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UP: दारोगा ने छीने 5 हजार रुपये, सब्जी विक्रेता ने किया सुसाइड

मृतक की मां राजरानी ने बताया कि उनका बेटा सुशील उधार पैसे लेकर सब्जी की दुकान चला रहा था. दारोगा ने उससे 5 हजार रुपये छीन लिए थे. इस बात से परेशान होकर उनके बेटे सुशील ने अपनी जान दे दी. डीसीपी विजय ढुल का कहना है कि मृतक के परिजनों के शिकायत पर 306 की धारा में दरोगा सत्येंद्र और उनके सिपाही अजय यादव के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.  

मृतक सुशील (फाइल-फोटो) मृतक सुशील (फाइल-फोटो)
रंजय सिंह
  • कानपुर ,
  • 14 मई 2024,
  • अपडेटेड 7:53 PM IST

कानपुर में एक सब्जी विक्रेता के खुदकुशी किए जाने का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि चौकी इंचार्ज और सिपाही द्वारा बार-बार उससे पैसे छीनकर परेशान कर रहे थे. इससे क्षुब्ध होकर उसने यह कदम उठाया. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज मामले की जांच शुरू की. 

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मृतक की मां राजरानी ने बताया कि उनका बेटा सुशील उधार पैसे लेकर सब्जी की दुकान चला रहा था. लेकिन दारोगा और सिपाही अक्सर किसी ने किसी को भेजकर उसकी सब्जी उठा लेते थे. इतना ही नहीं तीन बार उन्होंने पैसे भी छीने. जिसके चलते दो महीने पहले उसने जहरीली दवा खाकर सुसाइड करने का प्रयास भी किया था. मौके पर मौजूद लोगों ने उसे अस्पताल पहुंचाया जहां बड़ी मुश्किल से उसकी जान बच पाई. 

सब्जी विक्रता ने पुलिस से परेशान होकर की खुदकुशी 

इस घटना के बाद दारोगा ने कहा था कि इसका इलाज कराओ अब उसे कोई परेशान नहीं करेगा. लेकिन जब ठीक होकर सब्जी बेचने आया तो दारोगा ने उससे 5 हजार रुपये छीन लिए इस बात से परेशान होकर सुशील ने अपनी जान दे दी. डीसीपी विजय ढुल का कहना है कि मृतक के परिजनों के शिकायत पर 306 की धारा में दरोगा सत्येंद्र और उनके सिपाही अजय यादव के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है. 

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आरोपी दारोगा और सिपाही के खिलाफ केस दर्ज 

पोस्टमार्टम के लिए शव को भेजा गया है उसकी रिपोर्ट के आधार पर विधि कार्रवाई की जाएगी जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा. दारोगा को सस्पेंड करने के लिए चुनाव आयोग को परमिशन मांगी गई है.

नोट:- (अगर आपके या आपके किसी परिचित के मन में आता है खुदकुशी का ख्याल तो ये बेहद गंभीर मेडिकल एमरजेंसी है. तुरंत भारत सरकार की जीवनसाथी हेल्पलाइन 18002333330 पर संपर्क करें. आप टेलिमानस हेल्पलाइन नंबर 1800914416 पर भी कॉल कर सकते हैं. यहां आपकी पहचान पूरी तरह से गोपनीय रखी जाएगी और विशेषज्ञ आपको इस स्थिति से उबरने के लिए जरूरी परामर्श देंगे. याद रखिए जान है तो जहान है.)

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