
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आवश्यक दवाओं की कीमतों बढ़ोतरी पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. उन्होंने अपने पत्र में नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) द्वारा आवश्यक दवाओं की कीमतों के संशोधन के बारे में पत्र में जिक्र किया है.
पत्र में उन्होंने कहा कि मैं आपके ध्यान में रसायन और उर्वरक मंत्रालय द्वारा 14 अक्टूबर, 2024 को जारी एक गजट अधिसूचना के तहत तपेदिक, अस्थमा, थैलेसीमिया, मनोचिकित्सा स्थितियों, आंखों की समस्याओं और कई अन्य संक्रमणों के इलाज में काम आने वाली आवश्यक दवाओं की कीमतों में लगभग 50% की बढ़ोतरी की गई है. कुछ महीने पहले ही डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और एंटीबायोटिक दवाओं आदि के इलाज के लिए आवश्यक दवाओं/ फॉर्मुलेशन की कीमतों में बढ़ोतरी की थी. ऐसे कदम आम लोगों के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है जो पहले से ही अपने परिजनों की गंभीर बीमारियों के इलाज के खर्च से जूझ रहे हैं.
'पड़ेगा बजट पर असर'
ममता बनर्जी ने बताया कि इसके अलावा दवाओं की कीमतों में वृद्धि से पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के बजट पर भारी प्रभाव पड़ेगा, जो मरीजों को दवा और उपचार मुफ्त में उपलब्ध कराते हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि मुझे यकीन है कि आप इस बात पर सहमत होंगे कि अनपेक्षित दवाओं पर वृद्धि से किफायती स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने वाले राज्यों और पूरे देश के प्रयासों के लिए एक बड़ी चुनौती पैदा कर सकते हैं. यह चिकित्सा की अनिवार्य सेवाओं की पहुंच में बाधा डाल सकता है, जिससे सार्वजनिक स्वास्थ्य परिणाम पर असर पड़ेगा और स्वास्थ्य प्रणालियों पर बोझ बढ़ेगा.
बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले ही रोजमर्रा के लिए इस्तेमाल होने वाली चीजों ने बढ़ती कीमतों ने लोगों की आजीविका चलाने में जूझ रहे हैं. आवश्यक और जीवन रक्षक दवाओं की कीमतों में वृद्धि से आम लोगों को झटका लगेगा और जहां तक संभव हो, इसे टाला जाना चाहिए.