
ऑनलाइन हैकर्स ने कलकत्ता हाई कोर्ट की लाइव-स्ट्रीमिंग को अपना शिकार बनाया है. एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि कोलकाता पुलिस ने यूट्यूब पर कलकत्ता उच्च न्यायालय की अवकाश पीठ (Vacation Bench) के एक कोर्ट रूम की लाइव-स्ट्रीमिंग की कथित हैकिंग की जांच शुरू कर दी है.
साइबर क्राइम सेक्शन कर रहा जांच
उन्होंने कहा कि कलकत्ता हाई कोर्ट के आईटी विभाग द्वारा इस संबंध में सोमवार देर शाम शिकायत दर्ज करने के बाद कोलकाता पुलिस के साइबर क्राइम सेक्शन ने जांच शुरू कर दी है. एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी को बताया, 'जांच जारी है. हम जांच करेंगे कि क्या हुआ और इसके पीछे के शरारती तत्वों का पता लगाने की कोशिश करेंगे.'
अधिकारी ने बताया कि सोमवार को कोर्ट रूम नंबर 7 में जस्टिस सुभाशीष सामंत की सुनवाई के दौरान एक अश्लील वीडियो कथित तौर पर लगभग एक मिनट तक 'लाइव-स्ट्रीम' किया गया. हाई कोर्ट के आईटी विभाग ने कोलकाता पुलिस से संपर्क करने से पहले मामले की जांच शुरू की.
SC का यूट्यूब चैनल भी हुआ था हैक
इससे पहले पिछले महीने सितंबर में सुप्रीम कोर्ट का आधिकारिक यूट्यूब चैनल भी हैक हो गया था. चैनल पर क्रिप्टोकरेंसी एक्सआरपी का ऐड वीडियो शो कर रहा था. एक्सआरपी क्रिप्टोकरेंसी यूएस-बेस्ड कंपनी रिपल लैब्स ने डेवलेप किया है. शीर्ष अदालत संवैधानिक पीठों के समक्ष सूचीबद्ध मामलों और जनहित से जुड़े मामलों की सुनवाई का लाइव स्ट्रीम करने के लिए यूट्यूब चैनल का उपयोग करती है.
2018 में लिया गया था लाइव स्ट्रीमिंग का फैसला
तत्कालीन सीजेआई यूयू ललित की अध्यक्षता में फुल कोर्ट की बैठक में प्रमुख सुनवाइयों की लाइव स्ट्रीमिंग करने को लेकर सर्वसम्मत निर्णय लिया गया था. इसके तहत सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में तय किया कि सभी संविधान पीठों की सुनवाई यूट्यूब चैनल पर लाइव-स्ट्रीम की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग पहली बार 27 सितंबर 2022 को हुई थी, जब तत्कालीन सीजेआई एनवी रमना ने अपने रिटायरमेंट वाले दिन 5 मामलों में फैसला सुनाया था.