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उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले की एक अदालत ने एक नाबालिग लड़की का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने के मामले में तीन लोगों को दोषी करार देते हुए 20-20 वर्ष का सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. अदालत ने तीनों पर 30-30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. मामला करीब छह साल पुराना है.
न्यूज एजेंसी के अनुसार, विशेष लोक अभियोजक अशोक सिंह ने शनिवार को बताया कि विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो अधिनियम) राजेश नारायण मणि त्रिपाठी की अदालत ने अभियोजन व बचाव पक्ष के गवाहों और अधिवक्ताओं को सुनने के उपरांत तीनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए 20-20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा और उन पर 30-30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
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13 वर्षीय किशोरी के साथ दिया घटना को अंजाम
अदालत ने निर्देश दिया कि जुर्माने की आधी रकम पीड़िता को दी जाए. घटना के संदर्भ में सिंह ने बताया कि जिले के कौड़िया थाना क्षेत्र की निवासी एक महिला ने 24 मार्च 2018 को स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी 13 वर्षीय बेटी नित्य क्रिया के लिए गन्ने के खेत में गई थी, तभी गांव के संदीप पाल व संचित पाल और 17 वर्षीय एक किशोर उसे बहला फुसलाकर ले गए और उसके साथ दुष्कर्म किया. उनके चंगुल से छूटकर लड़की जब घर लौटी, तब मामले की जानकारी दी.
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पुलिस ने मामला दर्ज कर विवेचना करने के उपरांत तीनों आरोपियों के खिलाफ दुष्कर्म व अपहरण की धाराओं में आरोप पत्र दायर किया. सेशन परीक्षण के दौरान अदालत ने तीनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई.