अफगानिस्तान में पिछले 20 सालों से तालिबान और अमेरिकी सैनिकों की जंग जारी है. अब विदेशी सैनिकों की वापसी हो रही है और तालिबान फिर सिर उठा रहा है. आतंकी संगठन का दावा है कि उसने अफगानिस्तान के 85 फीसदी हिस्सों पर कब्जा कर लिया है. इससे अफगानिस्तान सरकार के साथ-साथ दुनिया के कई देश चिंतित हैं. मगर सबसे बड़ा दर्द है हिंसा की मार झेल रहे अफगान लोगों का, जिनका जीवन और मुश्किलों से घिरता जा रहा है.
अफगानिस्तान के जो हालात हैं, उससे लगता है कि यहां सिर्फ जंग चलती है. लेकिन ऐसा नहीं है. अफगानिस्तान अपनी अलग संस्कृति और खूबसूरती के लिए भी जाना जाता है. अफगानिस्तान में जारी संघर्ष के बीच हम आपको अफगान लोगों के रोजमर्रा के जीवन की तस्वीरों से रू-ब-रू करा रहे हैं.
कंधार गली में बिक रहे कुरकुरे और सेहतमंद मेवे भी दिखे. अफगानिस्तान के मेवे दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं. भारत में अफगान लोग मेवे बेचने के लिए आया करते थे.
कंधार बाजारों में रंगीन कैंडीज बेचता एक दुकानदार, इसे अफगान बच्चों में सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है.
अफगान लोगों की वेशभूषा से लेकर खान-पान का ढंग, सब बेहद अनोखा है. अफगानिस्तान में मेहमानों को कांच के कप और पीतल की केतली में ग्रीन टी परोसी गई.
कंधार में सड़क किनारे चमड़े के बने जूते-चप्पल की दुकान और खरीदार है एक छोटा सा बच्चा. दुकानदार की ये जीवंत मुस्कान भी देखने वाली है.
रोटी के साथ तला हुआ मटन अफगानिस्तान का आम स्ट्रीट फूड है. इसे लोग काफी पसंद करते हैं.
हालांकि, कोरोना महामारी के चलते अफगानिस्तान में बाजार में लोग कम नजर आ रहे हैं. फिर भी स्ट्रीट फूड की दुकानें सजी हुई दिखीं.
ग्राहकों के इंतजार में फुटपाथ पर फटे जूते-चप्पल की मरम्मत करने वाला बुजुर्ग शख्स.