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UP Nikay Chuanv: मेयर चुनाव में खाता तक नहीं खोल सकी सपा, फिर भी अखिलेश को मिली खुशी की वजह

UP Nikay Chuanv Result 2023: उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव के परिणाम घोषित हो चुके हैं, इनमें अभी तक मेयर चुनाव में सपा को निराशा ही हाथ लगी है. इसके बाद भी सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक ऐसा ट्वीट किया है, जिसमें अखिलेश ने खुशी जाहिर की है. इस ट्वीट में अखिलेश ने कर्नाटक में भाजपा की हार को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है.

सपा प्रमुख अखिलेश यादव. (File Photo) सपा प्रमुख अखिलेश यादव. (File Photo)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 13 मई 2023,
  • अपडेटेड 4:14 PM IST

उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव में समाजवादी पार्टी BJP से बुरी तरह पिछड़ गई है. मेयर इलेक्शन में सपा का खाता तक नहीं खुला. वहीं कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बहुमत मिलता नजर आ रहा है. इसके बाद भी सपा प्रमुख अखिलेश यादव को खुश होने की वजह मिल गई है. अखिलेश ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार को लेकर ट्वीट किया है.

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इस ट्वीट में अखिलेश यादव ने भाजपा का निशाना साधते हुए लिखा है- 'कर्नाटक का संदेश ये है कि भाजपा की नकारात्मक, सांप्रदायिक, भ्रष्टाचारी, अमीरोन्मुखी, महिला-युवा विरोधी, सामाजिक-बंटवारे, झूठे प्रचारवाली, व्यक्तिवादी राजनीति का ‘अंतकाल’ शुरू हो गया है. ये नये सकारात्मक भारत का महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार व वैमनस्य के खिलाफ सख्त जनादेश है.'

बता दें कि यूपी में 17 नगर निगम चुनावों को लेकर काउंटिंग हुई. इसमें सपा एक भी सीट पर खाता नहीं खोल सकी. बीजेपी सभी 17 सीटों पर जीत गई है. इसी बीच यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने ट्वीट किया है. इस ट्वीट के जरिए उन्होंने भाजपा पर हमला बोला.

यह भी पढ़ेंः UP Nikay Chunav Result: काउंटिंग से पहले ही इन 163 सीटों के परिणाम हुए घोषित, जानें वजह

यूपी नगर निकाय चुनाव के साथ ही कर्नाटक विधानसभा चुनाव की 224 सीटों के नतीजे आ चुके हैं. अभी तक के रुझान के मुताबिक, कर्नाटक में कांग्रेस पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बना रही है. बीजेपी की इसी हार पर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट किया है. 

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यूपी में अखिलेश को बड़ा झटका

यूपी के नगर निकाय चुनाव में समाजवादी पार्टी को नगर निगम में शून्य सीट हासिल हुई है. अखिलेश को बड़ा झटका लगा है. उनके लिए यह चुनाव काफी महत्वपूर्ण रहा, क्योंकि उनके पिता और सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद यह पहला चुनाव है, जिसमें उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती अपने आप को साबित करने की थी.

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