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UP निकाय चुनाव: बृजेश पाठक, नंदी, बृजभूषण, दिनेश ...BJP के वो दिग्गज जिनके इलाके में नहीं खिल पाया कमल

उत्तर प्रदेश के नगर निकाय चुनाव में बीजेपी ने भले ही क्लीन स्वीप कर दिया हो, लेकिन योगी सरकार के कई मंत्रियों के गढ़ में पार्टी को करारी मात मिली है. बृजेश पाठक अपने कस्बे की सीट नहीं बचा सके तो नंद गोपाल नंदी और दयाशंकर मिश्र दयालु जैसे मंत्रियों के बूथ पर कमल नहीं खिल सका.

बृजेश पाठक, नंद गोपाल नंदी, बृजभूषण शरण सिंह, दिनेश प्रताप सिंह बृजेश पाठक, नंद गोपाल नंदी, बृजभूषण शरण सिंह, दिनेश प्रताप सिंह
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली ,
  • 15 मई 2023,
  • अपडेटेड 2:25 PM IST

उत्तर प्रदेश के नगर निकाय चुनाव में बीजेपी ने भले ही सभी 17 मेयर सीटों पर कब्जा जमाकर इतिहास रच दिया हो लेकिन पार्टी के तमाम दिग्गज नेताओं और योगी सरकार के मंत्रियों के क्षेत्र में बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ा है. पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के गढ़ में बीजेपी हारी तो डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के गांव में कमल नहीं खिल सका. 

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कल्याण सिंह के अतरौली में बीजेपी हारी
पूर्व सीएम कल्याण सिंह के क्षेत्र अतरौली में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है. अतरौली से खुद बेसिक शिक्षा मंत्री और कल्याण सिंह के पौत्र संदीप सिंह विधायक हैं. इसके बावजूद बीजेपी को जीत नहीं दिला सके. इस सीट पर सपा उम्मीदवार वीरेंद्र सिंह लोधी ने बीजेपी उम्मीदवार और निवर्तमान चेयरमैन पवन वर्मा को हराया है. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी यहां पर चुनावी सभा की थी. 

बृजेश पाठक के कस्बे में बीजेपी हारी
डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के गृह नगर हरदोई के मल्लावां में बीजेपी की करारी हार हुई है. बीजेपी  प्रत्याशी  सुशीला देवी पर चौथे नंबर पर रहीं जबकि बृजेश पाठक ने उनके लिए एक बड़ी जनसभा और रोड शो भी किया था. यहां से निर्दलीय प्रत्याशी तबस्सुम जीती हैं. बीजेपी की करारी से चर्चा गर्म हो गई है.  

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मंत्री रजनी तिवारी के गढ़ में मिली मात
योगी सरकार में शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी के क्षेत्र शाहाबाद में भी बीजेपी को करारी शिकस्त मिली है. रजनी तिवारी शाहाबाद से विधायक हैं. उन्होंने कई दावेदारों को दरकिनार कर संजय मिश्र को शाहाबाद नगर पालिका सीट से बीजेपी प्रत्याशी बनवाया था. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक ने यहां चुनावी जनसभा की थी जबकि रजनी तिवारी ने भी गली-गली घूमकर पार्टी प्रत्याशी के लिए वोट मांगे थे.  इसके बावजूद सपा प्रत्याशी नसरीन बानो ने संजय मिश्रा को साढ़े चार हजार वोटों से हरा दिया है. 

मंत्री दिनेश प्रताप सिंह के गढ़ में शिकस्त
योगी सरकार के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह और बीजेपी की विधायक अदिति सिंह के गढ़ रायबरेली में बीजेपी को करारी मात मिली है. नगर पालिका अध्यक्ष पद के प्रत्याशी शत्रोहन सोनकर ने 17,775 मतों के अंतर से रिकॉर्ड जीत दर्ज कराई जबकि बीजेपी प्रत्याशी शालिनी कनौजिया को शिकस्त मिली है. इस सीट पर योगी आदित्यनाथ खुद प्रचार करने आए थे. दिनेश प्रताप सिंह और आदिति सिंह ने गली-गली घूमकर वोट मांगे, लेकिन बीजेपी को जीत नहीं दिला सके. 

