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UP: विकास दुबे के भाई और बहनोई को गैंगस्टर मामले में हुई 5-5 साल की सजा

बिकरूकांड में मारे गए दुर्दांत अपराधी विकास दुबे के भाई और उसके बहनोई को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में माती कोर्ट ने गैंगस्टर मामले में 5-5 साल की सजा सुनाई है. विकास दुबे का भाई लखनऊ कारागार में पहले से ही बंद है और बहनोई को माती जेल भेजा गया है.

विकास दुबे विकास दुबे
सूरज सिंह
  • कानपुर,
  • 23 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 12:53 PM IST

उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में माती कोर्ट से आज बिकरूकांड में मारे गए दुर्दांत अपराधी विकास दुबे के भाई और उसके बहनोई को  गैंगस्टर मामले में 5-5 साल की सजा सुनाई है. विकास दुबे का भाई लखनऊ कारागार में पहले से ही बंद है और बहनोई को माती जेल भेजा गया है.

कानपुर देहात के शिवली कोतवाली क्षेत्र के ताराचंद्र इंटर कालेज के प्रिंसिपल रहे सिद्धेश्वर पांडेय की सन 2000 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस घटना में बिकरू गांव के कुख्यात अपराधी विकास दुबे व उसके भाई दीपू दुबे, अविनाश दुबे और बहनोई दिनेश तिवारी के खिलाफ धारा 302 के तहत शिवली थाने में केस दर्ज किया गया था. प्रिंसिपल सिद्धेश्वर की हत्या में साल 2004 में चारों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा हो चुकी थी. 

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शिवली पुलिस ने इस मामले में साल 2001 में गैगेंस्टर की कार्रवाई भी की थी. जिसकी सुनवाई अपर जिला सत्र न्यायाधीश पंचम बाकर शमीम रिजवी की कोर्ट में चल रही थी. गुरुवार को कोर्ट ने दुर्दांत अपराधी विकास के भाई दीपू दुबे व बहनोई दिनेश को पांच-पांच साल की सजा सुनाई है. साथ ही दोनों पर पांच- पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना न देने पर दोनों को एक महीने सजा का आदेश दिया गया है.

सरकारी वकील अमर सिंह भदौरिया ने बताया कि गैगेंस्टर मामले में आरोपी रहे विकास दुबे को एनकाउंटर में मारा जा चुका है. वहीं उसके भाई अविनाश की हत्या हो चुकी है. इस मामले में दो ही आरोपी जीवित हैं. उन्हें सजा हुई है. आर्म्स एक्ट के मामले में दीपू लखनऊ जेल में बंद हैजबकि दिनेश तिवारी को कोर्ट में पेश किया गया था. वहां सजा सुनाए जाने के बाद उसे जेल भेज दिया गया.

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क्या है बिकरू कांड? 

2 साल पहले कानपुर के बिकरू में 2 जुलाई 2020 को गैंगस्टर विकास दुबे और उसके साथियों ने उसे गिरफ्तार करने पहुंची पुलिस टीम पर गोलियां बरसाई थीं. इस हमले में 8 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी. इनमें डीएसपी भी शामिल थे. जबकि कई पुलिसकर्मी जख्मी हो गए थे. यूपी पुलिस ने इस वारदात के 8 दिन में विकास दुबे समेत 6 आरोपियों को मार गिराया था.

 

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