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धर्म सिंह सैनी पर 1.6 करोड़ की घूस का आरोप, क्या इसीलिए टली घर वापसी?

यूपी के आयुष घोटाले में जांच कर रही एसटीएफ धर्म सिंह सैनी से पूछताछ करेगी, क्योंकि उनके ऊपर एक करोड़ 60 लाख रुपये की घूस लेने का आरोप उनके ही पूर्व सचिव राजकुमार दिवाकर ने लगाया है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इसी के चलते धर्म सिंह सैनी की बीजेपी में एंट्री टली थी?

पूर्व मंत्री डॉ धर्म सिंह सैनी पूर्व मंत्री डॉ धर्म सिंह सैनी
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 16 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 3:49 PM IST

पश्चिमी यूपी के दिग्गज ओबीसी नेता व पूर्व मंत्री धर्म सिंह सैनी पर सियासी संकट गहरा गया है. बीजेपी का दामन छोड़कर सपा में शामिल होने के बाद पहले चुनाव हार गए और उसके बाद बीजेपी में घर वापसी करना चाहते थे, लेकिन उस पर भी ग्रहण लगा हुआ है. ऐसे में यूपी के आयुष घोटाले में जांच कर रही एसटीएफ धर्म सिंह सैनी से पूछताछ करेगी, क्योंकि उनके ऊपर एक करोड़ 60 लाख रुपये की घूस लेने का आरोप उनके ही पूर्व सचिव राजकुमार दिवाकर ने लगाया है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इसी के चलते धर्म सिंह सैनी की बीजेपी में एंट्री टली थी? 

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बता दें कि आयुष मंत्री रहते हुए धर्म सिंह सैनी पर कॉलेजों की मान्यता की मंजूरी के लिए घूस लेने का आरोप लगा है. यूजी और पीजी की मान्यता के लिए एक करोड़ 60 लाख रुपये की घूस आई थी, जिसका एक बड़ा हिस्सा धर्म सिंह सैनी को दिया गया था. यह खुलासा एसटीएफ द्वारा आयुष कॉलेजों में बिना नीट परीक्षा के हुए एडमिशन मामले में दाखिल की गई रिपोर्ट में हुआ है, जिसमें राजकुमार दिवाकर ने एसटीएफ को दिए बयान में कहा था कि आयुष कॉलेज को मान्यता देने के लिए मंत्री धर्म सिंह सैनी को घूस मिली थी.  

धर्म सिंह सैनी के खिलाफ उनके निजी सचिव राज कुमार दिवाकर का बयान सबसे ज्यादा मुश्किलें बढ़ाएगा. एसटीएफ ने राजकुमार दिवाकर का मैजिस्ट्रेट के सामने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराया है. राजकुमार दिवाकर ने 161 के तहत दिए गए बयान को ही 164 में भी दोहराया है. उसने अपने बयानों में पूर्व मंत्री द्वारा रिश्वत लिए जाने की पुष्टि की है, जिसके चलते धर्म सिंह सैनी के लिए राजनीतिक संकट खड़ा हो सकता है. 

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धर्म सिंह सैनी पर गहराया संकट

तत्कालीन मंत्री धर्म सिंह सैनी ने एसटीएफ द्वारा 91 सीआरपीसी का नोटिस भेजने के बाद गिरफ्तारी की आशंका पर कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था. दरअसल, एसएन सिंह, उमाकांत और राजकुमार दिवाकर के बयानों के बाद एसटीएफ ने धर्म सिंह सैनी के खिलाफ कर पूछताछ के लिए दस्तावेजों सहित उपस्थित होने को कहा था, लेकिन बीमारी का हवाला देकर वह पेश नहीं हुए थे. एसटीएफ के पूछताछ में जिस तरह से राजकुमार दिवाकर ने घूस लेने की पुष्टि की है, उससे मुसीबत बढ़ना तय है. 

बता दें कि धर्म सिंह सैनी पश्चिमी यूपी के ओबीसी समुदाय के बड़े नेता माने जाते हैं. सहारनपुर की सियासत में बड़े चेहरे के तौर पर स्थापित हैं. मायावती की सरकार से लेकर योगी कैबिनेट तक में मंत्री रह चुके हैं. 2022 के चुनाव से ठीक पहले धर्म सिंह सैनी बीजेपी छोड़कर सपा में शामिल हो गए थे, लेकिन बहुत मामूली वोटों से चुनाव हार गए थे. सूबे में योगी सरकार के बनने बाद दोबारा से बीजेपी में एंट्री करना चाहते थे. ऐसे में खतौली उपचुनाव के दौरान योगी आदित्यनाथ की जनसभा में उनकी बीजेपी में वापसी होनी थी, लेकिन अचानक ऐसे समीकरण बदले कि उनकी एंट्री टालनी पड़ी. 

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पूर्व मंत्री धर्म सिंह सैनी सहारनपुर से अपने लाव लश्कर के साथ बीजेपी में शामिल होने के लिए खतौली रैली के लिए रवाना हो चुके थे, लेकिन सीएम योगी के मंच पर धर्म सिंह सैनी के बढ़ते कदम पर ब्रेक लगा दिया गया. प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने उन्हें फोन कर कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ की सभा में वह पार्टी में शामिल नहीं हो सकते. बाद में संगठन उनकी पार्टी में ज्वाइनिंग लखनऊ कार्यालय में कराएगा. इस मामले को दो महीने होने जा रहे हैं, लेकिन धर्म सिंह सैनी को अभी तक बीजेपी में शामिल नहीं कराया गया है.

बीजेपी नेताओं का विरोध या रिपोर्ट बनी बाधा? 

धर्म सिंह सैनी की बीजेपी में एंट्री नहीं होने के वजह क्या स्थानीय नेताओं का विरोध रहा है या फिर आयुष मंत्री रहते हुए घूस लेने का आरोप बाधा बनी है. धर्म सिंह सैनी दोबारा से आने के लिए तानाबाना बुन रहे थे, उसी दौरान पार्टी के स्थानीय नेता उनकी वापसी की राह में कांटे बिछाने के लिए एक्टिव हो गए. योगी सरकार के दो मंत्री और तीन विधायक उनकी वापसी के विरोध में थे. बीजेपी के अंदर सैनी समाज के नेताओं का एक गुट है, जो नहीं चाहता है कि धर्म सिंह सैनी दोबारा पार्टी में आएं. धर्म सिंह सैनी की एंटी लॉबी ने सीएम योगी से लेकर शीर्ष नेतृत्व तक शिकायतें पहुंचाईं. 

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डॉ. धर्म सिंह सैनी के आने से बीजेपी को होने वाले नफा-नुकसान पर मंथन किया गया. 2017 के विधानसभा चुनाव में धर्म सिंह सैनी के बीजेपी में आने से पार्टी को लाभ और 2022 में छोड़कर जाने से सपा को नुकसान पर गहन चर्चा की गई. इन सारी बातों को दिल्ली में शीर्ष नेतृत्व के संज्ञान में रखा गया. ऐसे में सूबे में आयुष कॉलेजों में बिना नीट परीक्षा के हुए एडमिशन मामले में जिस तरह से धर्म सिंह सैनी पर आरोप लगे हैं, उसके चलते ही बीजेपी में उनकी एंट्री पर ब्रेक लगा था. यही वजह है कि अभी तक बीजेपी में उनकी वापसी नहीं हो पाई है?

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