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उत्तर प्रदेश में 2 लाख कुत्तों की नसबंदी, योगी सरकार को क्यों उठाना पड़ा ये कदम?

पिछले कुछ दिनों में आम लोगों और खासतौर पर बच्चों को कुत्ते के काटने की घटनाओं में काफी बढ़ोतरी हुई है. इन घटनाओं के सामने आने के बाद अब उत्तर प्रदेश सरकार एक्शन मूड में आ गई है. यूपी में अब तक 2 लाख से ज्यादा कुत्तों की नसबंदी की जा चुकी है.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
aajtak.in
  • लखनऊ,
  • 03 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 8:25 AM IST

उत्तर प्रदेश सरकार ने कुत्तों की आबादी पर नियंत्रण करने के लिए सख्ती शुरू कर दी है. यूपी में इस समय एनिमल बर्थ कंट्रोल (ABC) पर काफी ज्यादा फोकस किया जा रहा है. इसके तहत ही योगी सरकार प्रदेश में दो लाख 16 हजार से ज्यादा कुत्तों की नसबंदी कर चुकी है. 

बता दें कि इस समय पूरे राज्य की 11 अर्बन लोकल बॉडीज में एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर (ABC) संचालित किए जा रहे हैं. इस योजना को आगे बढ़ाते हुए सभी नगर निगमों और 58 जिला मुख्यालयों में एबीसीएस स्थापित किए जाना है. इसके लिए सरकार ने 15 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान भी किया है.

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दरअसल, शहरी क्षेत्रों में तेजी से जानवरों की संख्या में देखी गई है. इसके बाद कई ऐसे मामले भी सामने आए, जिसमें जानवरों ने इंसानों पर जानलेवा हमले किए. इन घटनाओं के बाद ही जानवरों की बढ़ती आबादी को नियंत्रित करने की जरूरत महसू की जाने लगी है. हाई कोर्ट ने भी एनिमल बर्थ कंट्रोल को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं.

पहले चरण में नगर निगमों में ABC का गठन

नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात के मुताबिक हाल के दिनों में कुत्तों के बच्चों और आम लोगों पर हमले के कई मामले सामने आए हैं. इन हमलों की घटनाओं को रोकने के लिए योगी सरकार गंभीर है. इसे देखते हुए सरकारी और निजी एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर (ABC) और डॉग्स केयर सेंटर स्थापित करने को लेकर प्रोत्साहित किया जा रहा है. 11 यूएलबीएस एबीसीएस का संचालन किया जा रहै है. अयोध्या और लखनऊ के पास अपना एबीसीएस है. पहले चरण में सभी 17 नगर निगमों में एबीसीएस का गठन किया जा रहा है, जबकि दूसरे चरण में शेष 58 जिला मुख्यालयों में इसकी स्थापना की जाएगी. एबीसी का संचालन एनजीओ के जरिए किया जाएगा, जिन्हें बिडिंग प्रॉसेस के तहत चयनित किया जाएगा.

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ABC सेंटर स्थापित करने के लिए नियम निर्धारित

यूपी में एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर स्थापित करने के लिए नियम निर्धारित किए गए हैं. इसके अनुसार यूपीएबीसी के लिए प्रतिदिन 41 कुत्ते और डॉग्स केयर सेंटर के लिए कुल 30 कुत्तों की देखभाल का प्रावधान है. साथ ही डॉग्स पार्क के लिए स्थान का निर्धारण आवश्यक है. यूपीएबीसीएस और डॉग्स केयर सेंटर को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पेट्स शॉप के साथ पेट्स सैलून भी प्रस्तावित हैं. इसके अलावा पंजीकरण काउंटर, दवा कक्ष, सर्जन रूम, ऑपरेशन थियेटर, दिव्यांगों के लिए रैंप जरूरी हैं.

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