
कोलकाता रेप-मर्डर केस (Kolkata Rape-Murder Case) में नया अपडेट सामने आया है. आरोपी संदीप घोष का सीबीआई रिमांड में नई जानकारी सामने आई है. पॉलीग्राफ टेस्ट की CFSL रिपोर्ट में कहा गया है कि संदीप घोष ने जानबूझकर जांच करने वाले लोगों को कुछ अहम मुद्दों पर गुमराह करने की कोशिश की. जांच के दौरान डॉ. संदीप घोष का एलवीए और पॉलीग्राफी टेस्ट किया गया.
CFSL नई दिल्ली की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले से संबंधित कुछ अहम मुद्दों पर संदीप घोष का बयान भ्रामक पाया गया है. यह भी जानकारी सामने आई है कि संदीप घोष ने मामले में एफआईआर दर्ज करने का इरादा नहीं किया था. यहां तक कि सुबह 9:58 बजे सूचना मिलने के बाद भी वह कॉलेज नहीं पहुंचे. संदीप घोष ने हत्या की शिकायत नहीं की. आखिरकार वाइस प्रिंसिपल ने शिकायत की और वह भी आत्महत्या की थ्योरी पेश की, जो कि पहली नजर में चोट के निशानों से असली तस्वीर समझ आ रही थी.
'संदीप घोष की गलती से नष्ट हुए सबूत'
संदीप घोष ने वकील से सलाह लेने के बाद भी एफआईआर दर्ज कराने का इरादा नहीं किया. संदीप घोष सुबह 10:03 बजे से अभिजीत मंडल के संपर्क में थे, लेकिन उन्होंने रेप की घटना को कमतर आंकने की कोशिश की, जिससे सबूत नष्ट हो गए.
सीबीआई ने अपने रिमांड नोट में बताया है कि अभिजीत मंडल ने संजय रॉय और अन्य लोगों की स्क्रीनिंग में अन्य संभावित आरोपियों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रची और जांच की दिशा को भटकाने की कोशिश की.
'FIR दर्ज करने में देरी'
सीबीआई का कहना है कि आरोपी ने जानबूझ कर अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया और जानबूझकर गलत तथ्य दर्ज किए. जांच एजेंसी का कहना है कि वह अस्पताल प्रशासन के साथ मिलीभगत कर रहा था. इस तरह आरोपी संजय रॉय को बचाने की कोशिश की गई.
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सीबीआई का दावा है कि आरोपी ने जानबूझकर FIR दर्ज करने में देरी की, जबकि खबर सुबह 10:03 बजे मिली थी और परिवार से 7:30 बजे हरी झंडी मिलने के बाद भी एफआईआर 11:30 बजे दर्ज की गई, जिससे करीब 14 घंटे की देरी हुई. अभिजीत मंडल ने साक्ष्यों और सैंपल्स को सील करने की प्रक्रिया का वीडियोग्राफी नहीं किया.
उन्होंने जल्दबाजी में दाह संस्कार की अनुमति दे दी, जबकि परिवार ने दूसरे पोस्टमार्टम की मांग की थी. आरोपी अभिजी मंडल ने अपराध के दिन पहने गए आरोपी के कपड़ों को बचाकर रखने में 2 दिन की देरी की.