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तीर्थ स्थलों का जल, जोधपुर से घी, महाराष्ट्र से लकड़ी और... रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए विद्वानों की तैयारी

पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित जी के बेटे और कर्मकांड टीम के मुख्य सदस्य पंडित अरुण दीक्षित ने बताया कि वे और उनके साथ गजानंद जोतकर दो सदस्यीय दल अयोध्या कूच कर रहे हैं. क्योंकि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां अंतिम चरण में है. इसलिए अयोध्या जाकर कर्मकांड से जुड़ी सारी व्यवस्था देखनी है.

22 जनवरी को होनी है राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की प्राण प्रतिष्‍ठा. 22 जनवरी को होनी है राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की प्राण प्रतिष्‍ठा.
रोशन जायसवाल
  • वाराणसी,
  • 26 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 4:11 PM IST

22 जनवरी 2024 को अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. इसकी तैयारी अब अंतिम दौर में है. रामलला के मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा काशी के ही कर्मकांडी विद्वानों के नेतृत्व में होनी है. इसको लेकर तैयारियों का जायजा लेने के लिए और देश भर से जुटने वाली पूजन सामग्री को जांचने के लिए काशी के 2 सदस्य कर्मकांडी ब्राह्मणों का दल अयोध्या पहुंचने वाले हैं. 

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'आजतक' से खास बातचीत में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के कर्मकांड का आचार्यत्व करने वाले पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित जी के बेटे और कर्मकांड टीम के मुख्य सदस्य पंडित अरुण दीक्षित ने बताया कि वे और उनके साथ गजानंद जोतकर दो सदस्यीय दल अयोध्या कूच कर रहे हैं. क्योंकि तैयारियां अंतिम चरण में है. इसलिए अयोध्या जाकर कर्मकांड से जुड़ी सारी व्यवस्था देखनी है.

पूजन स्थल पर बन रहा है मंडप

पूजन स्थल पर मंडप बन रहा है. यज्ञ के कुंड भी बनने हैं. पूरे भारत से पहुंचने वाले ब्राह्मणों के रहने और लिबास को भी देखना है. इसके अलावा पूरे भारतवर्ष से यज्ञ से जुड़ी सामग्रियां भी आ रही है, जैसे कलश और घी. इस सभी चीजों को एक जगह करना है. ताकि दिक्कत न होने पाए. पूजा सामग्री में पूरे भारतवर्ष से तीर्थों के जल आ रहें हैं. 

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100 कलशों से रामलला का होगा स्नान

उन्होंने आगे बताया कि 9 प्रकार की समिधाएं (लकड़ी) और औषधियां महाराष्ट्र से आ रही है. यज्ञ पात्र बनकर तैयार हो गए हैं, जो काशी से जाएंगे. साथ ही 100 कलशों से रामलला का स्नान होगा, वह मुंबई से आ रहा है. जोधपुर से गाय का शुद्ध घी भी पहुंच चुका है. कुंड मंडप के लिए अयोध्या में कुशल कारीगरों का भी परीक्षण करना है, क्योंकि कुंड निर्माण में कुशल कारीगरों की जरूरत पड़ती है. 

अयोध्या जाएंगे पूजन कराने 30-40 ब्राह्मणों का दल

अरुण दीक्षित ने खास बातचीत में ये भी बताया कि कुंड बनना भी दो-तीन दिन में शुरू हो जाएगा. ये जायजा लेकर 2-3 में लौट जाएंगे. फिर अगले दौरे में कुंड निर्माता के साथ वापस 3 जनवरी को कूच करेंगे. वहीं, मंडप बन गया है और अंदर का काम बाकी है. ब्राह्मणों के आवास का भी निरीक्षण करना है. पूरे देश से 30-40 ब्राह्मणों का दल अयोध्या जाएगा पूजन कराने, जिसमें कांची, महाराष्ट्र और काशी से भी विद्वान रहेंगे.

5-6 जनवरी तक कर्मकांड की पूरी हो जाएगी तैयारी

उन्होंने बताया कि काशी से भी 2-4 लोगों को निमंत्रण दिया गया है. 5 जनवरी तक कर्मकांड की सारी तैयारियां पूरी हो जाएंगी. अभी 3 जनवरी को वे लोग अपने दूसरे दौरे पर जाएंगे और फिर स्थाई रहेंगे. तब 5-6 जनवरी तक कर्मकांड की सारी तैयारी पूरी हो जाएगी.

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