
उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति (Gayatri Prasad Prajapati) की जमानत याचिका को लखनऊ हाईकोर्ट की डबल बेंच ने खारिज कर दिया है. जस्टिस विवेक चौधरी और जस्टिस मोहम्मद फैज आलम खान की डबल बेंच ने यह फैसला सुनाया. प्रजापति पिछले साढ़े तीन साल से रेप के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं.
जानकारी के अनुसार, गायत्री प्रजापति ने अपनी सजा को रद्द करने और जमानत पाने के लिए हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दाखिल की थी. इस मामले में अदालत ने 10 सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे आज सुनाते हुए याचिका खारिज कर दी गई.
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गायत्री प्रजापति को साल 2017 में एक महिला द्वारा लगाए गए गैंगरेप के आरोपों के बाद गिरफ्तार किया गया था. अदालत ने उन्हें दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी. इसके बाद से प्रजापति जेल में हैं. कई बार गायत्री प्रजापति ने जमानत के लिए अर्जी डाली, लेकिन हर बार याचिका खारिज कर दी गई. हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद प्रजापति को जमानत नहीं मिल पाई है. वह अपनी सजा पूरी करने के लिए जेल में ही रहना होगा.
गायत्री प्रजापति पर क्या थे आरोप?
समाजवादी पार्टी की सरकार में गायत्री प्रसाद प्रजापति खनन मंत्री रह चुके हैं. गायत्री और छह अन्य लोगों पर चित्रकूट की एक महिला ने अपनी नाबालिग बेटी के साथ गैंगरेप का आरोप लगाया था. महिला का कहना था कि वह मंत्री गायत्री प्रजापति से मिलने उनके आवास पर पहुंची थी.
इसके बाद मंत्री और उनके साथियों ने उसे नशीली चीज दे दी और फिर नाबालिग बेटी के साथ गैंगरेप किया. इस मामले की शिकायत पुलिस से किए जाने के बाद गायत्री प्रजापति की तरफ से पीड़िता के परिवार को धमकी देने की बात भी सामने आई थी.