
पुरी जगन्नाथ धाम की तर्ज पर पश्चिम बंगाल दीघा में बन रहे जगन्नाथ मंदिर पर भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के बीच राजनीति तेज हो गई है. विरोधी दल के नेता शुभेंदु अधिकारी ने ममता सरकार द्वारा बनाए जा रहे पुरी जगन्नाथ मंदिर का घोर विरोध किया है. शुभेंदु के मुताबिक पुरी जगन्नाथ चार धामों में एक है और उसकी नकल नहीं की जा सकती. सरकारी पैसों से धार्मिक स्थल नहीं बनाया जा सकता.
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि वो पुरी से दैतापति को दीघा लाकर धार्मिक सभा करेंगे और ममता बनर्जी की पोल खोलेंगे. शुभेंदु ने कहा कि दीघा में जो बन रहा है वो कल्चरल सेंटर है जिसे ममता बनर्जी जगन्नाथ धाम बता रही है. इससे पहले ममता बनर्जी ने दीघा में बन रहे जगन्नाथ मंदिर की तैयारियों का आज जायजा लिया.
सोने की झाड़ू के लिए 5 लाख के दान का ऐलान
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पुरी जगन्नाथ मंदिर की तर्ज पर पश्चिम बंगाल के दीघा में बन रहे जगन्नाथ मंदिर की सोने की झाड़ू के लिए पांच लाख रुपये दान में देने का ऐलान किया है. इस्कॉन के पदाधिकारियों की उपस्थिति में आज ममता बनर्जी ने निर्माणाधीन जगन्नाथ मंदिर का दौरा किया और यह जानकारी दी.
अक्षय तृतीया के दिन होगा उद्घाटन
ममता बनर्जी ने यह भी बताया कि इस जगन्नाथ मंदिर का उद्घाटन अक्षय तृतीया के दिन किया जाएगा. पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से लगभग ढाई सौ करोड़ रूपये की मदद से दीघा में समुद्र किनारे पुरी जगन्नाथ मंदिर की तर्ज पर यह मंदिर बनाया जा रहा है. ममता बनर्जी ने बताया कि 20 एकड़ में बन रहे इस मंदिर का निर्माण कार्य लगभग तीन महीने में पूरा हो जाएगा.
मंदिर की कमेटी में इस्कॉन के पदाधिकारी भी शामिल
इस जगन्नाथ मंदिर की कमेटी में इस्कॉन के पदाधिकारी राधारमण दास को भी शामिल किया गया है. पश्चिम बंगाल के पूर्व मिदनापुर में ओडिशा की सीमा के पास दीघा समुद्र तट पर बहुत बड़े इलाके में इस मंदिर का निर्माण कार्य जोरों शोरों से जारी है इसका जायजा लेने के लिए ममता बनर्जी यहां पहुंची थीं.
शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी के साथ इस्कॉन के पदाधिकारी राधा रमण दास की उपस्थिति पर भी गहरी आपत्ति जताई और कहा है कि राधारमण दास ने क्यों इन बातों का विरोध नहीं किया कि पुरी जगन्नाथ धाम मंदिर की नकल नहीं बनाई जा सकती.