
मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट में आधी से ज्यादा सजा काट चुके पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की जमानत याचिका हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मंजूर कर ली है. इसके बावजूद उनकी जेल से रिहाई नहीं हो सकेगी. क्योंकि उनपर रेप का भी एक मामला चल रहा है, जिसमें उन्हें उम्रकैद की सजा मिली हुई है.
लोकायुक्त की रिपोर्ट के आधार पर यूपी पुलिस की विजिलेंस यूनिट ने साल 2020 में समाजवादी पार्टी की सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ केस दर्ज कर आय से अधिक संपत्ति मामले में जांच शुरू की थी. विजिलेंस की ओर से दर्ज किए गए इस केस को आधार बनाते हुए ईडी ने गायत्री के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी.
नाबालिग से रेप मामले में मिली है उम्रकैद
करीब 3.5 साल से जेल में बंद गायत्री प्रसाद ने जमानत के लिए अर्जी डाली थी. इसे अब मंजूर कर लिया गया है. ईडी के इस केस में जमानत मिलने के बावजूद गायत्री प्रसाद प्रजापति को फिलहाल जेल में ही रहना होगा. क्योंकि बीते शुक्रवार को ही नाबालिग से रेप के मामले में हाईकोर्ट के डबल बेंच ने इनकी जमानत याचिक खारिज कर दी थी.
इस वजह से नहीं हो पाएगी रिहाई
रेप मामले में सुनाई गई सजा को खारिज करने के लिए गायत्री प्रजापति ने जमानत याचिक दी थी. हाईकोर्ट की डबल बेंच से जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए इसे खारिज कर दिया था. फिलहाल गायत्री प्रजापति को लोअर कोर्ट से मिली सजा के साथ-साथ विजिलेंस में दर्ज केस भी उनकी रिहाई में बड़ा रोड़ा है.