
नब्बे के दशक से रामनगरी अयोध्या यूपी के साथ ही देश की सियासत के केंद्र में रही है. लोकसभा चुनाव हो, विधानसभा चुनाव हो या निकाय चुनाव, इस सीट पर सभी की नजरें टिकी रहती हैं. 2017 में अयोध्या पहली बार नगर निगम बना था. इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निकाय चुनावों के लिए प्रचार की शुरुआत भी अयोध्या से ही की थी.
यहां से बीजेपी ने ऋषिकेश उपाध्याय को मैदान में उतारा था, जिन्हें जीत भी दर्ज की थी. इस बार बीजेपी ने गिरीश पति त्रिपाठी पर भरोसा जताया था और उन्होंने इसे कायम रखा है. त्रिपाठी ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी आशीष पांडे दीपू को 35625 मतों से हराया है. त्रिपाठी को 48.67 फीसदी वोट (77494) मिले हैं.
जानिए, इस सीट पर जीत के मायने
लोकसभा चुनाव से पहले इस सीट पर जीत दर्ज करने के लिए बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक रखी थी. सीएम योगी अन्य सीटों के साथ ही यहां खास नजर बनाए हुए थे. इस सीट पर जीत के कई मायने भी हैं. 2024 में मकर संक्रांति के बाद राम मंदिर का गर्भगृह भी भक्तों के लिए खोला जाना है.
बीजेपी राम मंदिर को लेकर कितना मुखर रही है, ये भी किसी से छिपा नहीं है. अब आगामी चुनाव में बीजेपी को इसका फायदा मिलना तय माना जा रहा है. क्योंकि बीजेपी के लिए निकाय चुनाव में यहां जीत दर्ज करना लिटमस टेस्ट था.
योगी आदित्यनाथ का अयोध्या पर रहा है खास फोकस
दरअसल, मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही योगी आदित्यनाथ का फोकस अयोध्या पर रहा है. हर खास मौके पर उन्होंने अयोध्या को बेहद खास बनाने का काम किया. दिवाली का मौका आया तो सीएम योगी आदित्यनाथ खुद वहां पहुंच गए.
दिवाली समारोह का ऐसा आयोजन कराया गया, जो पहले कभी नहीं हुआ. भगवान राम के लौटने पर जिस अंदाज में दिवाली मनाई गई थी, उसी तर्ज पर अयोध्या नगरी को सजाया गया. योगी आदित्यनाथ लाव-लश्कर के साथ यहां पहुंचे और दिवाली का पर्व मनाया.
कई करोड़ रुपये के विकास कार्यों की सौगात दी
योगी आदित्यनाथ जब प्रचार पर निकले तो उन्होंने इसका श्रीगणेश अयोध्या से ही किया. अयोध्या पहुंचकर निकाय चुनाव में जनता से पार्टी के पक्ष में वोट की अपील की. योगी आदित्यनाथ ने बतौर मुख्यमंत्री अयोध्या का दौरा किया तो वहां उन्होंने हनुमानगढ़ी के दर्शन किए और पूजा-अर्चना की.
इसके साथ ही रामलला के दर्शन भी किए और सरयू नदी के तट पर आचमन के अलावा घाटों का निरीक्षण भी किया. साथ ही कई करोड़ रुपये के विकास कार्यों की सौगात दी. उसके बदले अयोध्यावासियों ने निकाय चुनाव में इसका फल बीजेपी उम्मीदवार को दिया.