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हाथरस भगदड़ के बाद 'भोले बाबा' के फरार होने की पूरी कहानी, इन 4 लोगों से की थी बात, कॉल डिटेल से हुआ चौंकाने वाला खुलासा

Hathras Stampede Latest News: नारायण साकार हरि उर्फ 'भोले बाबा'के सत्संग के बाद मची भगदड़ में अब तक 121 लोगों की मौत हो चुकी है. हादसे के बाद से बाबा फरार है. इस बीच बाबा को लेकर अहम और चौंकाऊ जानकारी सामने आई है.

हाथरस: नारायण साकार हरि उर्फ 'भोले बाबा' हाथरस: नारायण साकार हरि उर्फ 'भोले बाबा'
अरविंद ओझा/संतोष शर्मा
  • हाथरस ,
  • 04 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 11:18 AM IST

यूपी के हाथरस में भगदड़ मचने के बाद 121 लोगों की जान चली गई. लेकिन जिस नारायण साकार हरि उर्फ 'भोले बाबा' के सत्संग में इतना बड़ा हादसा हुआ वो अभी तक फरार है. इस बीच वो डिटेल निकलकर सामने आई है जिससे पता चला कि 'भोले बाबा' ने मौके से फरार होने के बाद किन-किन लोगों से बात की थी. फिलहाल, पुलिस एफआईआर दर्ज कर आयोजकों और बाबा के सेवादारों पर शिकंजा कसने की तैयारी में है. देर रात पुलिस फोर्स ने बाबा के मैनपुरी वाले आश्रम में छापा मारा था. लेकिन बाबा वहां नहीं मिला.  

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प्राप्त जानकारी के अनुसार, नारायण साकार हरि उर्फ 'भोले बाबा' घटना वाले दिन यानि मंगलवार की दोपहर 1:40 मिनट पर ही मौके से निकल गया था. पुलिस के कॉल डिटेल चेक करने पर पता चला कि 'भोले बाबा' को 2:48 मिनट पर आयोजक देवप्रकाश मधुकर का फोन गया. हो सकता है कि बाबा को मधुकर द्वारा हादसे की जानकारी दी गई थी. बाबा और मधुकर के बीच 2 मिनट 17 सेकंड तक बात हुई थी.

इसके बाद बाबा की फोन लोकेशन 3 बजे से 4:35 तक मैनपुरी के आश्रम में मिली. इस दौरान कुल तीन नंबरों पर 'भोले बाबा' ने बात की. पहला नंबर महेश चंद्र नाम के शख्स का था, जिससे 3 मिनट की बात हुई. दूसरा नंबर किसी संजू यादव का था, जिससे केवल 40 सेकंड बात हुई. तीसरा नंबर रंजना ने नाम पर दर्ज है, जिससे बाबा की बात करीब 11 मिनट 33 सेकंड की हुई. 

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खास बात ये है कि रंजना आयोजक देवप्रकाश की पत्नी है, जिसके फोन से शायद देवप्रकाश ने ही बातचीत की थी. अन्य दो नंबर भी आयोजक समिति से जुड़े लोगों के ही हैं, जिनमें महेश चंद्र बाबा का खास बताया जाता है. वहीं, 4:35 मिनट के बाद बाबा का फोन ऑफ हो गया और अभी तक ऑफ ही जा रहा है.    

मैनपुरी के आश्रम पहुंची पुलिस 

गौरतलब है कि सूरजपाल उर्फ 'भोले बाबा' के आश्रम पर बीती रात में मैनपुरी पुलिस ने छापेमारी की थी. इस दौरान एसपी सिटी, सीओ भोगांव के साथ पुलिस टीम आश्रम में पहुंची थी. पुलिस टीम आश्रम के अंदर करीब 1 घंटे से ज्यादा तक रही. अफसर जब बाहर निकले तो कहने लगे कि हम सिर्फ सुरक्षा व्यवस्था देखने आए थे. बाबा अंदर नहीं है. अंदर 50 से 60 महिला पुरुष-श्रद्धालु हैं, जो इस आश्रम में अमूमन आते रहते हैं. 

वहीं, जब पुलिस से सवाल किया गया कि हाथरस कांड में नामजद आरोपी की तलाश के लिए पुलिस आई थी या बाबा से पूछताछ के लिए आई थी? तो इस बात को पुलिस ने सिरे से नकार दिया. देर रात मैनपुरी पुलिस के द्वारा की गई यह छापेमारी और एक घंटे से ज्यादा तक आश्रम में रुकना कई सवाल खड़े कर गया.

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हादसे में 121 की मौत, जांच कमेटी गठित

मालूम हो कि हाथरस के फुलरई गांव में प्रवचनकर्ता नारायण हरि साकार उर्फ भोले बाबा के कार्यक्रम में बीते मंगलवार को करीब एक लाख अनुयायी एकत्र हुए थे. सुबह 8 से दोपहर 1 बजे तक सत्संग चलता रहा. सुरक्षा और भीड़ को संभालने का जिम्मा बाबा की प्राइवेट आर्मी यानी सेवादारों पर था. वहीं, जब सत्संग खत्म होने के बाद बाबा का काफिला सत्संग स्थल से बाहर जा रहा था, तब हुजूम का हुजूम उनकी गाड़ी के पीछे भागने लगा. इसी दौरान भीड़ का ऐसा सैलाब आया कि लोग एक दूसरे के उपर गिरने लगे और दम तोड़ने लगे. देखते ही देखते लाशें बिछ गईं. फिलहाल, सीएम योगी खुद भी घटनास्थल गए और हादसे की पूरी जानकारी ली. उन्होंने जांच कमेटी गठित कर दी है, जो जल्द ही रिपोर्ट सबमिट करेगी. 

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