
उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले में बीते 10 महीने के अंदर 111 बच्चों की मौत के मामले में गठित कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दे दी है. इस बीच आजतक की टीम ने अपने नवजात बच्चों को गंवाने वाले परिजनों से बात की. समीरुन्निशा के बच्चे ने 12 जनवरी को जिला अस्पताल में दम तोड़ दिया था. समीरुन्निशा अभी बच्चे की मौत के सदमे से उबर नहीं पाई है.
उनके ससुर फरियाद ने हमें पूरी जानकारी दी. घटना के समय समीरुन्निशा के पति घर पर नहीं थे. बच्चे के इलाज में पूरा भाग दौड़ फरियाद ने ही किया था. फरियाद ने बताया कि बहू की सिजेरियन डिलीवरी से एक बच्चा पैदा हुआ, बच्चे को जन्म से ही झटका आ रहा था, लिहाजा उसे जिला अस्पताल के आईसीयू वार्ड में भर्ती किया गया.
फरियाद की माने तो पूरे एक दिन बीत जाने पर भी जब सुधार नहीं हुआ उसे लेकर मैं गोरखपुर चला गया, वहां मेडिकल कॉलेज में बेड न मिलने के कारण मुझे मजबूरन प्राइवेट अस्पताल में नवजात को भर्ती करना पड़ा, जिसके बाद मुझे लगा कि यहा पैसा ज्यादा लग जायेगा तो मैं दुबारा थक हार कर बच्चे को लेकर महराजगंज जिला अस्पताल आ गया, जहां भर्ती करने के बाद बच्चे की रात तक तबियत बिगड़ने लगी और भोर में करीब दो बजे उसकी मौत हो गई.
जिले में 10 महीने के भीतर रहस्यमयी कारणों से 111 शिशुओं की हुई मौत मामले में जिला संयुक्त चिकित्सालय के सीएमएस और डीएम द्वारा नामित समीक्षा कमेटी के सदस्य डॉ. एपी भार्गव का बयान सामने आया है. सीएमएस ने बताया कि यूनिसेफ-WHO की तरफ से निर्धारित डेथ रेट से मौतों का आंकड़ा कम है, पिछले वर्ष की तुलना में भी नवजात शिशुओ के मौतों के आंकड़े में कमी आई है. स्वास्थ्य विभाग ने जो आंकड़ा दिया है उसके अनुसार नवजात शिशुओं की मौतों में कमी आई है.
SICU/ DCH महराजगंज वर्ष दर वर्ष शिशुओं के मौत के आंकड़े:-
वर्ष 2019,20 कुल भर्ती 3924 मृत्यु 162
वर्ष 2020-21 कुल भर्ती 3419 मृत्यु 138
वर्ष 2021-22 कुल भर्ती 3891 मृत्यु 169
वर्ष 2022-23 कुल भर्ती 3797 मृत्यु 128
सीएमएस डॉ. एपी भार्गव ने कहा कि जिलाधिकारी के वहां स्वास्थ समिति की बैठक में यह चीजें सामने आई कि 10 महीने में 111 नवजात शिशु की मौत हुई है जबकि पिछले वर्षो की अपेक्षा यह आंकड़ा बेहद ही कम है लेकिन इस डेथ रेट को कैसे जीरो पर लाया जाए इसके लिए जिलाधिकारी ने तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है, जो मामले में जांच कर रही है.