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60 हजार पोस्ट के लिए 48 लाख दावेदार, सरकार के लिए भी परीक्षा से कम नहीं यूपी पुलिस भर्ती

उत्तर प्रदेश में दोबारा जब यूपी पुलिस भर्ती का इम्तिहान होता है तो 1-1 पोस्ट के लिए 80 बेरोजगारों के बीच प्रतिस्पर्धा है. 5 दिन में 10 शिफ्ट और हर शिफ्ट में औसत 4 लाख 80 हजार बेरोजगार युवा सिपाही भर्ती परीक्षा दे रहे हैं. शायद ये पहला इम्तिहान होगा जहां पेपर लीक या किसी और तरह की धांधली से बचाने के लिए उत्तर प्रदेश में 20 हजार 500 संदिग्ध परीक्षार्थियों की पहले ही पहचान करके उन पर निगाह रखी जा रही है.

यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा: 60 हजार पोस्ट के लिए 48 लाख दावेदार यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा: 60 हजार पोस्ट के लिए 48 लाख दावेदार
aajtak.in
  • लखनऊ,
  • 23 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 11:57 PM IST

आज नेशनल स्पेस डे है. भारत आज अपना पहला नेशनल स्पेस डे मना रहा है. ये इसलिए क्योंकि पिछले साल इसी दिन हमारे देश ने वो कर दिखाया था जो दुनिया में अमेरिका, चीन जैसे तमाम बड़े-बड़े देश कभी नहीं कर पाए थे. पिछले साल आज के ही दिन देश का चंद्रयान चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर पहुंचा था इसीलिए भारत आज अपना पहला नेशनल स्पेस डे मना रहा है. हकीकत यह है कि हम अंतरिक्ष में वो कर दिखाने में सक्षम हैं जो दूसरे बड़े देश नहीं कर पाते लेकिन आज भी हमारे देश में सरकारी भर्ती का इम्तिहान कराना एक बड़ी कठिन चुनौती बन जाता है. मानो चंद्रयान से ज्यादा मुश्किल नौकरीयान को लॉन्च और लैंड करना होता है. 

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उत्तर प्रदेश में दोबारा जब यूपी पुलिस भर्ती का इम्तिहान होता है तो 1-1 पोस्ट के लिए 80 बेरोजगारों के बीच प्रतिस्पर्धा है. 5 दिन में 10 शिफ्ट और हर शिफ्ट में औसत 4 लाख 80 हजार बेरोजगार युवा सिपाही भर्ती परीक्षा दे रहे हैं. शायद ये पहला इम्तिहान होगा जहां पेपर लीक या किसी और तरह की धांधली से बचाने के लिए उत्तर प्रदेश में 20 हजार 500 संदिग्ध परीक्षार्थियों की पहले ही पहचान करके उन पर निगाह रखी जा रही है. सरकार जानती है कि लाखों लोग आएंगे तो दिक्कत भी सामने आएगी इसीलिए परीक्षा स्पेशल ट्रेन खासकर परीक्षार्थियों के लिए चलाई जा रही है. पांच दिन होने वाली पुलिस भर्ती परीक्षा में एडमिट कार्ड को ही पास की तरह दिखाकर रोडवेज बस में फ्री में आने जाने की सुविधा सरकार दे रही है. 

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सिर्फ 1.25% लोगों को ही मिलेगी नौकरी
 
इतना सबकुछ एक नौकरी के लिए हो रहा है. जहां कुल 48 लाख बेरोजगारों में से केवल सवा प्रतिशत को ही नौकरी मिलनी है. इस एक नौकरी के लिए किस हालात में युवा निकलते हैं, वो भी एक इम्तिहान ही है. 48 लाख परीक्षार्थी, खाली पद 60244 यानी एक सिपाही की नौकरी के लिए 80 बेरोजगारों की दावेदारी यानी 48 लाख में 1.25% ही लोगों को नौकरी मिलेगी. अगर सबकुछ ठीक रहा तो. 

भर्तियों में आरक्षण होता है लेकिन भर्ती इम्तिहान देने जाते वक्त कोई आरक्षण नहीं चलता. सब अनारक्षित डिब्बे में ही एक तरह दाखिल होकर अपने अपने परीक्षा सेंटर को चलते हैं. ये वो नौजवान हैं जिनके उत्तर प्रदेश में सिपाही बनने के सपनों की दौड़ पर फरवरी के महीने में पेपर लीक माफिया ने लंगड़ी मार दी थी. लेकिन फिर ये उठ खड़े हुए. जो पूछते हैं कि बेरोजगारी दर क्या है? रोजगार कितनों को मिल जा रहा है? फिलहाल वो रेलवे स्टेशन पर किसी भर्ती इम्तिहान के होने पर जुटने वाली भीड़ से अंदाजा लगाएं, जिनकी संख्या लंबे वक्त के बाद निकलती भर्तियां और भर्तियों में हो जाने वाली धांधली से बढ़ती ही जाती है.

रेलवे स्टेशन की जमीन से लेकर वेटिंग हॉल में एक सरकारी नौकरी की चाहत कैसे बढ़ती जा रही है, इसका नजारा कई जगहों पर देखने को मिला. ये भी वो युवा हैं जो ट्रेन के जनरल डिब्बे में जैसे तैसे करके परीक्षा देने पहुंचे हैं. इन्हें पता है कि ये कोई होटल, लॉज, गेस्ट हाउस का खर्च नहीं उठा सकते इसलिए स्टेशन पर ही जमीन पर चादर बिछाकर किताब पढ़ते हुए शुक्रवार सुबह का इंतजार करते हैं. इस उम्मीद से कि इस बार ना पेपर लीक हो ना नकल, बस ये नौकरी जल्दी पाएं. 

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पुलिस भर्ती में कब-कब कितने युवा शामिल हुए?

इस बात का अंदाजा लगाएं कि पुलिस भर्ती में यूपी के कितने युवा शामिल होते आ रहे हैं? जून-2018 में 41520 सिपाही भर्ती के लिए 17 लाख लोगों ने हिस्सा लिया. यानी एक पोस्ट के लिए 40 लोगों में दावेदारी. जनवरी 2019 में 49,568 सिपाही भर्ती परीक्षा में 19 लाख 38 हजार बेरोजगार युवा शामिल होते हैं, यानी एक नौकरी के लिए औसत 39 लोगों के बीच प्रतिस्पर्धा. फिर नवंबर 2021 में दारोगा की 9534 पोस्ट के लिए करीब 7 लाख युवा भाग लेते हैं, यानी दारोगा की एक भर्ती के लिए 73 लोगों में दावेदारी रहती है. अब अगस्त 2024 में 60244 सिपाही भर्ती के लिए 48 लाख लोगों में लड़ाई है, यानी एक नौकरी के लिए 80 दावेदारी. 

इस बार ये सच है कि परीक्षार्थी स्पेशल ट्रेन भी चली और एडमिट कार्ड दिखाकर रोडवेज बस में फ्री में परीक्षा सेंटर वाले शहर जाने का मौका भी मिला. अप्रैल मई में जब लोकसभा चुनाव हो रहा था तब यूपी में बीजेपी की सीटें घटने के पीछे दावा हुआ कि पेपर लीक न रोक पाना भी एक वजह रही. आगे अभी उत्तर प्रदेश में दस सीटों पर उपचुनाव होना है. तब सरकार पूरी जी जान से लीकप्रूफ परीक्षा कराने में जुटी है. तब ये खबर सिर्फ उत्तर प्रदेश नहीं बल्कि पूरे देश से जुड़ी हुई है.

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बाहरी राज्यों के युवा भी ले रहे हिस्सा

यूपी पुलिस भर्ती में 26 राज्यों के 6 लाख 30 हजार 481 युवा हिस्सा ले रहे हैं. इनमें सबसे ज्यादा बिहार से हैं. उसके बाद मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, झारखंड, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, पंजाब, महाराष्ट्र तक के युवा सिपाही भर्ती में आकर इम्तिहान दे रहे हैं. ऐसे में अबकी बार सिर्फ परीक्षा 48 लाख युवा ही नहीं दे रहे हैं बल्कि उत्तर प्रदेश की सरकार और पुलिस की भी परीक्षा पांच दिन तक चल रही है. पेपर लीक, नकल, धांधली, चूक का एक भी मामला सामने आया तो विपक्ष के पास मौका होगा और बेरोजगार युवाओं के पास गुस्सा और ये दोनों ही हालात ना बनें इसलिए उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस पहले दिन फिलहाल अब तक कामयाब दिखी है. परीक्षा के पहले दिन अब तक कहीं से पेपर लीक या नकल का कोई भी दावा सामने नहीं आया है.

