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UP: स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी, सनातन रक्षक सेना ने खोला मोर्चा

Varanasi News: समाजवादी पार्टी के नेता और एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीते दिन रामचरित मानस को लेकर विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा कि कई करोड़ लोग रामचरित मानस को नहीं पढ़ते, सब बकवास है. यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है.

सपा नेता और एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य (फाइल फोटो) सपा नेता और एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य (फाइल फोटो)
रोशन जायसवाल
  • वाराणसी ,
  • 24 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 1:47 PM IST

UP News: रामचरितमानस पर समाजवादी पार्टी नेता और एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य की ओर से की गई विवादित टिप्पणी को लेकर विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसी कड़ी में सनातन रक्षक सेना की ओर से वाराणसी में भी सपा नेता के खिलाफ जमकर नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन किया गया.

यह विरोध प्रदर्शन काशी के दशाश्वमेध घाट पर  किया गया. दर्जनों की संख्या में हिंदू सनातन रक्षक सेना संगठन के कार्यकर्ताओं ने स्वामी प्रसाद मौर्या के विरोध में नारेबाजी की और कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्या पर कार्यवाही होनी चाहिए. उन्होंने पवित्र ग्रंथ रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी दी है. राजनीति के चक्कर में उन्होंने अपने ही धर्म पर ऐसे विवादित टिप्पणी की है. 

हिंदू सनातन रक्षक सेना के उपाध्यक्ष पूनम मिश्रा ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी की है. एक सनातनी होने के कारण उन्हें ऐसा बयान नहीं देना चाहिए. राजनीति के चक्कर में उन्होंने ऐसा बयान दिया है.

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संगठन के चंद्र प्रकाश ने बताया कि स्वामी प्रसाद मौर्य को अपने ही सनातनी ग्रंथ पर इस तरह की टिप्पणी नहीं देना चाहिए. राजनीति के चक्कर में उन्होंने अपने ही ग्रंथ पर ऐसी विवादित टिप्पणी दी है, उनकी मति भ्रष्ट हो गई है. ऐसे लोगों पर सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.

वहीं, योगी आलोक सनातनी ने बताया कि स्वामी प्रसाद मौर्या खुद दिमाग से पैदल और मूर्ख इंसान हैं. इसको सरकार को बैन कर देना चाहिए. 

क्या है विवाद?

बता दें कि समाजवादी पार्टी के नेता और एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीते दिन रामचरित मानस को लेकर विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा कि कई करोड़ लोग रामचरित मानस को नहीं पढ़ते, सब बकवास है. यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है. मौर्य ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री पर भी टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा कि धीरेंद्र शास्त्री सनातन धर्म का प्रचार नहीं कर रहे, बल्कि सनातन धर्म को दफना रहे हैं. 

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