
केंद्रीय मंत्री और लोकसभा सांसद जनरल वीके सिहं (रिटायर्ड) ने कथित तौर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत की थी कि नागरिक निकायों के कुछ अधिकारी उन्हें उनके निर्वाचन क्षेत्र में शिलान्यास और उद्घाटन कार्यक्रमों में आमंत्रित नहीं कर रहे हैं. अब गाजियाबाद के जिलाधिकारी ने संबंधित लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
वीके सिंह की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए गाजियाबाद के जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) आरके सिंह ने शनिवार को अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया. डीएम ने अधिकारियों से सांसद निधि से कराए जा रहे विकासकार्यों के उद्घाटन और शिलान्यास कार्यक्रमों में स्थानीय एमपी को आमंत्रित नहीं करने के लिए उनसे स्पष्टीकरण मांगा है. अधिकारियों को सात दिन के अंदर नोटिस का जवाब देने के लिए कहा गया है.
DM ने पूछा- उद्घाटन बोर्ड पर MP का नाम क्यों नहीं?
जिला प्रशासन ने इस बात की पुष्टि की है कि डीएम के अधिकारियों को दिए गए निर्देश में कहा गया है कि सांसद वीके सिंह ने इस बारे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बताया है. सभी नगर पालिकाओं और नगर क्षेत्र समितियों के कार्यकारी अधिकारियों के साथ-साथ खंड विकास अधिकारियों को सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए कहा गया है. डीएम ने नोटिस में अधिकारियों से यह भी पूछा है कि उद्घाटन बोर्ड पर सांसद का नाम क्यों नहीं अंकित है.
गाजियाबाद से लगातार दो बार के सांसद हैं वीके सिंह
सेना से सेवानिवृत्ति के बाद वीके सिंह भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के समर्थन में खड़े हुए. उन्हें अगस्त 2012 में नई दिल्ली के रामलीला मैदान में इंडिया अगेंस्ट करप्शन के बैनर तले चल रहे अन्ना हजारे के अनशन में मंच पर भी देखा गया था. वीके सिंह 1 मार्च 2014 को भाजपा में शामिल हुए. उन्होंने 2014 के भारतीय आम चुनाव में गाजियाबाद से चुनाव लड़ा और कांग्रेस के राज बब्बर को 567,260 वोटों के अंतर से हराया. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में वह गाजियाबाद से दूसरी बार लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए.