
उत्तर प्रदेश एसटीएफ अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI के जरिए क्रिमिनल ट्रैक और क्राइम क्रैक करने सिस्टम पर काम शुरू करेगी. डाटा सिस्टम से अपराधी की कुंडली एसटीएफ के सामने होगी. यूपी सरकार ने एसटीएफ को मजबूत करने के लिए बजट भी जारी किया है, जिसमें 3 करोड़ रुपये से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड क्रिमिनल डाटा सिस्टम भी तैयार किया जाएगा.
इस सिस्टम के जरिए संगीन वारदात को अंजाम देने वाले शूटर अपराधियों की कुछ ही पलों में पहचान और पूरी कुंडली एसटीएफ और पुलिस अधिकारियों के सामने होगी. इसमें टेक्निकल तरीके से घटना का जल्द खुलासा करने और उसको अंजाम देने वाले अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजने में भी समय नहीं लगेगा.
AI के जरिए होगी आवाज की पहचान
इस सिस्टम के तहत अपराधियों का पूरा डाटा बेस तैयार किया जाएगा, इससे पहले यह क्रिमिनल ट्रैकिंग सिस्टम के जरिए काम किया जाता था. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ अपराधियों का डेटाबेस जोड़ने से उनके चेहरे का मिलान चंद सेकंड में पूरे रिकॉर्ड से करते हुए किस चेहरे से कितने प्रतिशत मिलान हो रहा है, इसकी जानकारी सामने आ जाएगी. साथ ही अपराधी की आवाज घटना को अंजाम देने का तरीका परिवारिक और अपराधिक पृष्ठभूमि का ब्यौरा भी तुरंत मिल जाएगा.
वर्चअल धमकी देने वालों की भी होगी तुरंत पहचान
अगर कोई व्यक्ति किसी को वर्चुअल कॉल के जरिए धमकी देता है तो उसकी आवाज को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से पहले से फीड लाखों आवाजों में से सही व्यक्ति की पहचान कर लेगा और उसका सारा डाटा सामने आ जाएगा. यूपी एसटीएफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड क्रिमिनल डाटा क्रिएशन एंड रिट्रीवाल सिस्टम को खरीदने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है जिसकी टैंडर प्रोसेस की जा चुकी है जिसके लिए चार कंपनियां भी आ चुकी हैं.