
UP STF ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ठगी करने वाले नाईजीरियन युवक को दिल्ली से गिरफ्तार किया है. वह Facebook, Instagram, Whatsapp पर USA और UK के नागरिकों की फर्जी प्रोफाइल (Fake Profile) बनाकर भारतीय युवक-युवतियों से दोस्ती कर उन्हें ठगता था.
आरोपी महंगे गिफ्ट भेजने का झांसा देकर, गिफ्ट आने पर कस्टम अधिकारी/इनकम टैक्स अधिकारी बनकर अधिक कैश या कीमती गिफ्ट होने की बात बताकर कस्टम ड्यूटी, इनकम टैक्स जमा करने और मनीलांड्रिग के नाम पर लोगों को ठगता था.
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पकड़े गए आरोपी का नाम क्लेटस ओबिएजी (Cletus Obiazi) है. वह गुरूनानक नगर तिलक विहार दिल्ली की गली नंबर 4 के एक मकान में रह रहा था. उत्तर प्रदेश एसटीएफ को काफी समय से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विभिन्न तरीकों से लोगों के साथ ठगी करने की शिकायत मिल रही थी.
लखनऊ की महिला से ऐसे ठगे थे रुपये
इसके बाद जांच के दौरान पता चला कि मई-2023 में आलमबाग की एक युवती से फेसबुक पर रेमंड यादव लंदन के नाम से फर्जी प्रोफाइल बनाकर दोस्ती की गई. इसके बाद उसे प्रेमजाल में फंसाकर करोड़ों रुपये के पाउंड और महंगी ज्वेलरी आदि गिफ्ट भेजने की बात बताई गई.
इसके बाद एक महिला द्वारा वॉट्सएप के माध्यम से कॉल कर और वीडियो भेजकर खुद को दिल्ली एयरपोर्ट की कस्टम अधिकारी बताते हुए वीडियो काल पर एक पैकेट दिखाया गया. उसमें ज्वेलरी और महंगे गिफ्ट आदि थे. इसे हासिल करने के लिए कस्टम चार्ज के रूप में 25,900/- रुपये जमा करने की बात ठगों द्वारा कही गई.
ठगों ने युवती को बताया कि पैसे जमा करने के बाद यह पैकेट उसके पते पर पहुॅच जायेगा. इस पर युवती ने कथित महिला कस्टम अधिकारी द्वारा बताए गए खाते में गूगल-पे के माध्यम से पैसे भेज दिए. जिसके बाद फर्जी कस्टम अधिकारी द्वारा बताया गया कि आपके पैकेट में लगभग 10 लाख रुपये कीमत के पाउंड हैं, जिसके लिए फाइनेन्स डायरेक्टर का सर्टिफिकेट लेना पड़ेगा, इस सर्टिफिकेट के लिये 10 हजार रूपये जमा करने होगे.
युवती ने 10 हजार रुपये जमा करा दिए. इसके बाद फर्जी कस्टम अधिकारी ने फाइनेन्स डायरेक्टर के नाम का एक नकली सर्टिफिकेट भेज दिया और बताया कि पाउंड को इण्डियन करेन्सी में बदलने के लिए 85,000 रुपये जमा कर सर्टिफिकेट लेना होगा. युवती ने फिर 85,000 रुपये जमा करा दिए.
इसके बाद फर्जी कस्टम अधिकारी ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नाम का एक और फर्जी सर्टिफिकेट भेज दिया. इसके दो दिन बाद पैकेट रिसिव न होने पर फर्जी कस्टम अधिकारी से युवती ने वॉट्सएप पर कॉल की, तो कस्टम अधिकारी द्वारा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में टैक्स जमा करने के नाम पर 7,500 रुपये जमा करने की बात कही गई.
युवती ने उक्त जब 7,500 रुपये जमा करा दिए, तो उक्त फर्जी कस्टम अधिकारी ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नाम का एक और फर्जी दस्तावेज भेज दिया. इसके कई दिनों बाद तक पैकेट रिसिव न होने पर युवती ने फर्जी कस्टम अधिकारी से वॉट्सएप पर बात की, तो कस्टम अधिकारी द्वारा बताया गया कि आपके पैकेट में करोड़ों रुपये के पाउंड निकल आये हैं.
आपके ऊपर तो मनी लॉन्ड्रिंग का केस बन रहा है. केस खत्म कराने के लिए 10,000 रुपये और जमा करा लिए और फिर कहा कि दो दिन में पैकेट आ जाएगा. पैकेट रिसिव न होने पर युवती ने पता किया, तो जानकारी हुई कि उसके साथ फ्राड हो गया है.
इसके बाद युवती द्वारा अपने दिए हुए रुपये वापस मांगने के लिए फर्जी कस्टम अधिकारी को फोन किया, तो उसने नंबर बंद कर दिया. इस मामले में तकनीकी विशेषज्ञता और मुखबिर के माध्यम से सूचना जुटाकर यूपी एसटीएफ ने दिल्ली में छापेमारी कर नाइजीरियन नागरिक को गिरफ्तार कर लिया. बताया जा रहा है कि वह साल 2019 में भारत आया था.