Advertisement

UP राजकीय निर्माण निगम के 5 पूर्व अधिकारियों पर 130 करोड़ गबन करने का आरोप, FIR दर्ज

उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम की देहरादून इकाई के पांच सेवानिवृत्त अधिकारियों पर 130 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में छह अलग-अलग मामलों में मामला दर्ज किया गया है. साथ ही पूरे मामले की जांच भी शुरू कर दी गई है.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
aajtak.in
  • देहरादून,
  • 24 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 7:24 AM IST

उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम (Uttar Pradesh Rajkiya Nirman Nigam) की देहरादून इकाई के पांच सेवानिवृत्त अधिकारियों पर 130 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में छह अलग-अलग मामलों में मामला दर्ज किया गया है. इस बात की जानकारी एक पुलिस अधिकारी ने एक न्यूज एजेंसी को दी.

उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम की देहरादून इकाई के अतिरिक्त परियोजना प्रबंधक सुनील कुमार मलिक की शिकायत पर मामले दर्ज किए गए हैं. उन्होंने पुलिस को बताया कि विभागीय जांच में 2018 और 2019 के बीच करोड़ों रुपये की वित्तीय अनियमितताएं सामने आई हैं. जिन लोगों पर मामला दर्ज किया गया है, उनमें उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के तत्कालीन परियोजना प्रबंधक शिव आसरे शर्मा, दिल्ली के पंजाबी बाग के तत्कालीन परियोजना प्रबंधक प्रदीप कुमार शर्मा, उत्तर प्रदेश के बिजनौर के सहायक लेखाकार स्तर 2 वीरेंद्र कुमार रवि, उत्तर प्रदेश के हरदोई के लेखाकार राम प्रकाश गुप्ता और उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के निवासी इंजीनियर सतीश कुमार उपाध्याय शामिल हैं.

Advertisement

यह भी पढ़ें: न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक में 122 करोड़ के गबन पर FIR दर्ज, पूर्व जनरल मैनेजर पर आरोप

प्रदीप कुमार शर्मा को पांच मामलों में, शिव आसरे शर्मा और रवि को तीन-तीन मामलों में, गुप्ता को दो मामलों में और उपाध्याय को एक मामले में आरोपी बनाया गया है. सभी आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 409 (लोक सेवक, बैंकर, व्यापारी या एजेंट द्वारा आपराधिक विश्वासघात) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि उत्तराखंड के कौशल विकास एवं सेवा योजना विभाग ने राज्य के 15 सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के लिए 15.17 करोड़ रुपये की एकमुश्त राशि जारी की थी, जिसमें से छह संस्थान भूमि की अनुपलब्धता के कारण नहीं बन पाए.

हालांकि, उनके लिए जारी की गई राशि, लगभग 6 करोड़ रुपये अन्य विभागों के कार्यों पर खर्च कर दी गई और उनका समायोजन आज तक नहीं किया गया है. इसी तरह आपदा राहत केंद्रों के लिए भूमि न मिलने के बावजूद उनके निर्माण कार्य के लिए प्राप्त 4.28 करोड़ रुपये का कथित रूप से गबन कर लिया गया.

Advertisement

पुलिस ने बताया कि एक अन्य मामले में उत्तराखंड पर्यटन विभाग के निर्माण कार्य में लगभग 1.59 करोड़ रुपये का गबन किया गया. पुलिस ने बताया कि शिकायत के अनुसार दून मेडिकल कॉलेज के ओपीडी ब्लॉक के निर्माण में 9.93 करोड़ रुपये का गबन किया गया, जबकि एक अन्य मामले में स्ट्रीट लाइटों के ढांचे की मरम्मत और एबीसी कंडक्टर बिछाने के निर्माण कार्य में 5.62 करोड़ रुपये का गबन किया गया और एक अन्य मामले में 109.71 करोड़ रुपये का कथित गबन किया गया. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement