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ज्ञानवापी: 'शिवलिंग' की कार्बन डेटिंग पर रोक लगाने की मांग, मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई

वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में मिले कथित 'शिवलिंग' के साइंटिफिक सर्वे पर मुस्लिम पक्ष ने रोक लगाने की मांग की है. दरअसल इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उसकी कार्बन डेटिंग कराने का आदेश दिया था, जिस पर रोक लगाने के लिए मस्जिद कमेटी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है.

ज्ञानवापी में मिले 'शिवलिंग' की कार्बन डेटिंग पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी. (फाइल फोटो) ज्ञानवापी में मिले 'शिवलिंग' की कार्बन डेटिंग पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी. (फाइल फोटो)
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 19 मई 2023,
  • अपडेटेड 2:42 AM IST

वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में मिले कथित 'शिवलिंग' की कार्बन डेटिंग को लेकर मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. मुस्लिम पक्ष की अपील पर सुप्रीम कोर्ट आज ही सुनवाई करेगा. दरअसल इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वाराणसी की निचली अदालत के आदेश को खारिज करते हुए 'शिवलिंग' की कार्बन डेटिंग की अनुमति दे दी थी, जिसके खिलाफ मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. 

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मुस्लिम पक्ष ने कथित 'शिवलिंग' के साइंटिफिक सर्वे के इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग की है. सुप्रीम कोर्ट इस मामले में आज ही सुनवाई करेगा. हाई कोर्ट ने 22 मई को वाराणसी के डिस्ट्रिक्ट जज को 'शिवलिंग' के कार्बन डेटिंग कराने को लेकर सुनवाई करने का आदेश दिया था. साइंटिफिक सर्वे कब और कैसे किया जाएगा, ये डिस्ट्रिक्ट जज ही तय करेंगे.  

ASI की रिपोर्ट के बाद HC ने दिया था फैसला

हाई कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की ओर से पेश की गई रिपोर्ट पर आदेश दिया था, जिसमें एएसआई ने कोर्ट में कहा था कि शिवलिंग को नुकसान पहुंचाए बिना साइंटिफिक सर्वे किया जा सकता है. इस फैसले के खिलाफ मस्जिद इंतजामिया कमेटी सुप्रीम कोर्ट पहुंची है. इस मामले में हिंदू पक्ष की ओर से भी सुप्रीम कोर्ट में केविएट दायर हो चुका है. हिंदू पक्ष ने केविएट दाखिल कर अपील की है कि किसी भी तरह का आदेश पारित करने से पहले सुप्रीम कोर्ट उसके पक्ष को भी सुने.  

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वाराणसी की अदालत ने नहीं किया था फैसला 

वाराणसी की निचली अदालत ने सुप्रीम कोर्ट की यथास्थिति कायम रखने के आदेश के चलते कार्बन डेटिंग जांच कराने से इंकार कर दिया था, जिसे चुनौती दी गई थी. हाई कोर्ट ने वाराणसी की अदालत के आदेश को रद्द कर दिया था. 

याचिका पर इन्होंने रखा था सरकार का पक्ष 

याचिका पर राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी और मुख्य स्थायी अधिवक्ता बिपिन बिहारी पांडेय ने पक्ष रखा था. याचिका पर अधिवक्ता हरिशंकर जैन, विष्णु शंकर जैन और ज्ञानवापी मस्जिद की तरफ से एसएफए नकवी ने पक्ष रखा था. 

जांच से पता चलेगी 'शिवलिंग' की आयु 

कोर्ट ने केंद्र सरकार के अधिवक्ता मनोज कुमार सिंह से पूछा था कि क्या शिवलिंग को नुकसान पहुंचाए बगैर कार्बन डेटिंग से जांच की जा सकती है. क्योंकि इस जांच से शिवलिंग की आयु का पता चलेगा. एएसआई ने कहा था- बिना क्षति शिवलिंग की कार्बन डेटिंग जांच की जा सकती है. 

 

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