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UP निकाय चुनाव: आरक्षण की नई नीति से कई कई दावेदारों सपने हुए चकनाचूर, तो कई के जागे अरमान

उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव आरक्षण की नई नीति घोषित हो गई है. इसके बाद से ही कई दावेदारों के लिए कहीं खुशी, तो कहीं गम जैसे हालात हो गए हैं. आरक्षण ने कई सीटों का गणित बदलकर रख दिया है और कई दावेदारों के हाथ मायूसी भी लगी है.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
आलमगीर
  • संत कबीरनगर,
  • 01 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 11:14 AM IST

उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव को लेकर सरकार द्वारा सीटों की आरक्षण की सूची भी जारी कर दी गई है. इस सूची को देखने के बाद लंबे समय से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे कई दावेदार मायूस हो गए हैं. वहीं कई ऐसे भी हैं जिनके अरमान फिर से जग गए हैं. कुल मिलाकर निकाय चुनाव की तैयारी में जुटे प्रत्याशियों में कहीं खुशी और कहीं गम वाला माहौल है. उत्तर प्रदेश का संत कबीर नगर भी इससे अछूता नहीं रहा है. 

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उम्मीदों पर फिरा पानी

संत कबीर नगर एकलौता नगर पालिका परिषद और 7 नगर  नगर पंचायतों वाला जिला है. जिसमें हाल ही में चार  नगर पंचायत नए बनाए गए नगर पंचायत हैसर बाजार, नगर पंचायत बेलहर , नगर  पंचायत हरिहरपुर, नगर  पंचायत धर्मसिंगवा नगर पंचायत बखीरा, नगर पंचायत मगहर और नगर पंचायत मेहदावल शामिल है. इनमें से चार नगर पंचायतों का सृजन हाल ही में किया गया है. जिसका भवन निर्माण चुनाव के बाद किया जाएगा इसमें भी एक लंबी फेहरिस्त है दावेदारों की, वहीं आरक्षण को लेकर दावेदारों में किसी की उम्मीद जगी है तो किसी की उम्मीदों पर पानी फिर है.

संत कबीर नगर जिले में शासन ने हाल ही में नगर पालिका परिषद खलीलाबाद की सात नगर पंचायतों के आरक्षण पर  सूची जारी कर दी है. सूची के बाद कई लोगों के चेहरे पर मायूसी दिखी तो कई चेहरे पर खुशियां. वहीं निकाय चुनाव से जुड़े संबंधित अधिकारी ADM अभिनव रंजन श्रीवास्तव ने बताया कि शासन से जारी सूची के अनुसार नगर पालिका परिषद खलीलाबाद के अध्यक्ष पद उम्मीदवार की सीट अनारक्षित हुई है.

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1- नगर पंचायत हैसर बाजार  अनुसूचित जाति महिला 

2- नगर पंचायत बेलहर कला अनारक्षित

3- नगर पंचायत हरिहरपुर अनारक्षित

4- नगर पंचायत धर्म सिंह व पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित

5- नगर पंचायत बाघनगर बखिरा अनारक्षित

6- नगर पंचायत मगहर पिछड़ा वर्ग 

7- नगर पंचायत मेहदावल  महिला के लिए आरक्षित

बिना चुनाव लड़े ही बाहर हुए कई दावेदार

आरक्षण की सूची जारी होने के बाद पहले से ही जनसंपर्क में जुटे कई चेहरे अब मुरझाने लगे हैं, कारण यह है कि उनके मुताबिक आरक्षण घोषित नहीं हुआ और ऐसे में यह लोग बिना चुनाव लड़े ही मैदान से बाहर हो गए हैं.  दूसरी तरफ जिन लोगों के मुताबिक आरक्षण घोषित हुआ है उनके चेहरे पर रौनक लौट आई है और वे अपने संसाधन  जुटाने में लग गए हैं. जिन दिग्गजों को चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिला वह अब अपने करीबियों को चुनाव में लड़ाने के रणनीति बना रहे हैं.

दावेदारों ने शुरू किया जनसंपर्क

भाजपा से संभावित दावेदारों ने टिकट के लिए कवायद तेज कर दी है पार्टी के लिए पदाधिकारियों जनप्रतिनिधियों को संपर्क बनाना शुरू कर दिया है. वहीं बसपा सपा और कांग्रेस भी संभावित दावेदारों को टिकट की जुगत में कार्यालय पर नजर आ रहे हैं. निकाय चुनाव के अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण की घोषणा होते ही सामान्य घोषित सीटों पर संभावित दावेदार अचानक बढ़ गए हैं.  वहीं अनुसूचित व पिछड़ा वर्ग के लिए घोषित सीटों पर भी मजबूत संभावित दावेदार ताल ठोकने में लगे हैं.

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हॉट सीट बनी खलीलाबाद
नगर पालिका परिषद खलीलाबाद की सीट सामान्य होने से यह प्रतिष्ठा वाली सीट बन गई है. यहां पूर्व के कई संभावित दावेदार संपर्क कर रहे थे लेकिन पूर्व में यह सीट पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हो जाने से वो मैदान से बाहर हो गए हैं. नए सिरे से आरक्षण तय होने के बाद यह सीट सामान्य कोटे में आ गई है, जिसकी वजह से यह लड़ाई रोचक होने के आसार बन रहे हैं. नगर पंचायत हरिहरपुर की सीट  सामान्य हो गई है ऐसे में यहां भी चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वाले प्रत्याशियों की सक्रियता बढ़ गई है. 

 

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