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4 तहसील, 56 थाने, 67 गांव... महाकुंभ के समापन के बाद यूपी के MahaKumbh Mela District का क्या होगा?

महाकुंभ भले ही 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के अमृत स्नान के साथ खत्म हो गया हो लेकिन उत्तर प्रदेश का 76वां जिला महाकुंभ मेला अभी भी अस्तित्व में है. जी हां, जिस प्रयागराज के संगम किनारे 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने स्नान किया, वह एक अलग जिला है, जिसे महाकुंभ के आयोजन के पहले सरकार ने घोषित किया था.

महाकुंभ मेला क्षेत्र महाकुंभ मेला क्षेत्र
संतोष शर्मा
  • प्रयागराज,
  • 04 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 9:38 AM IST

प्रयागराज में महाकुंभ भले ही 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के अमृत स्नान के साथ खत्म हो गया हो लेकिन उत्तर प्रदेश का 76वां जिला महाकुंभ मेला अभी भी अस्तित्व में है. जी हां, जिस प्रयागराज के संगम किनारे 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने स्नान किया, वह एक अलग जिला है, जिसे महाकुंभ के आयोजन के पहले सरकार ने घोषित किया था. कुंभ का भले ही समापन हो चुका हो लेकिन महाकुंभ जिला अभी भी मार्च महीने तक अस्तित्व में रहेगा. 

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आपको बता दें कि यूपी सरकार ने महाकुंभ की तैयारी तो 2 साल पहले से शुरू कर दी थी. लेकिन 13 जनवरी से शुरू होने वाले महाकुंभ मेले के लिए महाकुंभ जिला 1 दिसंबर 2024 को अस्तित्व में आया. 4 महीने के लिए हर कुंभ पर बनाए जाने वाले इस कुंभ जिले के लिए बाकायदा डीएम प्रयागराज ने आदेश जारी किया. इसमें प्रयागराज के परेड क्षेत्र से लेकर प्रयागराज जिले की 4 तहसीलों, सदर, सोरांव, फूलपुर, और करछना के 67 गांव को मिलाकर महाकुंभ जिला भी घोषित किया. 

महाकुंभ मेला जिला घोषित हुआ तो सरकार ने हर बार की तरह इस बार भी जिले में डीएम, एसडीम, एसपी, एडिशनल एसपी तैनात किए. इस बार डीएम कुंभ मेला विजय किरन आनंद और एसएसपी महाकुंभ मेला राजेश द्विवेदी को बनाया गया. वहीं, महाकुंभ मेला जिले में तीन एडीएम 28 एसडीएम एक तहसीलदार और 24 नया तहसीलदार भी तैनात हुए थे. पुलिसिंग के लिए इस जिले में  56 थाने 155 पुलिस चौकिया एक साइबर सेल थाना, एक महिला थाना और तीन जल पुलिस थाने बनाए गए. 

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पूरे देश और दुनिया में उत्तर प्रदेश शायद इकलौता ऐसा प्रदेश है जहां किसी मेले के आयोजन के लिए एक जिले का सृजन होता है और वह भी केवल उस मेला अवधि के लिए. हालांकि, 1 दिसंबर 2024 को जारी हुए महाकुंभ मेला जिला की अधिसूचना में जिले की समाप्ति की तारीख नहीं लिखी गई, लेकिन डीएम मेला कुंभ विजय किरन आनंद का कहना है कि मेला का काम भले ही खत्म हो गया हो लेकिन मेला समापन के बाद तमाम प्रशासनिक काम रह जाते हैं, ऐसे में महाकुंभ मेला जिला समाप्ति की अधिसूचना की तारीख घोषित नहीं की गई, काम समाप्ति के साथ ही जिला समाप्ति की अधिसूचना भी जारी होगी. 

26 फरवरी को महाशिवरात्रि के आखिरी अमृत स्नान और 27 फरवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा कुंभ मेले का आधिकारिक समापन कर दिया गया. मगर मेले के खत्म होने के बाद जिस गंगा, यमुना और संगम तट पर 66 करोड़ से अधिक लोग आए, देश भर के साधु-संत और नागा साधुओं के अखाड़े जमे, उस पूरे इलाके में खड़े किए गए अस्थाई स्ट्रक्चर को हटाने  का काम अब शुरू हो चुका है. 

इसके साथ ही टेंट सिटी का सामान भी वापसी होना है. सामान का मिलान होना है, हिसाब किताब होना है, सरकारी से लेकर निजी प्रतिष्ठानों के बिल बनवाकर भुगतान होना है, जिसमें पूरे मार्च का समय लग सकता है.

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कुंभ मे तैनात पुलिस को फोर्स का भी काम पूरा है, ऐसे में लगभग 80 फीसदी फोर्स वापस हो चुकी है. लेकिन अभी बाकी बची 20 फीसदी फोर्स को 6 मार्च के बाद क्रमवार उनके मूल तैनाती में भेजा जाएगा. 

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