Advertisement

कोलकाता कांड: 'डॉक्टर बाबू' के बंगले तक पहुंची ED की टीम, संदीप घोष की करतूतों से उठेगा पर्दा!

आरजी कर मेडिकल कॉलेज से जुड़े संदीप घोष के मामले में ईडी लगातार छापेमारी कर रही है. इस दौरान एक आलीशान बंगले की जानकारी सामने आई है. सूत्रों के मुताबिक यह बंगला संदीप घोष और उनकी पत्नी के नाम पर है.

Sandip ghosh (File Photo) Sandip ghosh (File Photo)
अनिर्बन सिन्हा रॉय
  • कोलकाता,
  • 07 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 10:42 AM IST

कोलकाता कांड में घिरे आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. संदीप घोष से जुड़े कथित आर्थिक अनियमितताओं के मामले में जांच के दौरान ED दक्षिण 24 परगना जिले में एक आलीशान बंगले तक पहुंच गई है. सूत्रों के मुताबिक यह दो मंजिला विला डॉ. संदीप घोष और उनकी पत्नी संगीता घोष का है. 

Advertisement

यह आलीशान बंगला सैकड़ों एकड़ खाली जमीन से घिरा हुआ है. स्थानीय लोगों के मुताबिक संपत्ति पर 'संगीतासंदीप विला' नाम की नेमप्लेट लगी है, जिसका नाम घोष और उनकी पत्नी संगीता के नाम पर रखा गया है. लोग जो बंगले को 'डॉक्टर बाबू' का घर कहते हैं. लोगों का दावा है कि संदीप घोष अकसर अपने परिवार के सदस्यों के साथ यहां आते रहते हैं. लोगों ने यह भी बताया कि डॉ. संदीप घोष के निर्देश पर इस इलाके में कई फार्म हाउस बनाए गए हैं. लोगों ने उन पर इस ब्लॉक में बड़ी तादाद में जमीन खरीदने का आरोप भी लगाया है.

ED जगह-जगह कर रही है छापेमारी

बता दें कि ईडी संदीप घोष के आरजी कर अस्पताल में प्रिंसिपल रहने के दौरान कथित वित्तीय गड़बड़ियों की जांच कर रही है. इसी क्रम में 6 सितंबर को कोलकाता और उसके उपनगरों में कई जगहों पर छापेमारी की गई, जिसमें घोष का घर और उनके रिश्तेदारों की संपत्तियां भी शामिल हैं.

Advertisement

CBI की हिरासत में हैं संदीप घोष

ईडी ने संदीप घोष के खिलाफ प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ECIR) दर्ज की थी, जो आपराधिक मामलों में FIR के समान है. फिलहाल संदीप घोष CBI की हिरासत में हैं, क्योंकि केंद्रीय जांच एजेंसी ने इस महीने की शुरुआत में भ्रष्टाचार के मामले में उन्हें और उनके तीन सहयोगियों को गिरफ्तार किया था.

पूर्व उप अधीक्षक का बड़ा दावा

यह मामला आरजी कर अस्पताल के पूर्व उप अधीक्षक डॉ. अख्तर अली के आरोपों के बाद शुरू हुआ. उन्होंने संदीप घोष पर आरोप लगाया था कि डॉ. घोष ने अपने सहयोगियों पर सरकारी धन की बर्बादी, भाई-भतीजावाद और विक्रेता चयन और भर्ती में अनियमितताओं का आरोप लगाया. उन्होंने आशंक जताई थी कि महिला रेजिडेंट डॉक्टर की मौत का मामला भ्रष्टाचार से भी जुड़ा हो सकता है. डॉ. अली ने दावा किया था कि मृतक डॉक्टर को इन घोटालों की जानकारी थी.

घोष की याचिका कोर्ट ने की खारिज

इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने घोष की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने कलकत्ता हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें भ्रष्टाचार मामले में पक्षकार के तौर पर शामिल किए जाने के उनके अनुरोध को खारिज कर दिया गया था. कोर्ट ने कहा कि एक आरोपी के तौर पर घोष को इस मामले में हस्तक्षेप करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है.

Advertisement

(इनपुट- प्रसनजीत साहा)

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement