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योगी सरकार ने जिलों में प्रभारी मंत्री बनाए, सुरेश खन्ना को लखनऊ और गोरखपुर की जिम्मेदारी

उत्तर प्रदेश में बीजेपी 2024 में क्लीन स्वीप को लेकर सियासी तानाबाना बुन रही है. बीजेपी ने संगठन के साथ जमीनी स्तर पर भी माइक्रो प्लानिंग पर काम शुरू कर दिया है. अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई वरिष्ठ मंत्रियों को दो-दो जिलों का प्रभारी मंत्री बनाया है. सूर्य प्रताप शाही को आजमगढ़ और अयोध्या का प्रभारी मंत्री बनाया गया है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ. (फाइल फोटो) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ. (फाइल फोटो)
कुमार अभिषेक
  • लखनऊ,
  • 28 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 9:52 PM IST

लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में योगी सरकार ने जिलों में प्रभारी मंत्री बनाए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई वरिष्ठ मंत्रियों को दो-दो जिलों का प्रभार सौंपा है. कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी को दो जिलों की जिम्मेदारी मिली है. इनमें कानपुर नगर मिर्जापुर का नाम शामिल है. इसी तरह, सुरेश खन्ना को लखनऊ और गोरखपुर का प्रभारी मंत्री बनाया गया है.

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सूर्य प्रताप शाही को आजमगढ़ और अयोध्या का प्रभारी मंत्री बनाया गया है. स्वतंत्र देव सिंह को प्रयागराज और बांदा का प्रभारी मंत्री बनाया गया. नितिन अग्रवाल को प्रतापगढ़ का प्रभारी बनाया है. आशीष पटेल सुल्तानपुर के प्रभारी मंत्री बने हैं. डॉ. संजय निषाद बहराइच के प्रभारी मंत्री बने. राकेश सचान को फतेहपुर का प्रभारी मंत्री बनाया गया है. बेबी रानी मौर्य झांसी की प्रभारी मंत्री बनी हैं.

अगस्त में मंत्रियों के मंडल प्रभार में किया था बदलाव

बताते चलें कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी 2024 में क्लीन स्वीप को लेकर सियासी तानाबाना बुन रही है. बीजेपी ने संगठन के साथ जमीनी स्तर पर भी माइक्रो प्लानिंग पर काम शुरू कर दिया है. सीएम योगी ने अगस्त 2022 में तीसरी बार अपने मंत्रियों के मंडल प्रभार में परिवर्तन करते हुए महत्वपूर्ण निर्णय लिया था. मंत्री मंडलों और जिलों का दौरे तो करेंगे ही, साथ ही अब मुख्यमंत्री और दोनों डिप्टी सीएम भी मोर्चा संभालेंगे. 

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योगी सरकार 2.0 के गठन के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा चुनाव 2022 के लोक कल्याण संकल्प पत्र के संकल्पों को पांच साल की बजाए दो वर्ष में यानी 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले पूरा करने का टारगेट रखा है. ऐसे में सभी विभागों से 100 दिन, छह माह, एक साल, दो वर्ष व पांच वर्ष की कार्ययोजना तैयार कराई गई. यह कार्ययोजना तय समय के साथ साकार होती चले, जिसके लिए योगी आदित्यनाथ ने अपने 18 कैबिनेट मंत्रियों को एक-एक मंडल का प्रभार सौंप रखा है.

18 कैबिनेट मंत्रियों को मंडलों का प्रभारी नियुक्त किया गया 

योगी सरकार के 18 कैबिनेट मंत्रियों को 18 मंडलों का प्रभारी नियुक्त किया गया है. उनके साथ राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और राज्यमंत्री लगाए गए. अब तक दो-दो मंडलों का दौरा मंत्री कर चुके हैं. ऐसे में तीसरी बार योगी कैबिनेट मंत्रियों के मंडलों के प्रभार भी बदल दिए गए हैं. इस तरह सरकार का प्रयास है कि लोकसभा चुनाव से पहले नवंबर, 2023 तक सभी कैबिनेट मंत्री प्रत्येक मंडल के प्रभारी का दायित्व निभा लें. 

मंडल के प्रभारी मंत्री अपने प्रभार वाले क्षेत्र में विकास कार्य योजनाओं की समीक्षा करने के साथ-साथ सामाजिक समीकरण को मजबूत करने के लिए किसी दलित या अतिपछड़े वर्ग से घर पर रुकते हैं और वहीं पर भोजन करते हैं. वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बार उत्तर प्रदेश के 75 जिलों को तीन हिस्सों में बांट दिया है. सूबे के 25 जिलों की निगरानी खुद सीएम योगी करेंगे तो 25-25 जिले का जिम्मा डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक के पास होगा ताकि योजनाओं को तेजी से धरातल पर उतारते हुए व्यवस्थाओं की पैनी निगरानी की जा सके. इसलिए सीएम और डिप्टी सीएम भी सभी जिलों का दौरा करेंगे.

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