
कोलकाता रेप-मर्डर केस (Kolkata Rape-Murder Case) से जुड़ा विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. नाराज जूनियर डॉक्टरों ने एक बार फिर से बंगाल सरकार के सामने अपनी नई मांगें रखी हैं. विरोध प्रदर्शन करने वाले जूनियर डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है. जूनियर डॉक्टरों ने कहा है कि वे राज्य सरकार के साथ एक और मीटिंग करना चाहते हैं. वे गतिरोध को लेकर सरकार के साथ बैठक की मांग कर रहे हैं.
मुख्य सचिव को लिखे गए पत्र में कहा गया, "माननीय मुख्यमंत्री के साथ हमारी पिछली बैठक के संदर्भ में, हम दोहराना चाहेंगे कि हमारी पांच सूत्री मांगों के संबंध में कुछ मुख्य बिंदु ऐसे थे, जिनका समाधान नहीं हो पाया है. खास तौर पर हमारा चौथा और पांचवां बिंदु, जो हेल्थकेयर सिस्टम के विकास, सुरक्षा, संरक्षा और मौजूदा खतरे से संबंधित है."
'STF के साथ मीटिंग की मांग'
पत्र में आगे कहा गया कि पिछली बैठक में हमें आश्वासन दिया गया कि इन मुद्दों के समाधान के लिए आपकी अध्यक्षता में एक स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा और इस पर काम करने के लिए हमारे साथ आगे चर्चा की जाएगी. हम आज इसी मुद्दे पर आपके और टास्क फोर्स के अन्य सदस्यों के साथ बैठक करना चाहते हैं.
क्या है डॉक्टरों की पंचसूत्रीय मांग?
1. बैठक की वीडियोग्राफी दोनों पक्षों के अलग-अलग वीडियोग्राफर द्वारा की जाए.
यदि यह संभव नहीं तो...
2. बैठक के पूरे वीडियो को WBJDF के प्रतिनिधियों को तुरंत सौंपा जाए.
यदि यह संभव नहीं है...
3. बैठक के मिनट्स और पूरा ट्रांस्क्रिप्ट दोनों पक्षों द्वारा रिकॉर्ड और तैयार किया जाए (WBJDF अपनी ओर से मिनट्स और ट्रांस्क्रिप्ट तैयार करने वाले लाएंगे) और सभी उपस्थित लोगों द्वारा हस्ताक्षरित किया जाए, जैसा कि सीएम ने पहले कहा था.
4. बैठक की पारदर्शिता जरूरी
5. बैठक का स्थान कोई आधिकारिक और प्रशासनिक स्थल हो.
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कौन सी मांगें मान ली गई हैं?
- घटनाकांड का मुख्य आरोपी संजय राय पहले ही गिरफ्तार हो चुका है. सबूतों से छेड़छाड़ के आरोप में मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और ताला पुलिस स्टेशन के पुलिस अफसर को भी गिरफ्तार किया जा चुका है.
- कोलकाता पुलिस कमिश्नर और डिप्टी पुलिस कमिश्नर को भी पद से हटा दिया गया है. चिकित्सा शिक्षा निदेशक कौस्तव नाइक और स्वास्थ्य सेवा निदेशक को हटाया गया.
- अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज परिसरों में सुरक्षा से जुड़े अन्य मुद्दों पर विचार करने के लिए मुख्य सचिव के नेतृत्व में एक टास्क फोर्स के गठन की भी घोषणा की गई है. टास्क फोर्स में गृह सचिव, डीजीपी, कोलकाता पुलिस आयुक्त और जूनियर डॉक्टरों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे. अस्पतालों में शिकायत निस्तारण के लिए भी एक सिस्टम तैयार किया जाएगा. अस्पतालों में सीसीटीवी और वॉशरूम जैसी सुविधाओं के लिए 100 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं.