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अतीक और अशरफ की हत्या के पीछे क्या था हमलावरों का मकसद? आरोपियों ने बताई हत्याकांड की पूरी कहानी

अतीक अहमद (Atiq ahmed) और अशरफ की हत्या के पीछे हमलावरों का मकसद क्या था, इसका खुलासा पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में हुआ है. पुलिस ने आरोपियों से जब पूछताछ की तो उन्होंने हत्याकांड की पूरी कहानी बताई. आरोपियों ने कहा कि वे अतीक गैंग का खात्मा करना चाहते थे, इसी को लेकर इस वारदात को अंजाम दिया.

अतीक और अशरफ की हत्या. (Photo: Video Grab) अतीक और अशरफ की हत्या. (Photo: Video Grab)
अरविंद ओझा/समर्थ श्रीवास्तव
  • प्रयागराज,
  • 16 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 2:36 PM IST

गैंगस्टर से राजनेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की गोली मारकर हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार तीन आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वे गिरोह का सफाया कर अपना नाम बनाना चाहते थे. पुलिस ने जो एफआईआर दर्ज की है, उसमें ये बात कही गई है.

शनिवार रात मीडिया से बातचीत के दौरान पत्रकार बनकर आए तीन आरोपियों ने अतीक और अशरफ की उस वक्त गोली मारकर हत्या कर दी, जब पुलिसकर्मी उन्हें जांच के लिए मेडिकल कॉलेज ले जा रहे थे.

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शाहगंज थाने के एसएचओ राजेश कुमार मौर्य ने रविवार को बताया कि 'तीनों हमलावरों की पहचान बांदा निवासी 22 वर्षीय लवलेश तिवारी, हमीरपुर निवासी 23 वर्षीय मोहित उर्फ सन्नी और कासगंज निवासी 18 वर्षीय अरुण मौर्य के रूप में हुई है.' उन्होंने कहा कि तीनों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 और 307 के साथ-साथ शस्त्र अधिनियम के तहत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया है. 

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पुलिस ने मौके से वारदात में इस्तेमाल हथियार बरामद किए हैं. आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वे अतीक और अशरफ के गिरोह का सफाया कर राज्य में अपना नाम और पहचान बनाना चाहते हैं और इसका फायदा उन्हें भविष्य में जरूर मिलेगा. उन्होंने यह भी कहा कि वे वारदात को अंजाम देने के बाद भाग नहीं सकते थे, पुलिस ने तुरंत ही पकड़ लिया था.

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आरोपी ने पुलिस से कहा कि जब से अतीक और अशरफ की पुलिस हिरासत के बारे में पता चला, हम तभी से उनकी हत्या करने की योजना बना रहे थे. इसलिए पत्रकार बनकर पहुंचे. जब सही मौका मिला, हमने ट्रिगर दबाकर योजना को अंजाम दिया. 60 वर्षीय अतीक और उसके भाई अशरफ को एक ही हथकड़ी पहनाई गई थी.

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घटना के बारे में जानकारी देते हुए प्रयागराज के पुलिस आयुक्त रमित शर्मा ने शनिवार को कहा था कि घटना के तुरंत बाद गिरफ्तार किए गए तीन हमलावर पत्रकारों के बीच शामिल होकर अतीक और अशरफ से साउंड बाइट लेने की कोशिश कर रहे थे. उन्होंने कहा था कि अतीक अहमद और अशरफ को मेडिकल के लिए अस्पताल लाया गया था. उसी दौरान पत्रकार बनकर तीन लोग उनके पास आए और गोलियां चला दीं.

शनिवार की रात कर दी गई अतीक व अशरफ की हत्या

अतीक अहमद (Atiq Ahmed) और उसके भाई अशरफ की 15 अप्रैल (शनिवार) की रात प्रयागराज में करीब साढ़े 10 बजे ताबड़तोड़ फायरिंग कर हत्या कर दी गई थी. वारदात को उस दौरान अंजाम दिया गया, जब दोनों को प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल ले जाया जा रहा था. वारदात के बाद पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए तुरंत तीनों हमलावरों को पकड़ लिया था. अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के तीनों आरोपी प्रयागराज के बाहर के रहने वाले हैं. तीनों का ही पुराना आपराधिक इतिहास रहा है.

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पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने कहा है, 'कब तक छोटे-मोटे शूटर रहेंगे, बड़ा माफिया बनना है, इसलिए हत्याकांड को अंजाम दिया.' इस मामले में धीरे-धीरे परतें खुल रही हैं. पुलिस पूछताछ में जुटी हुई है. इस मामले में शूटर लवलेश, अरुण और मोहित उर्फ सनी पर आईपीसी की धारा 302 और 307 के तहत केस दर्ज किया गया है..

कौन हैं अतीक और अशरफ को गोली मारने वाले शूटर?

बताया जा रहा है कि तीनों शूटर यूपी के अलग-अलग जिलों के रहने वाले हैं. अतीक और अशरफ को गोली मारने वाला शूटर लवलेश तिवारी बांदा का रहने वाला है, जबकि अरुण मौर्य कासगंज का निवासी है. वहीं तीसरा आरोपी सनी हमीरपुर का रहने वाला है. अब तक की पूछताछ में तीनों आरोपियों ने इन्हीं जिलों का निवासी बताया है. इसके बाद पुलिस आरोपियों के बयानों को वेरीफाई कर रही है. तीनों आरोपी अतीक और अशरफ की हत्या के मकसद से ही प्रयागराज पहुंचे थे.

बाइक से पहुंचे थे हमलावर, लगा रखी थी दूसरी नंबर प्लेट

पुलिस के अनुसार, ये हमलावर पल्सर बाइक से पहुंचे थे, जिस पर UP70 M 7337 नंबर प्लेट लगी थी. वाहन ऐप से पता चला है कि यह नंबर प्लेट पल्सर की नहीं, बल्कि हीरो होंडा की पुरानी मोटरसाइकिल Cd 100ss की है, जो सरदार अब्दुल मन्नान खान के नाम से रजिस्टर बताई जा रही है. वाहन एप के मुताबिक, Cd 100ss बाइक को 3 जुलाई 1998 में खरीदा गया था. यह नंबर प्लेट हमलावरों ने कहां से ली, इसकी जांच कराई जा रही है.

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गुरुवार को हुआ था अतीक के बेटे असद का एनकाउंटर

इससे पहले गुरुवार को यूपी के झांसी जिले में यूपी एसटीएफ (UP STF) ने अतीक अहमद के बेटे असद (Asad) का एनकाउंटर कर दिया था, साथ ही शूटर गुलाम ढेर हो गया था. एसटीएफ की टीम पिछले डेढ़ महीने से असद अहमद और गुलाम को ट्रेस कर रही थी. यह एनकाउंटर यूपी एसटीएफ के डिप्टी एसपी नवेंदु और डिप्टी एसपी विमल की अगुवाई में हुआ था. असद पर पांच लाख का इनाम था. Asad और शूटर मो. गुलाम के पास से एक ब्रिटिश Bull Dog Revolver और Walhther Pistol बरामद की गई थी.

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