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वाराणसी: एक साल तक मां की लाश के साथ रही बेटियां, नहीं किया अंतिम संस्कार, पुलिस पहुंची तो कंकाल से लिपटकर लगीं चिल्लाने

Varanasi News: दोनों बेटियों ने एक कमरे में शव को छिपा दिया था और अंतिम संस्कार नही किया. बदबू से बचने के लिए वो अगरबत्ती आदि का इस्तेमाल करती थीं. मकान के आसपास कोई पड़ोसी ना होने के चलते इसकी भनक लोगों को नहीं मिली.  

वाराणसी: मां के शव के साथ साल भर रहीं दो बेटियां वाराणसी: मां के शव के साथ साल भर रहीं दो बेटियां
रोशन जायसवाल
  • वाराणसी ,
  • 30 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 10:32 AM IST

वाराणसी से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जिसने सबको झकझोर कर रख दिया. यहां दो बेटियां अपनी मां के शव के साथ लगभग एक साल तक घर में रहीं. मां का शव कंकाल बन गया था. लेकिन बेटियों ने उसका अंतिम संस्कार नहीं करवाया. इस दौरान वो घर में जन्मदिन की पार्टी आदि सेलिब्रेट करती रहीं.  

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पिछले कई दिनों से जब बेटियां घर से नहीं निकली तो पड़ोसियों ने इसकी सूचना रिश्तेदारों को दी. जिसके बाद रिश्तेदार घर पहुंचे. वहां उन्होंने ऐसा मंजर देखा कि उनके पैरों तले जमीन खिसक गई. उन्होंने पुलिस को सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने कंकाल बन चुके शव को घर से बाहर निकाला और पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया. फिलहाल, पुलिस मृतका की दोनों बेटियों से पूछताछ कर रही है. उनसे शव को घर में रखने का कारण जानने का प्रयास हो रहा है. 

शव को चादर और कंबल में लपेटकर रखा था 

ये पूरा मामला लंका थाना क्षेत्र के सामने घाट चौकी अंतर्गत आने वाले मदरवां का है. जहां एक सुनसान इलाके में स्थित घर से पुलिस ने 52 वर्षीय उषा त्रिपाठी नामक महिला का शव बरामद किया है. ये शव पिछले एक साल से घर में पड़ा था और घर में मृतका की दोनों बेटियां रह रही थीं. 27 वर्षीय बड़ी बेटी पल्लवी त्रिपाठी पोस्ट ग्रेजुएट है. जबकि, छोटी बेटी वैश्विक त्रिपाठी 17 साल की है और दसवीं पास है. 

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घर में रखे-रखे मृतका उषा त्रिपाठी का शव लगभग कंकाल बन चुका था. शव को चादर और कंबल में लपेटकर एक कमरे में रखा गया था. बेटियों ने बताया कि तबीयत बिगड़ने से मां उषा त्रिपाठी की मौत 8 दिसंबर 2022 को ही हो चुकी थी. पिता पिछले कई साल पहले घर छोड़कर जा चुके हैं. 

ऐसे खुला राज 

दरअसल, पिछले कुछ समय से जब दोनों बेटियां घर के बाहर नहीं निकली तो आसपास के लोगों ने इसकी जानकारी उषा त्रिपाठी के मिर्जापुर में रहने वाले बहनोई धर्मेंद्र चतुर्वेदी को दी. इसके बाद धर्मेंद्र और उनकी पत्नी मौके पर पहुंचे और दरवाजा खुलवाया. घर का दरवाजा खुलते ही एक कमरे में दोनों बेटियां पल्लवी और वैश्विक अपनी मां उषा त्रिपाठी के शव के साथ बैठी हुई मिलीं. यह देखकर रिश्तेदार धर्मेंद्र चतुर्वेदी के होश उड़ गए और उन्होंने इसकी सूचना तत्काल लंका थाने की पुलिस को दी. 

मौके पर पहुंची पुलिस को देखकर दोनों बेटियों ने काफी हंगामा मचाया. किसी तरह शव को पुलिस ने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. साथ ही दोनों बेटियों से पूछताछ शुरू कर दी.  

बदबू से बचने के लिए अगरबत्ती का इस्तेमाल

पूछताछ में पुलिस को पता चला कि उषा त्रिपाठी की मौत तबीयत बिगड़ने से हुई थी. उनके पति काफी पहले घर छोड़ चुके थे. ऐसे में मां की मौत के बाद संसाधन के अभाव के चलते दोनों बेटियों ने एक कमरे में शव को छिपा दिया था और अंतिम संस्कार नही किया. बदबू से बचने के लिए वो अगरबत्ती आदि का इस्तेमाल करती थीं. मकान के आसपास कोई पड़ोसी ना होने के चलते इसकी भनक लोगों को नहीं मिली.  

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पिछले एक साल में जो भी रिश्तेदार घर आता था तो बेटियां मां की तबीयत खराब होने का बहाना बनाकर उन्हें लौटा देती थीं. किसी को मां से मिलने नहीं देती थी. पुलिस को यह भी पता चला है कि पिछले काफी समय से दोनों का खर्चा आस-पड़ोस की मदद और उधार के अलावा घर के जेवर बेचकर चलता था. बताया जा रहा है कि बेटियां मानसिक रूप से कमजोर हैं.  

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