
महाकुंभ के संगम क्षेत्र में बुधवार को भगदड़ मचने से 10 से अधिक लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए. इस दौरान करोड़ों श्रद्धालु मौनी अमावस्या के अवसर पर पवित्र स्नान करने के लिए जगह की तलाश में थे. उत्तर प्रदेश सरकार ने हताहतों की संख्या के बारे में कुछ नहीं बताया, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगदड़ में अपने परिजनों को खोने वाले श्रद्धालुओं के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की और इस त्रासदी को बेहद दुखद बताया.
इस बीच यूपी के मंत्री का विवादित और असंवेदनशील बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा कि ऐसी छोटी-मोटी घटनाएं होती रहती हैं. यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने कहा, "जहां जगह हो वहीं स्नान करें श्रद्धालु. जहां इतनी बड़ी भीड़ होती है, इतना बड़ा प्रबंधन होता है, वहां ऐसी छोटी मोटी घटना हो जाती है."
हालांकि बयान पर आलोचना होने के बाद मंत्री की सफाई भी सामने आई. उन्होंने कहा कि ये जुबान की चूक थी और बयान निकल गया. इस घटना से सभी लोग दुखी हैं. घटना को छोटी नहीं मान रहे हैं. ये बड़ी घटना है.
विपक्षी नेताओं ने बनाया मुद्दा
वहीं इस घटना को लेकर विपक्षी नेता लगातार यूपी सरकार की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर रहे हैं. अखिले यादव ने मांग की कि महाकुंभ में 'विश्वस्तरीय व्यवस्था' का दावा करने वालों को भगदड़ की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पदों से इस्तीफा दे देना चाहिए. उन्होंने कहा, 'महाकुंभ में आए संत समुदाय और श्रद्धालुओं में व्यवस्था के प्रति विश्वास फिर से स्थापित करने के लिए यह जरूरी है कि महाकुंभ का प्रशासन और प्रबंधन तत्काल उत्तर प्रदेश सरकार के बजाय सेना को सौंप दिया जाए.'
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उन्होंने कहा, 'अब जबकि विश्वस्तरीय व्यवस्था करने के दावों की सच्चाई सबके सामने आ गई है, तो जो लोग इसके बारे में दावा कर रहे थे और झूठा प्रचार कर रहे थे, उन्हें इस दुर्घटना में मारे गए लोगों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पदों से इस्तीफा दे देना चाहिए.'
यूपी कांग्रेस के अजय राय ने भगदड़ पर दुख व्यक्त करते हुए कहा, "महाकुंभ में मौनी अमावस्या के स्नान के दिन भगदड़ के कारण कई लोगों के मारे जाने तथा घायल होने की खबर दुखद है. यह दुखद घटना इस मेले की अव्यवस्था और उत्तर प्रदेश सरकार की विफलताओं को उजागर करती है. योगी सरकार ने सारा पैसा सिर्फ अपनी ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर खर्च कर दिया, महाकुंभ में आए श्रद्धालुओं की व्यवस्थाओं पर नहीं. यह इस सरकार की असंवेदनशीलता को दर्शाता है."
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ममता बनर्जी ने भी किया पोस्ट
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को दावा किया कि प्रयागराज में महाकुंभ में सुबह-सुबह भगदड़ जैसी स्थिति में "कम से कम 15 तीर्थयात्रियों" की मौत हो गई. उन्होंने शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की. बनर्जी ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा "महाकुंभ में हुई दुखद भगदड़ के बारे में जानकर मुझे बहुत दुख हुआ है, जिसमें कम से कम 15 निर्दोष लोगों की जान चली गई. मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं शोक संतप्त तीर्थयात्रियों के परिवारों के साथ हैं. हमारे गंगासागर मेले से मैंने यही सीखा है कि लोगों की विशाल भीड़ में तीर्थयात्रियों के जीवन से संबंधित मामलों में अधिकतम योजना और देखभाल होनी चाहिए. दिवंगत आत्माओं के लिए प्रार्थना."
बंगाल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी घटना पर दुख व्यक्त किया. उन्होंने कहा, "बहुत दर्द महसूस हो रहा है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री नारा दिया था कि आस्था के साथ अर्थव्यवस्था भी. 2 लाख करोड़ का आंकड़ा भी दिया था. सरकार का ध्यान अर्थव्यवस्था और VIP लोगों पर ज़्यादा रह गया, सुविधाओं पर ध्यान नहीं दिया गया. तभी श्रद्धालुओं को जान गवानी पड़ी."