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जमीन को शेयर मार्केट में बेच सकेंगे, IIT कानपुर डेवलप कर रहा तकनीक, KDA की भारत सरकार ने की तारीफ 

आईआईटी द्वारा तैयार की जा रही ब्लॉक चैन टेक्नोलॉजी को इस्तेमाल करने वाला केडीए पहला गवर्नमेंट अथॉरिटी है. इससे किसी भी तरह का अवैध काम नहीं हो सकेगा. प्राधिकरण की संपत्तियों के दस्तावेज और धोखाधड़ी जैसी स्थिति नहीं बनेगी. जमीनों की ओनरशिप और अवैध कब्जे की समस्या को काफी हद तक दूर किया जा सकेगा. 

कानपुर विकास प्राधिकरण द्वारा प्रदेश में किए जा रहे इस कार्य को देश की सात बेहतर प्रैक्टिस वर्क के लिए चयनित किया गया है. कानपुर विकास प्राधिकरण द्वारा प्रदेश में किए जा रहे इस कार्य को देश की सात बेहतर प्रैक्टिस वर्क के लिए चयनित किया गया है.
सिमर चावला
  • कानपुर,
  • 09 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 10:38 PM IST

आईआईटी कानपुर के साथ मिलकर कानपुर विकास प्राधिकरण ऐसी तकनीक को विकसित कर रहा है, जिसके बाद जमीन को शेयर मार्केट में बेचा जा सकेगा. इस तकनीक को इस्तेमाल करने वाला केडीए पहला गवर्नमेंट संस्थान है. इसके लिए केडीए को भारत सरकार की शाबाशी भी मिली है.

आईआईटी द्वारा तैयार की जा रही ब्लॉक चैन टेक्नोलॉजी को इस्तेमाल करने वाला केडीए पहला गवर्नमेंट अथॉरिटी है. इसकी खासियत बुधवार को केडीए वीसी अरविंद सिंह ने मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र को बताई. प्रेजेंटेशन में बताया गया कि इस तकनीक के जरिए शहरवासियों को भी बड़ी राहत मिलेगी.

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सार्वजनिक उपयोग की जमीन को सुविधानुसार शेयर मार्केट में जमीन मालिक बेच सकेंगे या जमीन ट्रांसफर कर सकेंगे. आईआईटी-कानपुर के तत्वावधान में संचालित ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी के उपयोग से छेड़छाड़ या किसी भी तरह का अवैध काम नहीं हो सकेगा. प्राधिकरण की संपत्तियों के दस्तावेज और धोखाधड़ी जैसी स्थिति नहीं बनेगी. जमीनों की ओनरशिप और अवैध कब्जे की समस्या को काफी हद तक दूर किया जा सकेगा. 

आईआईटी विकसित कर रहा तकनीक

ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी में आईआईटी इस समय केडीए का नॉलेज पार्टनर है. वही यह तकनीक विकसित कर रहा है. कानपुर विकास प्राधिकरण द्वारा प्रदेश में किए जा रहे इस कार्य को देश की सात बेहतर प्रैक्टिस वर्क के लिए चयनित किया गया है. प्रदेश में केडीए ही इस तकनीक की पहल कर रहा है. बुधवार को भारत सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा चर्चा के लिए मुख्य सचिव, प्रदेश के प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन को पत्र जारी किया गया था.

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केडीए वीसी ने लखनऊ में किए गए प्रेजेंटेशन में बताया कि अगर किसी योजना के क्रियान्वयन में ऐसी जमीन दिखेगी, जो सार्वजनिक उपयोग की है, मगर उसका स्वामित्व निजी जमीन मालिक के पास है, तो उसका मूल्यांकन हो सकेगा. यह प्रमाण पत्र ट्रांसफरेबल होगा. ब्लॉक चेन बेस्ड ट्रेडिंग पोर्टल फॉर कैप्चरिंग टीडीआर के बारे में उन्होंने विस्तार से बताया. 
 

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