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बंगाल टैब स्कैम: स्कूलों का बैंक अकाउंट हैक, 62 छात्रों को नहीं मिले पैसे, पुलिस और CID की कार्रवाई में 8 गिरफ्तार

पुलिस ने दावा किया है कि प्रारंभिक जांच में पता चला है, "कुछ पेशेवर हैकर्स ने स्कूलों को टारगेट किया और स्कूलों के यूजर आईडी, पासवर्ड को हैक करने में कामयाब रहे. इसके बाद स्कूलों के बैंक अकाउंट्स को छात्रों के बैंक अकाउंट्स से बदल दिया."

बंगाल टैब स्कैम (तस्वीर: Meta AI) बंगाल टैब स्कैम (तस्वीर: Meta AI)
सगाय राज
  • कोलकाता,
  • 14 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 2:00 PM IST

पश्चिम बंगाल (West Bengal) की राजधानी कोलकाता सहित कई पुलिस स्टेशनों पर टैब घोटाले की एक के बाद एक शिकायतें दर्ज की जा रही हैं. बंगाल सीआईडी ​​और कोलकाता पुलिस के जासूसी विभाग ने पहले ही जांच शुरू कर दी है और कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है. बंगाल सरकार, पात्र युवा छात्रों को टैब खरीदने के लिए दस हजार रुपये देती है, जिससे उन्हें पढ़ाई में मदद मिल सके. संबंधित स्कूल अधिकारियों द्वारा अपने पात्र छात्रों का डेटा और बैंक अकाउंट डीटेल्स एक विशेष सरकारी पोर्टल पर डालने के बाद अलॉटेड मनी सीधे उनके अपने बैंक अकाउंट में क्रेडिट हो जाता है.

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स्कूल अधिकारियों को डेटाबेस बनाने के लिए अपने और स्कूल के यूजर आईडी का उपयोग करके पोर्टल पर लॉग इन करना होता है. पुलिस ने दावा किया है कि प्रारंभिक जांच में पता चला है, "कुछ पेशेवर हैकर्स ने स्कूलों को टारगेट किया और स्कूलों के यूजर आईडी, पासवर्ड को हैक करने में कामयाब रहे. इसके बाद स्कूलों के बैंक अकाउंट्स को छात्रों के बैंक अकाउंट्स से बदल दिया. इसके बाद, राज्य सरकार द्वारा भेजी गई आवंटित राशि स्टूडेंट्स के बैंक अकाउंट्स के बजाय अज्ञात खाते में जमा हो गई.

62 स्टूडेंट्स के नहीं मिले रुपए

बुधवार रात तक कोलकाता पुलिस के अंडर ही कोलकाता के 6 थानों में टैब घोटाले के 6 केस दर्ज किए गए. पुलिस का दावा है कि जादवपुर थाना, कसबा थाना, सरसुना थाना, बेनियापुकुर थाना, मानिकतला थाना और वाटगंज थाना में एक-एक केस दर्ज किया गया है. आरोप है कि इन 6 थाना क्षेत्रों में कुल 62 छात्रों को टैब खरीदने के लिए पैसे नहीं मिले हैं. 

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कोर्ट में पेश किए गए आरोपी

दूसरी तरफ, कोलकाता पुलिस ने सरसुना थाने में दर्ज टैब घोटाले के एक मामले में दो युवकों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान सरीफुल इस्लाम और कृष्णपद बर्मन के रूप में हुई है. उत्तर दिनाजपुर के चोपड़ा में कोलकाता पुलिस ने उनके घर पर छापेमारी कर दो लोगों को गिरफ्तार किया था. बुधवार को जब गिरफ्तार आरोपियों को इस्लामपुर अदालत में लाया गया, तो दोनों आरोपियों को अदालत ने 3 दिनों की ट्रांजिट रिमांड दी. गिरफ्तार दोनों युवकों से पूछताछ के बाद जांचकर्ताओं को पता चला कि उनके खातों में 10,000 रुपये आए थे. 

यह भी पढ़ें: पश्चिम बंगाल: लॉटरी घोटाला मामले में ED का बड़ा एक्शन, कई जगहों पर छापेमारी

'किराए पर लिया गया था अकाउंट'

पुलिस सूत्र का कहना है कि किसी और ने घोटाले के लिए उनके बैंक अकाउंट को किराए पर लिया और उन्हें इस काम के लिए प्रति व्यक्ति 300 रुपये का कमीशन दिया. गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि उन्हें ट्रांजैक्शन के बारे में कुछ भी पता नहीं है. उन्होंने कमीशन के बदले में अपना अकाउंट किसी और को इस्तेमाल करने के लिए दिया था.

जिस व्यक्ति ने उनके बैंक अकाउंट का इस्तेमाल करने के लिए किराए पर लिया, वह भी उत्तरी दिनाजपुर के उसी इलाके का रहने वाला है. पुलिस ने पहले ही उस व्यक्ति की पहचान कर ली है और तलाश जारी है. कोलकाता पुलिस का दावा है कि घोटाले की जड़ तक पहुंचने के लिए फॉरेंसिक ऑडिट किए जाएंगे और सभी ऑफिस कंप्यूटर्स के आईपी एड्रेस की जांच की जाएगी. कोलकाता में दर्ज शिकायतों की जांच में पाया गया कि ज्यादातर मामलों में पैसा चोपड़ा, इस्लामपुर और आस-पास के इलाकों के निवासियों के बैंक अकाउंट्स में गया है.

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अब तक दर्ज हुए 56 मामले

बुधवार रात तक राज्य भर में टैब घोटाले की कुल 56 शिकायतें दर्ज की गई हैं. इनमें से अकेले झारग्राम जिले में 10 शिकायतें दर्ज की गई हैं. बंगाल पुलिस ने पिछले 24 घंटे में 4 लोगों को गिरफ्तार किया है. बुधवार रात तक बंगाल पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए लोगों की कुल संख्या 8 है.

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