
यूपी के गोरखपुर में बीते रविवार को चेकिंग के दौरान पुलिस ने 50 लाख रुपये पकड़े थे. इसके बाद दारोगा ने उन पैसों को सरकारी खजाने में जमा नहीं कराया बल्कि अपने घर में ही रख लिया. इस मामले में एसएसपी ने एक्शन लेते हुए आरोपी दारोगा आलोक सिंह को सस्पेंड कर दिया है. यह मामला तब सामने आया, जब खुद को कारोबारी बताने वाले एक शख्स ने पुलिस में तहरीर दी कि जो पैसा जब्त किया गया है, वो पूरा मेरा है.
नवीन श्रीवास्तव नाम के शख्स ने तहरीर में कहा कि मैं एक कारोबारी हूं और व्यापार के सिलसिले में रोजाना रुपयों का कलेक्शन करके देर शाम घर लौटता हूं, उसके बाद अगले दिन उन्हें बैंक में जमा करता हूं. इसी तरह बीते तीन अप्रैल को मैं अपने भाई गगन के साथ 50 लाख रुपये थैले में रखकर सुबह करीब छह बजे बेनीगंज चौराहे की ओर बाइक से जा रहा था. इस दौरान वहां मौजूद दारोगा ने हमें एनकाउंटर की धमकी देकर 50 लाख रुपये लूट लिए.
कैसे पकड़ा गया 50 लाख का कैश?
कारोबारी ने बताया, जब हम बेनीगंज चौकी के पास पहुंचे तो वहां चौकी प्रभारी आलोक सिंह और उनके साथ 3-4 लोग सादे कपड़े में खड़े हुए दिखाई दिए. दारोगा ने हमें रुकने का इशारा किया. मेरे भाई ने बाइक रोकी तो दारोगा ने हमसे जांच करने के लिए और पूछा कि थैले में क्या रखा है? जब हमने अपने बारे में बताया और थैले में 50 लाख रुपये होने की बात कही, यह सुनते ही दारोगा और वहां खड़े लोग एक-दूसरे को देखकर को इशारा करने लगे तभी मैंने दारोगा के साथ खड़े एक शख्स को पहचान लिया, जिसका नाम प्रिंस श्रीवास्तव था. मैं पहले भी उससे कई बार मिल चुका था.
उन्होंने बताया कि हमारी बात सुनकर दारोगा ने मुझसे बैग ले लिया और कहने लगे कि चुनाव के समय इतना पैसा बिना अनुमति के कहां लेकर जा रहे हो? जरूर यह पैसा चोरी या लूट का होगा. तुम लोग व्यापारी नहीं हो यह कहते हुए दरोगा ने रुपये से भरा बैग ले लिया और चौकी के अंदर चले गए. दारोगा रुपये गिनने लगे. बैग में रखी 500 की 100 गड्डिया गिनकर कहा कि ये तो पूरे 50 लाख रुपये हैं. अब तुम दोनों को लूट के आरोप में जेल भेजता हूं.
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कारोबारी ने बताया कि दारोगा ने कैसे छोड़ा
नवीन श्रीवास्तव ने बताया कि हम लोग बुरी तरह गए थे. हमने उनसे गिड़गिड़ाकर कहा कि आप इन रुपयों की जांच करा लें, लेकिन दारोगा ने कहा कि अब जेल जाने के बाद ही पता चलेगा. तभी प्रिसं ने दारोगा से कहा कि मैं इनसे बात करता हूं. फिर वो हमें चौकी से बाहर लेकर आया और कहने लगा कि तुम दोनों को जेल में डालने से बचा सकता हूं. बस तुम कह देना कि साहब, रुपयों की जांच कर लें, हमें घर जाने दें, झूठे मुकदमे में जेल न भेजें. हम दोपहर में आकर अपना पैसा वापस ले जाएंगे.
इसके बाद मैं और मेरा भाई गगन डर की वजह से उनकी बातों में आ गए. हमें पता था कि हमारे साथ अब साजिश हो रही है और सब दारोगा से मिले हुए हैं. हमने यही बातें दारोगा से कहीं तो दरोगा ने हमसे कहा कि ठीक है, तुमको छोड़ रहा हूं, लेकिन इन रुपयों की मैं जांच कराऊंगा.
कारोबारी के दावे पर भी उठ रहे सवाल
नवीन श्रीवास्तव ने बताया है कि ये उनके कारोबार का पैसा है तो आखिर उनका क्या व्यापार है कि 50 लाख की कैश वसूली होती है. उनके महीने भर का टर्नओवर कितने का है. सवाल ये भी है कि यह वसूली एक दिन की है या कई दिनों से वसूल कर रखा था. जब वो पैसा लेकर जा रहे थे उस समय सुबह छह बज रहे थे तो फिर पैसा वसूली कर लौट रहे थे या फिर बैंक में जमा करने जा रहे थे. इतना पैसा सुबह-सुबह कहां मिलेगा और न ही छह बजे बैंक खुलते हैं. जब उनका खुद का पैसा था तो फिर पुलिस को सूचना देने में इतने दिन क्यों लग गए?
दारोगा के घर से 44 लाख कैश बरामद
नवीन श्रीवास्तव की सूचना के बाद पुलिस ने आरोपी दारोगा के घर पर छापेमारी की तो वहां से 44 लाख रुपये कैश बरामद हुआ. इसके बाद एसएसपी ने संज्ञान लेते हुए बेनीगंज चौकी प्रभारी आलोक सिंह के खिलाफ आईपीसी की अलग-अलग धाराओं में केस दर्ज कर लिया है और उन्हें सस्पेंड कर दिया है. वहीं इस पूरे मामले की जांच एसएसपी ने एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई को सौप दी हैं.
गोरखपुर SSP ने इस मामले में क्या बताया?
इस मामले में गोरखपुर के एसएसपी गौरव ग्रोवर ने बताया कि दरअसल हवाला के रुपये पकड़े जाने पर किसी ने शिकायत नहीं की इसलिए कर्तव्य का पालन न करने पर बेनीगंज चौकी प्रभारी को निलंबित किया गया है और उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है. आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है.
गोरखपुर पुलिस पर पहले भी लग चुके हैं कई दाग!
हाल ही में गोरखपुर में छेड़खानी के मामले में पूछताछ के लिए लाए गए युवक की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी. इसके बाद काफी बवाल हुआ था. परिजनों ने हाइवे पर शव को रखकर प्रदर्शन किया था, जिसके बाद एसओ, चौकी इंचार्ज समेत 15 अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया था.
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इसी तरह साल 2021 में कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता अपने दोस्तों के साथ गोरखपुर के एक होटल में ठहरे हुए थे, जब पुलिसकर्मी उनके कमरे में दाखिल हो गए थे. इसके बाद उन्होंने कथित रूप से पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. इस मामले में गोरखपुर के छह पुलिसकर्मियों को आरोपी बनाया गया था.