
समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य एक बार फिर विवादों में हैं. दीपावली की पूजा के बीच मौर्य ने पूछा है कि देवी लक्ष्मी के चार हाथ कैसे हो सकते हैं? अब उनके बयान पर सपा समेत कई नेताओं ने नाराजगी जताई है. इस पूरे विवाद के बीच स्वामी प्रसाद की बेटी और बीजेपी सांसद संघमित्रा मौर्य का अपने पिता से अलग रुख देखने को मिल रहा है. संघमित्रा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हर त्योहार के शुभकामना संदेश के पोस्टर शेयर कर रही हैं. इसी बात को आधार बनाकर सपा नेता और पूर्व मंत्री आईपी सिंह ने स्वामी प्रसाद को नसीहत दी है और बीजेपी सांसद बेटी को समझाने के लिए कहा है.
बता दें कि स्वामी प्रसाद इससे पहले रामचरितमानस और बद्रीनाथ पर अपनी विवादित टिप्पणियों से सुर्खियां बटोर चुके हैं. अब उन्होंने लक्ष्मीजी को लेकर विवादित पोस्ट किया है. स्वामी की टिप्पणी पर आपत्ति जताने वालों में सपा, कांग्रेस और बीजेपी के नेता भी शामिल हैं. स्वामी प्रसाद मौर्या ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट लिखा और कुछ तस्वीरें शेयर की हैं. इन तस्वीरों में वो दिवाली के दिन अपनी पत्नी को टीका लगाते हुए नजर आ रहे हैं. स्वामी ने लिखा, 'दीपोत्सव के अवसर पर अपनी पत्नी का पूजा व सम्मान करते हुए कहा कि पूरे विश्व के प्रत्येक धर्म, जाति, नस्ल, रंग व देश में पैदा होने वाले बच्चे के दो हाथ, दो पैर, दो कान, दो आंख, दो छिद्रों वाली नाक के साथ एक सिर, पेट व पीठ ही होती है, चार हाथ,आठ हाथ, दस हाथ, बीस हाथ व हजार हाथ वाला बच्चा आज तक पैदा ही नहीं हुआ तो चार हाथ वाली लक्ष्मी कैसे पैदा हो सकती है? यदि आप लक्ष्मी देवी की पूजा करना ही चाहते हैं तो अपने घरवाली की पूजा व सम्मान करें जो सही मायने में देवी है क्योंकि आपके घर परिवार का पालन-पोषण, सुख-समृद्धि, खान-पान व देखभाल की जिम्मेदारी बहुत ही निष्ठा के साथ निभाती है.'
'सपा सभी धर्मों का सम्मान करती है'
स्वामी प्रसाद के ट्वीट के बाद सपा में विरोध देखने को मिला. सपा नेता आईपी सिंह ने एक्स पर लिखा, 5 साल बीजेपी में आप कैबिनेट मंत्री रहे तब मां लक्ष्मी जी और भगवान गणेश जी पर अभद्र टिप्पणी करते हुए डरते थे. आपकी बेटी बदायूं से सांसद हैं. अपने को सनातनी बताती हैं. कोई पूजा-पाठ नहीं छोड़ती. कम से कम आप अपने बेटे बेटी को समझा लेते. पार्टी को नुकसान पहुंचाना बंद करिये. ये आपके निजी विचार हैं समाजवादी पार्टी से इसका दूर दूर तक मतलब नहीं. समाजवादी पार्टी सभी धर्मों का सम्मान करती है. मैनपुरी की सांसद बहन डिंपल यादव जी 5 नवंबर को बाबा केदारनाथ जी के दर्शन करके लौटी हैं. हिन्दू धर्म में पूरी आस्था है समाजवादी पार्टी की.
