Advertisement

नोएडा की दवा कंपनी का लाइसेंस होगा सस्पेंड, मिलावटी था कफ सिरप, उज्बेकिस्तान ने लगाए थे गंभीर आरोप

बीते साल दिसंबर 2022 में उज्बेकिस्तान सरकार ने आरोप लगाया था कि नोएडा की कंपनी के कफ सिरप डॉक-1 मैक्स (Doc 1-Max) पीने से 18 बच्चों की मौत हो गई है. उज्बेकिस्तान सरकार की सूचना पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने केंद्र सरकार को सतर्क किया था, जिसके बाद केंद्र और राज्य सरकार की टीमें नोएडा स्थित कंपनी पहुंची थी और सैंपल लिए थे.

सांकेतिक फोटो. सांकेतिक फोटो.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 04 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 9:49 PM IST

उज्बेकिस्तान कफ सिरप मामले में मैरियन बायोटेक लिमिटेड पर शिकंजा कसने लगा है. केंद्र सरकार ने राज्य ड्रग कंट्रोलर अथॉरिटी से मैरियन बायोटेक का मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश की है. जल्द ही लाइसेंस सस्पेंड किया जाएगा. गौतमबुद्धनगर के ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि मैरियन बायोटेक से परीक्षण के लिए 36 में से 22 सैंपल में एथिलीन ग्लाइकोल की मिलावट पाई गई थी. जिसके बाद एक्शन लिया जा रहा है.

Advertisement

इससे पहले 9 जनवरी को कंपनी में दवाओं का उत्पादन बंद करा दिया गया था. इसके साथ ही 12 जनवरी को लाइसेंस सस्पेंड कर दिया गया था. बीते साल दिसंबर 2022 में उज्बेकिस्तान सरकार ने आरोप लगाया था कि नोएडा की कंपनी के कफ सिरप डॉक-1 मैक्स (Doc 1-Max) को लेकर शिकायतें आ रही हैं. इस कफ सिरप को पीने से 18 बच्चों की मौत हो गई है. उज्बेकिस्तान सरकार की सूचना पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने केंद्र सरकार को सतर्क किया था, जिसके बाद केंद्र और राज्य सरकार की टीमें नोएडा स्थित कंपनी पहुंची थी और दवाओं के सैंपल एकत्रित किए थे. कुल 36 नमूने जांच के लिए भेजे गए थे, इनमें से 22 सैंपल में मिलावट पाई गई है.

दवा बनाने वाली कंपनी Marion Biotech से 27 दिसंबर को सेंट्रल और लोकल जांच एजेंसी 5 सैंपल लेकर गई हैं. इनमें सिरप, टैबलेट और सिरप में मिलाया जाने वाला रॉ मैटेरियल शामिल है. कंपनी यहां 2010 से रजिस्टर्ड है. राहत की बात यही है कि कंपनी का इंडिया में मार्केट नहीं है.

Advertisement

2012 में उज्बेकिस्तान में रजिस्टर्ड हुई थी कंपनी

उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि Marion Biotech pvt Ltd को 2012 में देश में रजिस्टर्ड किया गया था. केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन के सूत्रों ने खुलासा किया कि इस कंपनी द्वारा निर्मित ‘डॉक -1 मैक्स’ सिरप वर्तमान में भारतीय बाजार में नहीं बेचा जा रहा है. 

गाम्बिया ने भारतीय दवा कंपनी पर लगाए थे आरोप 

इससे पहले अक्टूबर महीने में अफ्रीकी देश गाम्बिया ने आरोप लगाया था कि भारत में निर्मित सिरप से उनके यहां 66 बच्चों की मौत हो गई थी. हालांकि इस बात की पुष्टि अभी तक नहीं हुई है कि भारतीय कफ सिरप की वजह से बच्चों की मौत हुई. मामले को गंभीरता से लेते हुए केंद्र सरकार ने जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया था. स्टैंडिंग नेशनल कमेटी ऑन मेडिसिन के वाइस चेयरमैन डॉ. वाई के गुप्ता की अध्यक्षता में इसका गठन किया गया.

जांच रिपोर्ट आने तक कंपनी का प्रोडक्शन बंद कर दिया गया था. इसके बाद 1, 3, 6 और 11 अक्टूबर को उस जगह का निरीक्षण किया गया, जहां इस सिरप का प्रोडक्शन किया जा रहा था. वहां से सैंपल कलेक्ट कर चंडीगढ़ की लैब में भेजे गए थे.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement