
माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की मौत के बाद ये सवाल उठ रहा है कि लंबे समय से फरार चल रही उसकी पत्नी अफशां अंसारी सामने आएगी या नहीं. मुख्तार की पत्नी अफशां पर पुलिस ने इनाम घोषित कर रखा है. लंबे समय से पुलिस अफशां की तलाश में जुटी हुई है. उसपर करीब दर्जन भर मुकदमे दर्ज हैं. गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई की जा चुकी है.
गौरलब है कि गाजीपुर, मऊ से लेकर लखनऊ तक फर्जी तरीके से भूमि पर कब्जा करने, रसूख के दम पर सरकारी जमीन पर कब्जा कर आर्थिक लाभ लेने जैसे कई केस अफशां अंसारी पर दर्ज हैं. जबरन रजिस्ट्री का केस भी अफशां के खिलाफ दर्ज है.
कहा जाता है कि 2005 में मुख्तार अंसारी जब जेल गया तो अंसारी गैंग की कमान अफशां अंसारी ही संभालती थी. शादी से पहले अफशां पर कोई अपराधिक मामला दर्ज नहीं था. लेकिन अब गैंगस्टर एक्ट, रंगदारी सहित अलग-अलग दर्जन भर दर्ज हो गए हैं.
वो मामला जिसमें अफशां पर इनाम घोषित हुआ
बता दें कि अफशां गाजीपुर जिले के यूसुफपुर मोहम्मदाबाद के दर्जी मोहल्ला की रहने वाली है. कुछ साल पहले मऊ के दक्षिण टोला के रैनि गांव के पास विकास कंस्ट्रक्शन नाम की फर्म बनाकर जमीन ली गई और उस पर एक गोदाम का निर्माण कराया गया. उस गोदाम को फर्म के द्वारा एफसीआई को किराए पर दिया गया था.
यह फर्म पांच लोगों के नाम पर रजिस्टर्ड थी, जिसमें मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां अंसारी, उसके दोनों साले अनवर सहजाद और आतिफ रजा साथ ही रविन्द्र नरायन सिंह, जाकिर हुसैन उर्फ विक्की शामिल थे.
राजस्व विभाग की जांच में पाया गया कि विकास कंस्ट्रक्शन फर्म ने अनुसूचित जाति के लोगों को पट्टे पर दी गई जमीन को गलत तरीके से अपने नाम करा लिया गया. इसके अलावा कुछ और लोगों की जमीन भी गलत तरीके से ले ली. उस समय के तहसीलदार पीसी श्रीवास्तव ने इस पूरे मामले की जांच कराई. जांच में पाया गया कि विकास कंस्ट्रक्शन फर्म ने फर्जी ढंग से अनुसूचित जाति के लोगों को दी गई पट्टे की जमीन को फर्म के नाम कराया गया है.
जून 2021 में खाली कराई गई जमीन
तहसीलदार की रिपोर्ट के आधार पर साल 2020 में मऊ के दक्षिण टोला थाने में मुख्तार अंसारी की पत्नी और सालों समेत 5 लोगों के खिलाफ अवैध और फर्जी तरीके से जमीन कब्जा करने का मुकदमा दर्ज हुआ. जिसमें लोक संपत्ति क्षति अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया. इसी मुकदमे के बाद जून 2021 में प्रशासनिक अधिकारियों और भारी पुलिस बल की मौजूदगी में इस फर्म के गोदाम के पीछे स्थित बाउंड्रीवाल को गिराकर कब्जा की गई जमीन को मुक्त कराया गया.
अफशां के अलावा सभी आरोपी कोर्ट में पेश
इस मामले में अफशां अंसारी के अलावा बाकी चारों आरोपी कोर्ट में पेश हो चुके हैं,जबकि मुख्तार की पत्नी तब से ही फरार है. बाद में इसी मुकदमे को आधार बनाते हुए 31 जनवरी 2022 को गैंगस्टर एक्ट लगाया गया. इस मुकदमे के दर्ज होने के बाद भी अफशां लगातार फरार रही. मऊ पुलिस ने कई बार गाजीपुर जिले में उनके आवास और संभावित ठिकानों पर गिरफ्तारी के लिए दबिश दी, लेकिन सफलता नहीं मिली.
अफशां अंसारी पर 75 हजार का इनाम घोषित
मुख्तार की पत्नी के द्वारा कोर्ट में पेश होकर अपनी जमानत नहीं कराए जाने और लगातार नोटिस के बाद भी फरार रहने के कारण आज मऊ पुलिस ने अफशां अंसारी के ऊपर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया. जबकि, गाजीपुर में अफशां पर गजल होटल लैंड डील और नंदगंज में सरकारी जमीन कब्जा करने के मामले में दर्ज मुकदमे में पहले ही 25 हजार का इनाम घोषित किया गया था.
बाद में गाजीपुर पुलिस ने ये इनाम बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया. इस तरह से मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां अंसारी पर गाजीपुर जिले से 50 हजार का इनाम और मऊ पुलिस की तरफ से 25 हजार रुपये का इनाम घोषित हुआ है.
मुख्तार फैमिली की क्राइम कुंडली
मालूम हो कि मुख्तार का एक बेटा अब्बास अंसारी जेल में बंद है. जबकि, दूसरा बेटा उमर अंसारी जमानत पर है. वहीं, पत्नी अफशां अंसारी फरार चल रही है. उसके ऊपर 75 हजार का इनाम भी घोषित है. अफशां के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हैं. मुख्तार की बहू निकहत बानो भी जेल की हवा खा चुकी है. उसपर अपने पति अब्बास अंसारी को जेल से भगाने की कोशिश का आरोप है.