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कोलकाता कांड पर सियासी उबाल, BJP के बंद के जवाब में बंगाल के हर ब्लॉक में TMC करेगी प्रोटेस्ट

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या मामले को लेकर से सत्तारूढ़ टीएमसी और बीजेपी आमने-सामने हैं. बीजेपी के बंगाल बंद के विरोध में टीएमसी के कार्यकर्ता हर ब्लॉक में धरना देंगें. इसके बाद मामले में आरोपी के लिए फांसी की सजा और मौजूदा कानूनों में संशोधन की मांग को लेकर छात्राएं और महिलाएं धरना देंगी.

ममता बनर्जी का स्ट्रीट फाइटर होना ही उनकी सबसे बड़ी राजनीतिक ताकत है. ममता बनर्जी का स्ट्रीट फाइटर होना ही उनकी सबसे बड़ी राजनीतिक ताकत है.
सूर्याग्नि रॉय
  • कोलकाता,
  • 31 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 8:38 AM IST

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या मामले को लेकर बीजेपी-टीएमसी आमने-सामने हैं. टीएमसी ने बीजेपी के बंगाल बंद के विरोध में शनिवार को धरना देने का आह्वान किया है. इस धरने में हर ब्लॉक से पार्टी कार्यकर्ता शामिल होंगे. टीएमसी के इस धरने के बारे में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को ऐलान किया था.

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उन्होंने टीएमसी की छात्र शाखा के स्थापना दिवस कार्यक्रम में ऐलान करते हुए कहा कि  बीजेपी ने जानबूझकर बंद बुलाया. वो लोग बंगाल की सड़कों पर लाशें देखना चाहते हैं. इसके विरोध में 31 अगस्त को धरना और रैलियां की जाएंगी, जबकि एक सितंबर को छात्राएं समेत महिलाएं इस मामले में आरोपी के लिए फांसी की सजा और मौजूदा कानूनों में संशोधन की मांग को लेकर धरना देंगी. टीएमसी के छात्र संघ ने बलात्कार के अपराधियों के लिए मौत की सजा की मांग करते हुए 30 अगस्त को कॉलेजों के बाहर प्रदर्शन किया.

'बैठक में होगी बिल को लेकर चर्चा'

वहीं, विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने बताया कि बीजेपी के बंगाल बंद के जवाब में टीएमसी शनिवार को हर ब्लॉक में धरना देगी और 2 सितंबर को कमेटी की बैठक में तय किया जाएगा कि विधानसभा के विशेष सत्र में रेप के लिए सजा से संबंधित बिल कब पेश किया जाएगा. टीएमसी सांसद सायानी घोष ने कहा कि बीजेपी बंद बुलाती है तो अब टीएमसी ने भी तय किया है कि वो भी सड़क पर उतरकर ही जवाब देगी.

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केंद्रीय मंत्री ने किया ममता पर पलटवार

इसी बीच केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने पीएम मोदी को लिखी ममता बनर्जी की चिट्ठियों पर पलटवार करते हुए एक पत्र लिख कर जवाब दिया है.  पत्र में महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में 11 फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट चालू नहीं हैं. ये फास्ट ट्रैक अदालतें गंभीर बलात्कार और पोक्सो मामलों में न्याय देने के लिए काम करती हैं.

यह पत्र पश्चिम बंगाल में फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (FTSC) और स्पेशल पोक्सो कोर्ट की स्थिति के बारे में आपके पत्र में दी गई जानकारी दुरुस्त करने के लिए लिखा गया है. कलकत्ता हाई कोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक पश्चिम बंगाल ने 88 फास्ट ट्रैक कोर्ट (FTSC) स्थापित किए हैं. यह केंद्र सरकार की योजना के तहत कवर किए गए फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (FTSC) के बराबर नहीं हैं. यह बात मेरे पिछले (25-08-2024) के पत्र में भी दर्ज है.

फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना और फंडिंग राज्य सरकारें संबंधित हाई कोर्ट के परामर्श से करती हैं. ताकि अलग-अलग मामलों को निपटाया जा सके. उदाहरण के तौर पर वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं, बच्चों, विकलांग व्यक्तियों, एचआईवी-एड्स और अन्य घातक बीमारियों से प्रभावित पीड़ितों से संबंधित दीवानी मामले और जघन्य अपराधों सहित 5 साल से ज्यादा समय से लंबित जमीन अधिग्रहण और संपत्ति/किराया विवादों से संबंधित मामलों के निपटारे के लिए.

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पश्चिम बंगाल में फास्ट ट्रैक कोर्ट में 30 जून 2024 तक कुल 81,141 मामले लंबित थे. जबकि, फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (FTSC) विशेष रूप से बलात्कार और POCSO अधिनियम के मामलों से निपटने के लिए समर्पित हैं. 

पश्चिम बंगाल में बलात्कार और POCSO के 48,600 मामले लंबित होने के बाद भी राज्य ने अतिरिक्त 11 FTSC को चालू नहीं किया है. यह राज्य की जरूरत के मुताबिक स्पेशल POCSO कोर्ट या रेप और POCSO दोनों मामलों से निपटने वाले जॉइंट FTSC हो सकते हैं. इस संबंध में आपके पत्र में दी गई जानकारी तथ्यात्मक रूप से गलत है. ऐसा लगता है कि राज्य ने FTSC को चालू करने में देरी को छिपाने के लिए यह कदम उठाया है.

FAIMA का जंतर-मंतर पर धरना

इस सबके बीच शनिवार को फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) के उपाध्यक्ष और एम्स नई दिल्ली के वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टर डॉ. सुवर्णकर दत्ता ने शनिवार को जंतर-मंतर पर एक विशाल विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है. 

उन्होंने शुक्रवार को कहा कि हम आरजी में अपने सहयोगी के लिए न्याय मांगने के लिए 31 अगस्त को जंतर-मंतर पर एक विशाल शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का आयोजन कर रहे हैं. पश्चिम बंगाल में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हिंसा को रोकने के लिए केंद्र सरकार से स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए एक केंद्रीकृत सुरक्षा अधिनियम की मांग करेंगे... 5 सितंबर को होने वाली सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से पहले, मैं डॉक्टरों से आग्रह करता हूं कि वे दोपहर 3 बजे से शाम 5 बजे तक जंतर-मंतर पर होने वाले विरोध प्रदर्शन में हमारे साथ शामिल हों.

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उन्होंने कहा कि हम दुनिया को अपनी ताकत दिखाना चाहते हैं और अपनी बहन के लिए न्याय की मांग करते हुए हम एकजुट हैं. हम देश भर के अस्पतालों में सुरक्षा बढ़ाने की मांग करते हैं..."

NHRC ने कोलकाता पुलिस को जारी किया नोटिस

वहीं, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज बलात्कार-हत्याकांड में पीड़िता के लिए न्याय की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों पर 27 अगस्त को अत्यधिक और क्रूर बल के कथित इस्तेमाल को लेकर कोलकाता पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी किया है. आयोग ने ये नोटिस एक आपी व्यास की शिकायत के बाद गुरुवार को जारी किया था.

अपनी शिकायत में व्यास ने आरोप लगाया है कि 27 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज मामले में न्याय की मांग कर रहे छात्रों द्वारा कोलकाता में आयोजित "नबन्ना अभिजन" विरोध प्रदर्शन के दौरान, उनके शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों पर "पुलिस ने अत्यधिक और क्रूर बल का प्रयोग किया". साथ ही पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे 200 से ज्यादा छात्रों को गिरफ्तार भी किया है.

क्या हुआ 8-9 अगस्त की रात

आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का आरोपी संजय रॉय आठ और नौ की रात अलग-अलग बहानों से कुल चार बार आरजी अस्पताल के अंदर गया था. इनमें से तीन बार तो वो अस्पताल के अंदर घूमकर बाहर निकल आया, लेकिन आरोप है कि चौथी और आखिरी बार जब वो अस्पताल से बाहर निकला, तब तक उसके हाथों ट्रेनी डॉक्टर का रेप और कत्ल हो चुका था. जांच में पता चला कि संजय रॉय वारदात वाली रात अस्पताल के पास ही एक रेड लाइट एरिया भी गया था और वहां लौटते हुए उसने रास्ते में एक लड़की से छेड़छाड़ की थी.

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