मंत्री मयंकेश्वर शरण भी अपना गढ़ नहीं बचा सके 
योगी सरकार में हाई प्रोफाइल माने जाने वाले मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह भी अपना गढ़ नहीं बचाए रख सके. मयंकेश्वर शरण के तिलाई क्षेत्र और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के अमेठी लोकसभा क्षेत्र में आने वाली जायस नगर पालिका सीट बीजेपी ने गवां दी है. जायस सीट से कांग्रेस प्रत्याशी मनीषा सिंह चौहान ने 3580 वोटों से जीत दर्ज की. उन्होंने बीजेपी की बीना सोनकर को हराया. यह हार बीजेपी के लिए बड़ा झटका मानी जा रही है. 

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बृजभूषण शरण सिंह के गढ़ में हारी बीजेपी
बीजेपी सांसद बृज भूषण शरण सिंह के गढ़ गोंडा में बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा है.गोंडा नगर पालिका अध्यक्ष सीट पर सपा उम्मीदवार उजमा राशिद ने  3439 वोटों से जीत दर्ज की है. नवाबगंज नगर पालिका परिषद से निर्दलीय उम्मीदवार डॉ. सतेंद्र सिंह जीते. बीजेपी की यह हार बृजभूषण के लिए बड़ी चोट मानी जा रही है.  

मंत्री दिनेश खटिक की बहन हारीं चुनाव 
यूपी सरकार के राज्यमंत्री दिनेश खटीक अपनी बहन को चुनाव नहीं जीता सके. हस्तिनापुर सीट से विधायक दिनेश खटीक ने अपनी दो बहनों को चुनाव मैदान में उतारा था. एक बहन वर्षा मोघा सहारनपुर के सरसावां से दूसरी बहन सुधा देवी मेरठ की हस्तिनापुर सीट से चुनावी मैदा में उतरी थीं. सरसावां से मंत्री की बहन वर्षा मोघा तीसरे नंबर पर रहीं जबकि दूसरी बहन हस्तिनापुर नगर पालिका से जीत गई .

मंत्री जसवंत सैनी के गढ़ में हारी बीजेपी 
सहारनपुर के रामपुर मनिहारान नगर पंचायत सीट पर योगी सरकार में राज्यमंत्री जसवंत सैनी की साख जुड़ी हुई थी, लेकिन मतदाताओं ने बीजेपी को सिरे से नकार दिया है. जसवंत सैनी ने खूब मशक्कत की और मतगणना स्थल पर जमकर बवाल मचा, लेकिन बसपा की रेनू ने बीजेपी की सुशीला देवी को करारी मात देकर अपना कब्जा जमा. हालांकि, जसवंत सैनी पर बीजेपी प्रत्याशी को जबरन जिताने का आरोप भी लगे और कहा गया कि सर्टिफिकेट भी तैयार हो गया था, लेकिन हंगामे के बाद जाकर बसपा प्रत्याशी के सिर जीत का ताज सज सका. 

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मंत्री-सांसद के बूथ पर हारी बीजेपी
यूपी सरकार के दिग्गज राज्यमंत्री बलिया के रहने वाले डॉ.दयाशंकर मिश्र दयालु के वार्ड 66 मध्यमेश्वर  पर सपा का पार्षद चुना गया. यह वार्ड मंत्री के प्रतिष्ठा से जुड़ा हुआ था. जिसके चलते गली-गली घूमकर प्रचार भी किया. मतदान के दिन वह ज्यादातर समय मैदागिन चौराहे पर ही मौजूद दिखे  लेकिन बीजेपी को जीत नहीं दिला सके. 

वहीं, योगी सरकार में मंत्री नंद गोपाल नंदी के वार्ड में पार्टी का प्रदर्शन बेहद लचर रहा. नंदी के वार्ड संख्या 80 मोहित्समगंज में बीजेपी प्रत्याशी विजय वैश्य तीसरे नंबर पर रहे. यही नहीं मंत्री नंदी और उनकी पत्नी पूर्व मेयर अभिलाषा गुप्ता नंदी ने ठाकुरदीन जूनियर हाईस्कूल में मतदान किया और यहां के दोनों ही बूथों पर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा. प्रयागराज से बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी अपने वार्ड से बीजेपी को जीत नहीं दिला सकीं.   

 

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