'स्वामी ने सपा को खत्म करने की सुपारी ली है'
सोमवार को कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि ऐसा लगता है कि मौर्य सनातन धर्म को चोट पहुंचाने के एजेंडे के तहत अपनी टिप्पणियां कर रहे हैं. कृष्णम ने कहा, वो लगातार ऐसे बयान देते रहे हैं जिससे हिंदुओं की भावना को ठेस पहुंची है. उनके बयान को देखने और सुनने से ऐसा लगता है कि वो किसी एजेंडे के तहत सनातन धर्म को निशाना बना रहे हैं. उन्होंने कहा, उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए. मैं योगी आदित्यनाथ जी से स्वामी प्रसाद मौर्य के बयानों और उनके भाषण पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह करता हूं. ऐसा लगता है कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा को खत्म करने के लिए 'सुपारी' ली है.
'यह मानव शरीर में राक्षस है'
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचा रहा है. वो अखिलेश यादव को हटाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. यह मानव शरीर में एक राक्षस है. अखिलेश यादव चुप हैं. क्या यह सब केवल उनके आदेश पर हो रहा है?
'जहां महिलाओं का सम्मान किया जाता, वहां खुशहाली आती है'
हालांकि, मौर्य ने अपने बयान पर सफाई दी और कहा, मेरा टिप्पणी के जरिए किसी को ठेस पहुंचाने का इरादा नहीं था. उन्होंने कहा, मैंने केवल वही किया है जो व्यावहारिक, सत्य, वैज्ञानिक और शाश्वत है. मैं सनातन का सम्मान करता हूं और मैंने एक्स पर जो लिखा है, उस पर कायम हूं. मैंने इसे सोच-समझकर लिखा है. हर किसी को त्योहार मनाने की आजादी है. मेरा मानना है कि सही मायनों में गृहिणी ही घर की देवी लक्ष्मी होती है. हमारी संस्कृति भी कहती है कि जहां महिलाओं का सम्मान होता है, वहां सुख और समृद्धि होती है. अगर घर की लक्ष्मी गृहिणी है तो उसकी पूजा करें, उसका सम्मान करें, उसे महत्व दें. इससे ना केवल भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में महिलाओं का सम्मान बढ़ेगा.
संघमित्रा पोस्टर शेयर कर दे रहीं बधाई
वहीं, स्वामी प्रसाद के बयानों और सोच से उनकी बेटी बीजेपी सांसद संघमित्रा मौर्य का अलग रुख देखने को मिलता है. संघमित्रा ने धनतेरस, छोटी दिवाली, दिवाली, गोवर्धन पूजा पर लोगों को शुभकामनाएं दी हैं. संघमित्रा ने छोटी दीपावली पर एक पोस्टर शेयर किया और लिखा, आप सभी को छोटी दिवाली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं. माता लक्ष्मी आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हों करें. उन्होंने दिवाली पर लिखा, दीपस्य प्रकाशः न केवलं भवतः गृहम् उज्ज्वालयतु जीवनम् अपि. दिवाली की आध्यात्मिक और दिव्य रोशनी नई ऊर्जा और जोश के साथ आपका जीवन सुख- समृद्धि और खुशियो से भर दे. नए अवसर आप सभी के रास्ते में आएं. आप सभी देशवासियों को दीपदानोत्सव दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.
'पिता के बयान से बना ली थी दूरी'
इतना ही नहीं, जब स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरित मानस को लेकर विवादित बयान दिया था, तब बदायूं से सांसद संघमित्रा का एक बयान चर्चा में आया था. संघमित्रा ने नेपाल से अयोध्या आने वाली शिला पर खुशी जताई थी. उन्होंने कहा था, तेरे नाम ने मुझे अनमोल कर दिया मेरे राम. अयोध्या धाम में जिस शालिग्राम देवशीला से प्रभु श्री राम जी की मूर्ति बनाई जाएगी, नेपाल से अयोध्या पहुंच गई है. रास्ते में जहां-जहां से भी आया, वहां के श्री राम भक्त इसे छूने के लिए लालायित रहे अपितु जोश के साथ-साथ चलते रहे. इतना ही नहीं, संघमित्रा ने खुद को पिता के बयान से अलग कर लिया था. हालांकि, शुरुआत में संघमित्रा ने पिता का बचाव भी किया. उन्होंने कहा था, कुछ लोग अनावश्यक मुद्दों को उठा रहे हैं और अशांति पैदा करने के लिए विवाद खड़ा रहे हैं.
'मोदी के नेतृत्व में काम करना चाहती हूं'
इसके अलावा, जब स्वामी प्रसाद सपा में शामिल हो गए थे, तब संघमित्रा ने कहा था, मैं बीजेपी में रहकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ही काम करना चाहती हूं. बीजेपी छोड़ने से पहले क्या पिता को समझाया था? इस सवाल पर संघमित्रा ने कहा था, पार्टी की टॉप लीडरशिप से बात हुई थी. उनके पिता को समझाने के लिए उनसे कोई क्या कहेगा, वे खुद समझदार हैं. संघमित्रा ने आगे कहा कि बच्चे हमेशा बच्चे होते हैं, वह चाहे सांसद हों, मुख्यमंत्री हों या प्रधानमंत्री. मां-बाप के लिए बच्चे ही होते हैं.
'प्रधानमंत्री के शब्द कानों में गूंजते हैं'
संघमित्रा ने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा था, मैं कुछ मांगूं और पूरा ना हो, ऐसे तो हालात नहीं, मैं पुकारूं और पापा ना सुनें, इतने भी हम दूर नहीं.. पिता और बेटी का रिश्ता दुनिया का सबसे मजबूत रिश्ता है. मैं देश के प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी जी के मुझे बेटी के रूप में मेरे पिता से मांगे हुए वचन से बंधी हुई हूं. सोशल मीडिया पर जब अशोभनीय शब्द पढ़ती हूं, तब ऐसा नहीं है जबाब नहीं दे सकती, ऐसा भी नहीं है कि फैसला नहीं ले सकती, लेकिन तभी आदरणीय प्रधानमंत्री जी के द्वारा पिताजी से बोले गए शब्द कि 'मौर्य जी ये बेटी अब हमारी बेटी है ये बेटी हमने ले ली' गूंज जाते हैं. सांसद बनने से पहले मैं सामाजिक कार्यो में व्यस्त रहती थी. सांसद बनने के बाद अपनी जिम्मेदारियों का संसद में निर्वाहन कर रही हूं और आगे भी करती रहूंगी. आपके हक के लिए लड़ने में कही पीछे नही रहूंगी. मेरे पिता मेरे अभिमान हैं ,मेरे हीरो हैं. पार्टी अलग हो सकती है लेकिन पिता पुत्री नहीं.
'रामचरित मानस पर भी सवाल उठा चुके स्वामी प्रसाद'
बताते चलें कि ओबीसी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य 2022 के विधानसभा चुनावों से ठीक पहले बीजेपी छोड़कर सपा में शामिल हो गए थे. उन्होंने पहले भी रामचरितमानस और हिंदू मंदिरों पर टिप्पणी करके विवाद खड़ा किया है. स्वामी ने एक बयान में कहा था, बीजेपी 'ब्राह्मण धर्म' को 'हिंदू धर्म' मानती है, जिसका अनुसरण केवल 10 प्रतिशत लोग करते हैं, लेकिन 'हिंदू धर्म' जैसा कुछ भी मौजूद नहीं है. इस साल की शुरुआत में स्वामी ने यह दावा करते हुए विवाद खड़ा कर दिया था कि हिंदू महाकाव्य रामचरितमानस के कुछ छंद समाज के एक बड़े वर्ग का 'अपमान' करते हैं. उन्होंने रामचरित मानस के कुछ छंदों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी. उन्होंने यह भी दावा किया था कि आठवीं शताब्दी में हिंदू तीर्थ स्थल बनने से पहले बद्रीनाथ एक बौद्ध मठ हुआ करता था.