यवस्था को बहाल कराया गया. बिजली व्यवस्था को लेकर आम जनमानस की सुविधा के लिए कंट्रोल रूम भी बनाया गया है. जिसका नंबर 9453047253 और बिजली व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए जिला प्रशासन के द्वारा भी कलेक्ट्रेट में 24 घंटे सेवा के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है जिसका लैंडलाइन नंबर 0548-2224041 है.

देवरिया में विद्युत व्यवस्था चरमराई

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में करीब 48 घंटे से अधिक समय से चल रही बिजली कर्मियों की हड़ताल से शहर समेत ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की व्यवस्था लड़खड़ा गई है. जनपद में 42 फीडर है जिसमें से 10 फीडर में ज्यादे दिक्कतें आ रही है. राजस्व विभाग के कर्मचारियों की भी डियूटी लगाई गई है. कुछ संविदा कर्मियों के सहारे बिजली फाल्ट को ठीक किया जा रहा है. पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के अधीक्षण अभियंता ने बताया कि इस समय लगभग हर जगह विद्युत आपूर्ति बहाल है, केवल तीन इलाके (सलेमपुर के बनकटिया दूबे, भींगारी बाजार और बनकटा) ऐसे है जहां हड़ताल का असर है और फीडर यहां विद्युत आपूर्ति चालू करने के लिए फाल्ट को ठीक कराया जा रहा है.

आजमगढ़
आजमगढ़ विद्युत कर्मियों की चल रही 72 घंटे की हड़ताल का नजारा यह है कि सरकार द्वारा लाख वार्निंग और कार्रवाई करने के बावजूद भी विद्युत कर्मी अपनी मांगों को लेकर कायम है. इस इस हड़ताल का असर जिले की बिजली व्यवस्था पर इतना पड़ा है कि सारी व्यवस्थाएं ध्वस्त नजर आ रही हैं.  कल कारखाने, व्यवसायिक प्रतिष्ठान और घरेलू उपभोक्ता हड़ताल से प्रभावित हैं. हालांकि इस संबंध में स्थानीय प्रशासन द्वारा कुशल टेक्नीशियन और कर्मचारियों के सहयोग से बिजली व्यवस्था को सुचारु रुप से चालू रखने का दावा भी कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत में सारे दावे प्रशासन के फेल है. लगभग 80% इलाका बिजली के अभाव में चल रहा है.

(इनपुट- अभिषेक मिश्रा, आशीष श्रीवास्तव, सौरभ, अभिषेक, अमित तिवारी, जगत गौतम, पंकज श्रीवास्तव, रंजय सिंह, नितेश श्रीवास्तव, विनय कुमार सिंह, रोशन जायसवाल, संजय, मयंक गौड़, राजीव कुमार)

 

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