
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी के विरोध में इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी को पत्र लिखकर कहा कि मैंने अपना पद छोड़ने का फैसला लिया है. आजतक से बात करते हुए सरकार ने कहा कि भ्रष्टाचार की बीमारी बंगाल को जकड़ चुकी है.
'बेनतीजा रही पार्टी नेतृत्व से बातचीत'
आजतक से बात करते हुए जवाहर सरकार ने कहा कि मैंने लगभग एक महीने तक एक अनुशासित सांसद की तरह सब कुछ ऑब्जर्व किया और शांत रहा. मुझे लगता है कि स्थिति को संभालने में बहुत सारी गलतियां हो रही हैं और अब यह बहुत अधिक जटिल हो गई हैं. मैंने पार्टी नेतृत्व से भी बात करने की कोशिश की लेकिन बात नहीं बनी.
उन्होंने कहा, 'यह मामला बंगाल में लोकतांत्रिक ताकतों के लिए एक झटका है. अगर उन्होंने कार्रवाई की दिशा नहीं बदली तो उन्हें हकीकत का सामना करना पड़ेगा, जिस पर सांप्रदायिक पार्टियां हावी हो सकती हैं.'
'मैं अपने सिद्धांत पर अड़ा हूं'
जवाहर सरकार ने कहा, 'मैं अपने सिद्धांत पर अड़ा हुआ हूं. मैं राज्यसभा सांसद के रूप में पद छोड़ रहा हूं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मैं अपने सिद्धांतों को छोड़ रहा हूं. सड़कों पर हो रहे आंदोलनों को राजनीतिक टकराव के तौर पर नहीं लिया जाना चाहिए. मैं लोगों के बीच घूम रहा हूं, यह एक सहज गुस्सा और आंदोलन है.'
उन्होंने कहा, 'भ्रष्टाचार की बीमारी बंगाल को जकड़ चुकी है और बंगाल इसे स्वीकार करने की स्थिति में नहीं है. कृपया यह समझने की कोशिश करें कि बंगाल के लोग इस मात्रा में भ्रष्टाचार को पचाने में असमर्थ हैं. मेरे द्वारा सीएम को लिखे गए उस पत्र के बाद हमारी बातचीत हुई लेकिन वह निजी है.'
ममता बनर्जी को लिखा पत्र
जवाहर सरकार ने ममता बनर्जी को लिखे पत्र में कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि आरजी कर अस्पताल में हुई दरिंदगी को लेकर वह तुरंत कोई सख्त कदम उठाएंगी. वह पुरानी ममता बनर्जी की तरह इसपर एक्शन लेंगी. लेकिन उन्होंने तुरंत कोई ठोस कदम नहीं उठाया. कदम उठाया भी तो बहुत देर हो चुकी थी. उन्होंने उम्मीद जताई की राज्य में जल्द ही शांति बहाल होनी चाहिए और दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए.
उन्होंने कहा, 'आरजी कर अस्पताल में हुई भयानक घटना के बाद से आहत हूं और ममता बनर्जी की पुरानी शैली में आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टर के साथ आपके सीधे हस्तक्षेप की उम्मीद कर रहा था. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.'
जवाहर सरकार ने अपने पत्र में कहा कि कोलकाता में हो रहा मौजूदा विरोध प्रदर्शन जिसने बंगाल को झकझोर कर रख दिया है, वह टीएमसी सरकार के 'कुछ पसंदीदा लोगों और भ्रष्ट लोगों के अनियंत्रित दबंग रवैये' के खिलाफ जनता के गुस्से का प्रतिबिंब है.