कई देशों की आबादी के बराबर परीक्षार्थी

अगर यूपी पुलिस की भर्ती में शामिल हो रहे युवाओं को कहीं दुनिया के कुछ देशों की आबादी के तौर पर देखेंगे तो आपको बहुत हैरानी होने वाली है. क्योंकि कुवैत की आबादी है 49 लाख और उत्तर प्रदेश में 48 लाख युवा पांच दिन में पुलिस भर्ती इम्तिहान दे रहे हैं. 6 भूटान की जनसंख्या अगर जोड़ दी जाए तब जाकर 48 लाख होती है यानी जितनी संख्या सिर्फ यूपी में पुलिस भर्ती परीक्षा में शामिल हो रही है. बुल्गारिया की आबादी है 6 लाख 30 हजार और इतने लोग तो सिर्फ दूसरे राज्यों से यूपी में पुलिस भर्ती में शामिल हो रहे हैं. एक नौकरी के मुकाबले बेरोजगार युवाओं की संख्या कई देशों के बराबर है. दूसरी बात ये कि इतनी बड़ी तादाद में बेरोजगार युवाओं की परीक्षा कराना यूपी सरकार के लिए चुनौती है.

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यूपी सरकार के पुख्ता इंतजाम

उत्तर प्रदेश सरकार ने इस बार सबकुछ फिट ही रहे इसके लिए पूरी जी जान लगा दी है. ऐसा अब तक किसी परीक्षा में नहीं देखा गया. उत्तर प्रदेश में पिछली बार 2 दिन में चार शिफ्ट में 48 लाख परीक्षार्थी बैठे थे. यानी हर शिफ्ट में करीब 12 लाख युवा. इस बार 5 दिन में 10 शिफ्ट में 48 लाख लोग परीक्षा दे रहे हैं. यानी हर शिफ्ट में करीब 4 लाख 80 हजार युवा. इसका फायदा ये हो रहा है कि हर परीक्षा सेंटर पर पूरी छानबीन तलाशी, जांच के बाद ही सेंटर में अंदर भेजा जा रहा है. इसके लिए ही आधा घंटा पहले गेट बंद कर दिया जा रहा है. 

ऐसा शायद देश में पहली बार हो रहा होगा कि इतने सीसीटीवी कैमरे से किसी परीक्षा पर निगाह रखी जा रही है. खबर है कि सेंटर पर परीक्षा चल रही है जिनमें 16514 कमरों में एग्जाम हो रहा है और कुल 17000 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. यानी हर परीक्षा केंद्र के हर कमरे पर सीसीटीवी कैमरे से नजर रखी जा रही है. दावा है कि यूपी में इस बार पुलिस भर्ती इम्तिहान में हर 24 कैंडिडेट पर एक कैमरा निगरानी रख रहा है. जिनको जिला और मुख्यालय स्तर से देखा जा रहा है. 

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परीक्षा सेंटर पर ये दिक्कत पहले आती रही है कि लोग छोटे ब्लूटूथ, जिन्हें पकड़ना तक मुश्किल होता है उन्हें छिपाकर अपने साथ ले जाते हैं, जिसके जरिए नकल को अंजाम देते हैं. इस बार ऐसी चूक ना हो इसलिए कलावा, राखी तक को पुलिस ने उतरवाना शुरू कर दिया.

परीक्षा केंद्र के निर्धारण में बरती गई सावधानी

दरअसल दावा है कि पिछली बार प्रश्नपत्र के ट्रांसपोर्टेशन से जुड़े कर्मचारियों की मिलीभगत से पेपर लीक हुआ था. जहां दावा है कि स्ट्रॉन्ग बॉक्स को तोड़कर पेपर निकाल लिया गया था. लेकिन इस बार ऐसा ना हो इसलिए क्या किया गया है. इस बार सबसे पहले भर्ती बोर्ड ने परीक्षा केंद्र के निर्धारण में एहतियात बरती है. सरकारी या सिर्फ अनुदानित विद्यालयों को ही परीक्षा केंद्र बनाया गया है यानी किसी भी प्राइवेट स्कूल को सेंटर नहीं बनाया गया है. क्योंकि दावा किया जाता है कि परीक्षा के लीक होने में 70 फीसदी वजह परीक्षा केंद्र बनते हैं. जहां निजी स्कूल के कर्मचारियों के मिलीभगत होने की आशंका रहती है. 

दूसरी तरफ कोषागार में पेपर आने के बाद अलग-अलग लेयर में अफसरों की जिम्मेदारी भी तय की गई है. कोषागर जहां प्रश्नपत्र रखा जाता है और फिर बाकी सेंटर तक पहुंचता है, वहां इस बार ये सेक्टर मजिस्ट्रेट की निगरानी में ही सरकारी गाड़ी से लाया जाएगा और वापस जमा किया जाएगा. कोई भी परीक्षा केंद्र जिले के कोषागार से 10 किलोमीटर से अधिक दूरी पर नहीं रखा गया है. हर परीक्षा केंद्र में दीवार घड़ी पुलिस भर्ती बोर्ड की तरफ से ही लगवाई गई है. कुल 17000 दीवार घड़ियां परीक्षा केंद्रों पर भर्ती बोर्ड ने ही लगाई है ताकि समय को लेकर कोई विवाद ना हो. इस बार पिछले 20 दिनों से यूपी पुलिस और एसटीएफ 1 हजार 541 ऐसे अपराधियों पर लगातार नजर रख रही है, जो पिछले 12 वर्षों से पेपर लीक और सॉल्वर गैंग जैसे अपराधों में शामिल रहे हैं. 

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इस बार 20 हजार से ज्यादा संदिग्ध परीक्षार्थियों को पहले ही चिन्हित करके उन्हें पहले ही सेंटर पर बुलाकर जांच की जा रही है. तीन लाख ऐसे अभ्यर्थी जिन्होंने आधार कार्ड नंबर नहीं दिया था उन्हें भी पहले ही सेंटर पर बुलाकर E-KYC के जरिए चिन्हित किया जा रहा है. इतना सबकुछ होने के बावजूद अभी चार दिन और परीक्षा के बचे हैं. इन चार दिन में सुरक्षा का चक्रव्यूह बना रहेगा या कोई तोड़ देगा? फिलहाल सरकार और पुलिस तो कमर कसे हैं तभी तो पेपर लीक की अफवाह तक फैलाने वालों पर एक्शन लिया जा रहा है.

टेलीग्राम ऐप पर भी एक्टिव यूपी पुलिस

टेलीग्राम ऐप, जिस पर हर परीक्षा से पहले पेपर लीक के दावे होने लगते हैं. ऐसे ही एक्टिव 11 चैनल पर पुलिस भर्ती का प्रश्नपत्र देने के बदले 20-20 हजार रुपए मांगने का खेल शुरू हुआ तो यूपी पुलिस तुरंक सक्रिय हो गई. एक ऐसे ही चैनल UPP Constable पर LEAKED का चौंकाने वाला दावा किया गया. 15 अगस्त को शेयर ग्रुप में लिखा गया- 'ADMIT कार्ड आ गए हैं, जिसे पेपर खरीदना है वो मैसेज करे'. आगे लिखा गया- '23 का सेकंड शिफ्ट का पेपर है, जिसको पासवर्ड चाहिए पेमेंट करके ओपन करें. 23, 24 के दोनों सेट है, जिसको चाहिए 20 हजार देकर खरीद ले'. 

19 अगस्त को लिखा गया- 'फ्री में एक प्रश्नपत्र भी नहीं मिलेगा, अब तक डेमो दे रहा था पर अब वो फ्री में कुछ नहीं है तुम सब फ्री में लेकर वायरल कर रहे हो, जो खरीदा है उसका क्या, उसका क्या जिसको वर्दी चाहिए, वही मैसेज करे टाइम पास वाले ब्लॉक होंगे'. 

पुलिस ने परीक्षा और पेपर लीक होने की अफवाह फैलाने वाले ऐसे 11 टैलीग्राम चैनलों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिसमें पूर्व मंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता यासर शाह का नाम भी अफवाह फैलाने के आरोप में दर्ज है. दरअसल टेलीग्राम चैनल पर QRcode के जरिए पेपर देने के बदले वसूली का एक फ्रॉड गेम चल रहा है. पुलिस ने जिन टेलीग्राम एकाउंट के खिलाफ मामला दर्ज किया है, उसमें upppaper leak 2024, @Venom, Proof of student के साथ-साथ आदित्य तोमर नाम का एकांउट शामिल है.

सबकुछ सही हुआ तो नजीर पेश करेगी सरकार

एक तरफ सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर अलग-अलग ग्रुप बना कर लीक क्वेश्चन पेपर के नाम पर धोखाधड़ी की जा रही थी तो दूसरी तरफ परीक्षा से पहले ही पेपर लीक होने की अफवाह फैलाने का खेल चल रहा था. बड़ी बात ये है कि यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड की तरफ से दर्ज करवाई गई FIR में कहा गया है कि समाजवादी पार्टी के नेता यासर शाह ने सोशल मीडिया के जरिए पेपर लीक होने का भ्रामक दावा किया और पेपर लीक होने की अफवाह फैलाई. इस बार अगर आगे भी सबकुछ शांति से बिना पेपर लीक और नकल के पूरा होता है तो यूपी सरकार एक नजीर पेश करेगी. क्योंकि अब तक एक साथ इतने पदों पर पुलिस भर्ती कभी नहीं हुई है.

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