
वाराणसी के काशी हिंदू विश्व विद्यालय (BHU) से ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसे देखकर हर कोई हैरान है. यहां BHU के पूर्व कुलपति और पंडित मदन मोहन मालवीय के बेटे गोविंद मालवीय, आचार्य नरेंद्र देव, पूर्व पीएम जवाहर लाल नेहरू आदि की तस्वीरें फेंकी हुई मिलीं. कई तस्वीरों को तो दीमक चट कर चुके हैं. अतीत के पन्नों में शामिल हो चुके जिन महापुरुषों को लेकर समय-समय पर शिक्षण संस्थानों में नजीरें दी जाती हैं. उनके कसीदे पढ़े जाते हैं. आज उनको सहेज के रखने के बजाय कूड़े के ढ़ेर में फेंक दिया गया है. इसको लेकर BHU के छात्रों में आक्रोश है. उन्होंने इस मसले पर जमकर हंगामा किया है.
बीएचयू का छात्र संघ भवन जिसे छात्र अधिष्ठाता भवन भी कहते है. वो BHU के प्रशासनिक उदासीनता का शिकार दिखा. बीते दिन यहां पूर्व पीएम जवाहर लाल नेहरू, मदर टेरेसा, बीएचयू के संस्थापक पंडित मदन मोहन मालवीय के छोटे बेटे और BHU के छठे कुलपति पंडित गोविंद मालवीय, आचार्य नरेंद्र देव जैसे महापुरूषों की तस्वीरें दयनीय हालत में दिखीं तो छात्रों का गुस्सा भड़क उठा. तस्वीरों में पूर्व छात्रसंघ के कई पदाधिकारी भी शामिल थे. रखरखाव में लापरवाही की वजह से तस्वीरों में दीमक लग गई है. दर्जनों तस्वीरें तो पूरी तरह से खराब हो चुकी हैं.
दीमक चट कर गईं महापुरूषों की तस्वीरें
जिन महापुरूषों और गौरवशाली इतिहास को BHU को सहेज के रखने की जरूरत थी, उनकी तस्वीरें BHU के छात्रसंघ भवन में कूड़े की तरह बेहद खराब हालत में मिलीं. दरअसल, बीते दिन 5 अक्टूबर यानी आज छात्र राजनीति के पितामह माने गए देवव्रत मजूमदार की जयंती को मनाने की तैयारी चल रही थी. इसी बाबत तमाम छात्र BHU के छात्रसंघ भवन पहुंचे थे. लेकिन वहां तस्वीरों को देखकर उनके पैरों तले जमीन खिसक गई.
एक शोध छात्र अभिषेक सिंह ने बताया कि कार्यक्रम के बाबत जब पूर्व छात्रसंघ के सदस्यों की तस्वीरें मांगी गईं तो बताया गया कि तस्वीरें नहीं हैं. बाद में पता लगाने पर सभी तस्वीरें कूड़े के ढेर में दीमक लगे हालत में मिलीं. इसकी शिकायत छात्र अधिष्ठाता प्रो. एके नेमा से की गई.
हालत नहीं सुधरी तो होगा छात्र आंदोलन
छात्रों ने हंगामा करते हुए आरोप लगाया कि यह स्टूडेंट्स की विरासत को मिटाने की कोशिश है. छात्रों ने अधिष्ठाता से मुलाकात के दौरान चेतावनी दी है कि जल्द से जल्द विश्व विद्यालय की विरासत को सहेज कर रखा जाए, नहीं तो छात्र आंदोलन को मजबूर हो जाएंगे. उन्हें सारी तस्वीरें फिर से सजी हुईं चाहिए. छात्रों ने डीन से शिकायत की है.
वहीं, इस पूरे प्रकरण पर BHU के छात्र अधिष्ठाता प्रो. एके नेमा ने 'आज तक' को बताया कि उन्हे आए हुए अभी 6 महीने ही हुए हैं. छात्र अधिष्ठाता की जिम्मेदारी हाल ही मिली है. उनके पहले दिसंबर माह में प्रो. केके सिंह थे. पिछले 10 वर्षों से छात्रसंघ भवन सरकार के आदेश से बंद था. यहां तक कि 15 अगस्त और 26 जनवरी को ध्वजारोहण भी PAC लगाकर होता था.
हालांकि, बाद में छात्रसंघ भवन का ताला खुल गया. अब छात्रों की जो शिकायत आई है उसका संज्ञान लिया गया है. जो भी तस्वीरें खराब हुई हैं उन्हें वापस रिस्टोर कराया जाएगा. बताया जा रहा है कि कई तस्वीरें 1960-70 दशक की हैं.